अभी कुछ दिन
मुझे ,
मेरी मुहब्बत आज़माने दो,
मुझे खामोश रहने दो !
सूना है , इश्क़ सच्चा हो तो
,
खामोशी लहू बन
कर ,
रगों में नाच
उठती है।
ज़रा उस की
रगों में ,
खामोशी को झूम
जाने दो,
अभी कुछ दिन
मुझे ,
मेरी मोहब्बत आज़माने दो !
उसे मैं क्यों बताऊँ ,
मैंने उसको कितना चाहा है !
बताया,
झूठ
जाता है ,
कि सच्ची बात
की खुशबू तो
,
खुद महसूस होती है !!
मेरी बातें ,
मेरी सोचें ,
उसे खुद जान
जाने दो ,
अभी कुछ दिन
मुझे ,
मेरी मोहब्बत आज़माने दो !!
-vss
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