Thursday, 15 August 2019

नागालैंड ने 14 अगस्त को अलग स्वतंत्रता दिवस मनाया / विजय शंकर सिंह

नागा और भारत सरकार ने आपसी समझौता कर के अलग ध्वज और विशेष दर्जे की बात नागालैंड के लिये यह मान ली है। हालांकि भारत सरकार ने अभी आधिकारिक रूप से इस विषय मे कुछ नहीं कहा है। पर  वार्ता में शामिल रहे एनएससीएन ( आईएम ) NSCN(IM) का कहना है की आपस मे यह समझौता हो गया है कि नागालैंड का अलग संविधान और झण्डा होगा।

नागालैंड के इतिहास को देखें तो यह कभी भी भारत का हिस्सा प्राचीन काल में नहीं रहा ,जब बर्मा ने 1826 से पहले आसाम,मणिपुर के साथ इस इलाके पर कब्जा किया तो ईस्ट इंडिया कम्पनी ने बर्मा से युद्ध के इस क्षेत्र को ब्रिटिश भारत में मिलाया,यांदबु की सन्धि के द्वारा 1826 में.

सौरभ कुमार सिंह के अनुसार, ।नागा स्वतंत्रता प्रिय कबीले हैं , ईस्ट इंडिया कम्पनी ने जब अंग्रेजों ने नगाओं के इलाके पर कब्जा करने की कोशिश की तो नगाओं नो जोरदार विरोध किया। लेकिन 1866 में ब्रिटिश ने दिमापुर के करीब समागुतिंग में जिला मुख्यालय खोला। बाद में उसे 1878 में कोहिमा शिफ्ट कर दिया।

भले ही अंग्रेजों ने नगाओं के एक बड़े इलाके पर कब्जा कर लिया लेकिन उनके रहन-सहन और रीति-रिवाजों में 'कम हस्तक्षेप' करनी की नीति अपनाई। 1870 में ब्रिटिश सरकार ने बंगाल-ईस्टर्न फ्रंटियर रेग्युलेशन पास किया। इस कानून में एक प्रावधान था जिसकी मदद से मैदानी इलाके के लोगों के नगा इलाकों में जाने पर रोक लगा दी गई। सिर्फ ईसाई मिशनरियों को ही जाने की अनुमति थी।

इसका नतीजा यह हुआ कि करीब-करीब पूरी नगा जनजाति ईसाई धर्म में कन्वर्ट हो गई। नगालैंड की 90 फीसदी से ज्यादा आबादी ईसाई है और उनमें से भी ज्यादातर बापतिस्त है। नस्ली तौर पर ये मंगोलिआइ कबीले हैं जिनके धर्म व विश्वास अपने थे,ईसाई होने से पहले वहां आदमखोर कबीले भी थे.जिसके पास जितने कटे हुए सिर होते थे,वो उतना ही श्रेष्ठ माना जाता था.बेहद युद्ध प्रिय कबीले हैं ये.मार्शल आर्ट के माहिर!

1955 में नेहरू सरकार ने यहां सैन्य कायर्वाही कर इस इलाके को पूरी तरह से भारतीय क्षेत्र में शामिल किया,1963 में इसे आसाम से अलग, अलग राज्य का दर्जा मिला.

यहां धारा 371 लागू है,ग्रेटर नागालैंड की मांग पुरानी है जिसे भारत और म्यांमार दोनो ठुकरा चुके हैं. मोदी सरकार ने अति उत्साह में पहले ही प्रतिक्रिया देकर अब मामले को पेचीदा कर दिया है जबकि अभी कोई पुष्ट समझौता नहीं हुआ है. झण्डा शायद पहली बार लहराया गया....लेकिन नगा झंडे पहले से कबीले के आधार पर अलग अलग हैं.

© विजय शंकर सिंह

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