Wednesday 14 April 2021

पाकिस्तान का इतिहास - भूमिका


भूमिका 

पाकिस्तान का इतिहास हमने कहाँ पढ़ा है? भारतीयों ने बहुधा भारत में पढ़ा होगा। पाकिस्तानियों ने पाकिस्तान में। अन्य देश के लोगों ने किसी अंग्रेज़ी किताब या अनुवाद में पढ़ा होगा।

भारत में वर्तमान पाकिस्तान क्षेत्र का इतिहास विस्तार से पढ़ाया गया है, जिसमें सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर विभाजन तक का विवरण है। उसके बाद वह चूँकि भारत का हिस्सा नहीं रहा, तो उस देश का इतिहास भी स्कूली इतिहास में कुछ भारत-पाक युद्धों और साधारण राजनैतिक खाके तक सिमट गया।

पाकिस्तानी विद्यालयों में इतिहास विषय को भारत की ही तरह ‘समाज विज्ञान’ के अंतर्गत ले आया गया। वहाँ यह आठवीं कक्षा तक मु’असराती-उलूम (सोशल स्टडीज़) के अंतर्गत और नौवीं कक्षा से मुताला-ए-पाकिस्तान (पाकिस्तान स्टडीज़) विषयों के रूप में पढ़ाया जाता है। वहाँ भी अलग-अलग प्रांतों के अपने पाठ्यक्रम शिक्षा मंत्रालय द्वारा जाँच कर स्कूलों के लिए निर्गत किए जाते हैं। इन किताबों में पाकिस्तान देश के इतिहास के अतिरिक्त प्रांतीय इतिहास भी शामिल किया जाता है, जैसे पंजाब, सिंध आदि।

इस बात पर अनेक लेख मिल जाएँगे कि किस तरह भारत में पढ़ाया जाने वाला पाकिस्तान का इतिहास, और पाकिस्तान में पढ़ाया जाने वाला भारत का इतिहास, एक-दूसरे के विलोम हैं। ऐसे पड़ोसी देश जिनके विभाजन से अब तक संबंध बिगड़े ही हुए हैं, इस तरह का विरोधाभास स्वाभाविक है। 2019 में पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ के लेख से पहले भारत के अरुण शौरी और पाकिस्तान के के. के. अजीज अपनी-अपनी पुस्तकों में विस्तार से पाकिस्तान में पढ़ाए जा रहे विकृत इतिहास पर भौहें सिकोड़ चुके हैं। 

तीसरा इतिहास जो यूरोप-अमरीका के लोगों तक पहुँचा, वह क्या कहता है? वह इतिहास इस भारत-पाकिस्तान द्वंद्व से इतर भी लिखा गया, और केंद्र में रख कर भी। यह संभव है कि उन्होंने दोनों देशों के इतिहासकारों को पढ़ कर राय बनायी होगी। यह भी संभव है कि वे पाकिस्तान में घूम कर या कुछ समय बिता कर इतिहास लिखते होंगे। या यह संभव है कि उन्हें उतना ही मालूम होगा, जितना उन्हें बताया गया होगा। अमूमन मूल स्थान के लोग बाहरी लोगों द्वारा लिखे इतिहास को ‘टिप ऑफ आइसबर्ग’ कह कर ख़ारिज कर देते हैं। 

एक भारतीय होने के नाते मेरे लिए पाकिस्तान का इतिहास या उसका एक अंश लिखना इसलिए कठिन है क्योंकि मैं कभी पाकिस्तान गया नहीं। चूँकि मैं इतिहासकार नहीं, इसलिए मेरा प्रशिक्षण भी नहीं। मगर एक विद्यार्थी होने के नाते इन तीनों दृष्टियों से गुजरते हुए सवाल रखना आसान है। उदाहरणस्वरूप, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पहली कक्षा की किताब के सोलहवें पन्ने पर एक प्रश्न लिखा है- पाकिस्तान किसने बनाया?

उत्तर है- कायद-ए-आजम ने

अगर भारत के पहली कक्षा (पाँच-छह वर्ष) के बच्चे से यही प्रश्न पूछा जाए कि भारत किसने बनाया तो, क्या वह जवाब दे पाएगा/पाएगी?

क्या पाकिस्तान के लिए भी यह प्रश्न इतना सरल है?
(क्रमश:)

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(Praveen Jha प्रवीण झा)
#vss

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