ज़हर तो अब फैलने लगा। इस ज़हर की तासीर ही ऐसी है कि जब चुनाव नजदीक आता है तो फैलने लगता है। त्रिपुरा में लेनिन का बुत ढहाया गया, और उसकी प्रतिक्रिया चेन्नई में पेरियार के बुत पर हमला कर के हुयी। एक सक्षम सरकार का दायित्व और कर्तव्य है कि वह जैसे ही त्रिपुरा में हिंसक खबरों की बात फैले और मूर्ति को गुंडो द्वारा गिराये जाने की खबर मिले उसे तुरंत ही कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिये कदम उठा लेना चाहिये था। स्थानीय पुलिस ने ज़रूर कदम उठाये होंगे। पर प्रशासन और पुलिस ऐसे मौकों पर सरकार की नज़र का मुन्तज़िर रहता है। भाजपा का राजनीतिक बयान इन गुंडों के खिलाफ और हिंसक लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के पक्ष में आना चाहिये था। लेकिन बयान आया कि लेनिन विदेशी थे, और उनकी मूर्ति तोड़ने और त्रिपुरा में हिंसा के खिलाफ एक भी जिम्मेदार पदाधिकारी या सरकार ने कुछ नहीं बोला।
लेनिन का भारत के चुनाव में कोई वजूद पहले भी नहीं था, और अब भी नहीं है। सरकार ने सोचा यह आखिरी मूर्तिभंजन है। और इस से भाजपा की राजनीति को कोई नुकसान भी नहीं होगा। लेकिन त्रिपुरा से हज़ारों किलोमीटर दूर चेन्नई में एच राजा नाम के एक अनाम भाजपा नेता ने लेनिन की मूर्ति भंजन को सही ठहराते हुए पेरियार जो द्रविड़ अस्मिता के प्रतीक हैं की प्रतिमा भी क्षतिग्रस्त कर दी। पेरियार का क्या महत्व है दक्षिण भारत मे यह सरकार और भाजपा अच्छी तरह जानती है। आज के सूचना क्रांति के युग मे पेरियार की प्रतिक्रिया पंजाब तक मे हो सकती है । तुरन्त प्रधानमंत्री जी ने मूर्तिभंजन की निंदा कर दी। उधर कोलकाता में डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी जो भाजपा के पितृपुरुष हैं वे भी नहीं बचे। गुंडे का कोई सगा नहीं होता है।
अब यह खबर पढिये, इंडियन एक्सप्रेस की जो चेन्नई से है। एक ग्रुप ने 10 व्यक्तियोँ के यग्योपवीत को काट कर फेंक दिया । यह पेरियार की वेल्लोर में तोड़ी गयी मूर्ति की प्रतिक्रिया है। दक्षिण भारत मे ब्राह्मण विरोध बहुत ही बड़ा मुद्दा रहा है। पेरियार ने एक दफा स्वतन्त्र द्रविड देश की मांग भी की थी। द्रविड़ कषगम उन्ही की मूल पार्टी थी। यही टूट कर द्रविड़ मुनेत्र कषगम डीएमके, अन्ना डीएमके, एमडीएमके आदि दलों में बंट गयी है।
A group of men went on a rampage cutting off sacred threads of ten people in Triplicane near Chennai on Wednesday morning, in a possible retaliation to the vandalism of Periyar bust in Vellore which followed BJP leader H Raja’s call to bring down the Dravidian icon’s statues.
The Chennai Police is out to nab the eight men who were reportedly raising pro-Periyar slogans before cutting off the sacred threads worn by bare-chested men returning from temples, The Indian Express said.
भाजपा सरकार में है। उसे यह जिम्मेदारी पूर्वक सोचना होगा कि उसका कैडर कोई ऐसा काम न करे जिससे सरकार की सरकारी भूमिका असहज हो। विपक्ष तो तैयार ही है। वह तो सरकार को बेनकाब और असहज करने का मुद्दा कभी नहीं छोड़ेगा। वह और अवसर ढूंढेंगा। यही राजनीति है। सरकार चलाना सीखिये सरकार । निंदा से कुछ नहीं होता है कार्यवाही से होता है। शासन दण्ड से चलता है। ट्वीट से नहीं।
अरे हाँ, ट्वीट से याद आया, राम माधव जो भाजपा के बड़े नेता हैं और आरएसएस के हैं, शुद्ध संस्कारवादी जीव हैं ने त्रिपुरा की हिंसा पर एक ट्वीट किया था, जिसमे एक शब्द था बांग्ला का चलो पलटाई। चलो सब पलट दें। अब मक्खी भगाने वाले गुरु शिष्य की कथा याद आ गयी। चेले ने देखा कि गुरु के नाक पर एक मक्खी बार बार बैठ कर व्यवधान कर रही है तो, उसने उस मक्खी को भगाने के लिये ज़ोर से डंडा मारा, मक्खी का तो कुछ नहीं बिगड़ा पर गुरु जी की नाक ज़रूर टूट गयी। लगता है, चलो पलटाई शब्द को राम माधव ने ऐसे ही ले लिया होगा। यह ट्वीट बाद में डिलीट कर दिया।
© विजय शंकर सिंह
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