Thursday, 1 April 2021

रेलवे के चार्जिंग पॉइंट रात 11 बजे से सुबह 5 तक ऑफ रहेंगे - एक तुगलकी फरमान

जनहित को ध्यान में रख कर सरकार कोई योजना बनाती भी है ? बचत योजनाओं के ब्याज में कटौती का आदेश  तो गलती से हो गया था।

अब इस आदेश को देखिए जो सरकार ने सोच समझ कर लिया है !
" ट्रेन में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक चार्जिंग पॉइंट ऑफ रहेगा। "

अगर रात कोई ट्रेन में सवार हो, और उसके मोबाइल की बैटरी कम हो गयी हो, और उसने सोचा कि रात में जितनी देर वह सोएगा, उतनी ही देर में उसकी बैटरी भी पूरी तरह से चार्ज हो जाएगी और जब सुबह अपने गंतव्य पर पहुंचेगा तो, उसका मोबाइल तैयार रहेगा।

पर आह, हतभाग्य मनुष्य, सोचा भी कभी पूरा हुआ है ! अब जब वह यात्री अपने गंतव्य पर यदि 5 बजे के पहले पहुंच गया और सुबह सुबह अपने मोबाइल का इस्तेमाल करना चाहा, तो वह क्या करेगा ?

सरकार इस बात पर कभी सोचती ही नहीं कि, एक सामान्य आदमी मुसीबत में क्या करेगा !

वह बस यह सोचती है कि,
● उसके चहेते पूंजीपति, कैसे अपनी चर्बी बढ़ाते रहे।
● कैसे एचएएल को बेदखल कर के एक दिवालिये पर चहेते पूंजीपति को लाभ पहुंचाया जाय।
● कैसे ऑस्ट्रेलिया में जाकर एक अन्य चहेते पूंजीपति को कोयले का ठेका दिला दिया जाय ।
● कैसे एक एक कर के सारे हवाई अड्डे और बंदरगाह एक ही पूंजीपति को बेच दिए जाय।
● किसानों की आय दुगुनी करने का झांसा फैला कर कैसे पूरा कृषितंत्र गिरोही पूंजीपतियों को सौंप दिया जाय।
● कैसे जनता की सम्पदा और लाभ कमाने वाली बड़ी बड़ी सरकारी कंपनियां, निजीकरण की आड़ में अपने चहेतों को हस्तांतरित कर दी जाय।
● कैसे चुनाव के दौरान मिले काले धन के चंदो से, विधायको को तोड़ कर अपनी सरकार बना ली जाय।
● कैसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का वातावरण बना कर समाज मे जहर फैलाये रखा जाय और फिर इसी की राह पर चुनाव लड़ा जाय 

सरकार के पास जनता के लिये सोचने का समय हो तो भी जनता के बारे में सोचने का इरादा नहीं है।

कमाल यह भी है कि चार्जिंग पॉइंट रात में बंद होने के लिये तर्क है कि आग लग सकती है ?
क्या इसी आधार पर दुनियाभर में ट्रेन और बसों में चार्जिंग पॉइंट बंद रहते हैं ?
समस्या आग नहीं है, समस्या है जनता की यह समस्या कि रात में इमरजेंसी में यदि उसे चार्जिंग की ज़रूरत होगी तो उसके इस समस्या के लिये क्या किया जाय, पर कुछ भी सोचने का इरादा ही नहीं है।
कल इसी तर्क पर एयरकंडीशनर भी बंद हो सकते हैं। और सरकार के दुंदुभिवादक उसमे भी यह तर्क ढूंढ लेंगे कि आग लग सकती है। आग तो अभी हाल ही में शताब्दी के जेनरेटर वैन में लग गयी तो क्या उसे बंद कर दिया गया ?

"स्मार्टफोन की बैटरी चार्जिंग से आग लगने का खतरा होता है, इसीलिए रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक ट्रेन  के डिब्बों में लगे चार्जिंग पॉइंट बंद रखने का निर्णय लिया गया है।" 

यह कहना है सरकार और सरकार की तरफ से इस क़दम को जायज ठहराने वाले मित्रों का। अब यह खबर भी पढिये।
" आज के स्मार्टफोन में ऐसी तकनीक है कि, वे जैसे ही फुल हो जाते हैं, उनकी चार्जिंग अपने आप ही बंद हो जाती है।"

रेलवे ने बेड रोल बंद कर दिए हैं। कहता है विभाग कि, कोरोना के काऱण बंद कर दिया गया। कोरोना के ही कारण बड़े सैनेटाइजिंग प्लांट बना कर यह व्यवस्था नहीं लागू की जा सकती है ?

दरअसल  सरकार के जेहन में ही घुस गया है कि जनहित की बात सोचो ही नही। अफसर तो पहले भी वैसे ही नही सोचते थे। अब तो नेता भी नही सोचने लगे है। कम्बल तकिया चादर सब बंद। किराए के सारे कन्सेशन बंद। हर किराए में बढोत्तरी।
यह सब क्या है ?

( विजय शंकर सिंह )

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