Tuesday, 4 January 2022

पढ़ा लिखा व्यक्ति भी सोहबत बिगड़ते ही, बुद्धिविरोधी हो जाता है / विजय शंकर सिंह


भाजपा के सांसद और प्रवक्ता डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने आजतक चैनल पर एक बहस के दौरान एक चुनौती दी थी कि, कोई भी व्यक्ति उन्हें धोती पहने हुए जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर नहीं दिखा सकता है। डॉ त्रिवेदी ने अपने बहासिया  लहजे में आरोप लगाया कि, उस समय (स्वाधीनता संग्राम के समय) के अन्य नेताओं ने धोती-कुर्ता पहना था, जबकि नेहरू अचकन पहनते थे।  

यह समझना कोई रॉकेट साइंस नहीं है कि, उन्होंने इस बयान से क्या संकेत देने की कोशिश की है । कपड़ो से लोगों को पहचानने का जब हुनर मन मस्तिष्क में इंजैक्ट कर दिया जाता है तो सुधांशु जी जैसे पढ़े लिखे और असली डिग्री वाले सज्जन भी गोएबेलिज़्म या दुष्प्रचारवाद के संक्रमण से बच नहीं पाते हैं।   

हम उनकी सोच और मानसिकता की कोई पड़ताल और उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते और न उस स्तर तक पहुंचना चाहते हैं, लेकिन कम से कम हम उन्हें धोती पहने हुए नेहरू की कुछ तस्वीरें ज़रूर दिखाना चाहते हैं ताकि भविष्य की बहस में उन्हें नेहरू के पहनावे के बारे में भी पता चल सके।


( विजय शंकर सिह )

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