ग़ालिब - 50.
इब्ने मरियम हुआ करे कोई,
मेरे दुख की दवा करे कोई !!
मेरे दुख की दवा करे कोई !!
Ibne Mariyam huaa kare koi,
Mere dukh kii dawaa kare koi !!
- Ghalib
Mere dukh kii dawaa kare koi !!
- Ghalib
इब्ने मरियम, मरियम का बेटा यानी ईसा मसीह, जो भी हो, वह अगर मेरे दुख का उपचार कर सके तो उसे मैं मानूँ।
ईसा मरियम के बेटे थे। बाइबिल में उन्हें एक चमत्कारिक व्यक्ति कहा गया है। कहा जाता है कि वे चमत्कार से लोगों का रोग, दुःख और कष्ट हर लिया करते थे। ग़ालिब उनके चमत्कार को चुनौती देते हुये कहते हैं कि, होंगे ईसा चमत्कारी, पर वह मेरा दुःख दूर करें तो उनके चमत्कार को मैं मानूँ। आलोचक यहां गालिब के दुःख का अर्थ इश्क़ के गम को या प्रेम जन्य कष्ट के निवारण की अपेक्षा ईसा के चमत्कार से कर रहे हैं।
इसी से मिलता जुलता मोमिन का यह शेर पढ़ें,
करते वफ़ा, उम्मीदे वफ़ा पर तमाम,
पर क्या करें कि इनको सज़ा इम्तेहां नहीं !!
( मोमिन )
पर क्या करें कि इनको सज़ा इम्तेहां नहीं !!
( मोमिन )
प्रेम के प्रतिदान की आशा में हम खुद को प्रेम पर ही अर्पित कर देते, पर वे प्रेम की परीक्षा लेना ही नहीं चाहते ।
यदि वे मेरे प्रेम की गहराई की परीक्षा लें तो हम उनके प्रेम पर अपनी जान भी दे दें। पर वे मेरे प्रेम की परीक्षा लेते ही नहीं है। यह प्रेम की व्याकुलता का उद्दाम भाव है।
© विजय शंकर सिंह
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