Saturday 17 April 2021

श्रीमान, मेरे कुर्सी के राइट हैंड में पुश बटन है.. !!

कोर्ट में मौजूद हर व्यक्ति हेनरी फोर्ड की बात सुन रहा था। फोर्ड जो मल्टी मिलिनेयर, आइकन, कारों के व्यापारी और देश का एक बड़ा नाम थे.. वकील के प्रश्नों के उत्तर दे रहे थे। फोर्ड व्यापार के अलावे समसामयिक मसलों पर भी राय रखते थे। 

राय रखना लोगो को नागवार भी गुजरता है। जाहिर है, बोलने वाले के खिलाफ मानहानि के दावे भी हो सकते हैं। फोर्ड ऐसे ही मानहानि के एक मुकदमे में अपना बचाव कर रहे थे।

वकील, जिस विषय पर उन्होंने बयान दिया था, को छोड़कर, सारे सवाल पूछ रहा था। उसका पॉइंट था, कि फोर्ड सफल व्यापारी जरूर है,मगर देश के गद्दार है,पप्पू, बेवकूफ, और मंदबुद्धि हैं।

वकील- जनाब फोर्ड, बेनेडिक्ट अर्नाल्ड कौन था ? 

फोर्ड- सर , वो आजादी के सिपाही थे, मगर मुझे ज्यादा नही पता । 

वकील- आप उस महान जरनल को नही जानते। अमेरिकी आजादी के जनरल को नही जानते। वाह, .. अच्छा ये बताइये कि, अफ्रीका से जो जहाज से नीग्रोज को पहली बार लाया, उसका क्या नाम था?? 

फोर्ड- सर ,मुझे नही पता

वकील- आपको अमेरिका के इतिहास की जानकारी नही। ये बताइये, ब्रिटेन ने 1776 में क्रांति को कुचलने के लिए कितने सैनिक भेजे थे

फोर्ड- सर, यह मेरी जानकारी में नही है। 

वकील- आपको बेसिक जानकारी भी नही है, और आप दुनिया को ज्ञान देते फिरते हैं जनाब।

"मेरी कुर्सी के राइट हैंड में एक पुश बटन है जनाब"- 
फोर्ड ने बात काटते हुए कहा। 
"उस बटन को जब मैं दबाता हूँ, मेरे कर्मचारियो की टीम हाजिर हो जाती है। सभी देश के बड़े विश्वविद्यालयों से पढ़े हैं, दुनिया का हर ज्ञान उनके पास है, जो एक बटन दबाने से मुझ तक आ जाता है। जब यह ज्ञान मुझे बटन दबाने से उपलब्ध है, मैं क्यो अपने पास अनावश्यक जानकारियों का भंडार रखूं।"

कोर्ट में फोर्ड की प्रभावशाली आवाज गूंज रही थी - 
"इन सारी जानकारियों की वजह से वे मेरे कर्मचारी है। भले ही मुझे इंजन की संरचना का ज्ञान नही, एयरोडायनामिक्स मैंने नही पढ़ी। मगर मैं जानकारी निकलवा लेता हूँ कि कारें सस्ती कैसे बने। कैसे वे और सुंदर, उपयोगी और चलाने में आसान बने। कई बार उनके पास भी जवाब नही होता, मगर वे खोजकर लाते हैं जनाब। क्योकि ऐसी खोज के लिए ही मैंने उन्हें जॉब दिया है" 
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लीडर को आइंस्टीन+आर्यभट्ट+सुकरात+ धन्वंतरि+ जेम्स बांड+अकेला चलता शेर चीता हाथी या बैल होना जरूरी नही। 

उसका सदनीयत, उत्सुक, कल्पनाशील, दयावान होना अनिवार्य है। अपने लोगो के विश्वाश की महती जिम्मेदारी के बोझ तले, झुक कर विनम्र रहना जरूरी है। अकड़, घमण्ड और सर्वज्ञानी होने के मद के चूर होकर आदेश फेंकने की बजाय, पद में छोटे मगर विषय के जानकार से उचित प्रश्न कर लेना जरूरी है। जब आपका एक फैसला लाखों जिंदगियां, और उनकी अगली पीढ़ियों का भविष्य तय करने वाला हो, तो एक पल...बस एक पल ठहर कर..

कुर्सी के राइट हैंड पर लगा पुश बटन दबा देना जरूरी है।

मनीष सिंह
(Manish Singh)

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