Saturday 22 May 2021

जोश मलीहाबादी को याद करते हुए

ऐ मलिहाबाद के रंगीं गुलिस्तां अलविदा
अलविदा ऐ सरज़मीन-ए-सुबह-ए-खन्दां अलविदा..

जोश मलीहाबादी की खूबसूरत नज़्म है जिसमें वो शिद्दत से   मलिहाबाद से दूर जाने का दर्द बयान करते है। इसे उन्होंने दकन जाने पर लिखा था। मलिहाबाद की आबोहवा में इसे आज भी गूँजता हुआ महसूस किया जा सकता है। इसके लफ़्ज़ों में जो नम उदासी है उसे बरतने की सलाहियत अवध की मिट्टी में घुली हुई है।

जोश साहब 'यादों की बारात में' अपनी जिंदगी पर तफ़सील से लिखते हैं। 22 फरवरी,1982 को उन्होंने जन्नत का रुख कर हम सबको अलविदा कहा।  बरकत और शोहरत के साये में बीती उनकी जिंदगी के कुछ दिलचस्प किस्सों पर नज़र डालते हैं।

एक दफा उनके दोस्तों ने जोश साहब को यूनाइटेड कॉफ़ी हाउस कॉफ़ी पीने के लिए बुलाया। कॉफ़ी और सैंडविच खाने के बाद जोश  कुछ वक्त के लिए टेबल से परे हटे। वापसी की तो देखा मित्र मण्डली गायब ।  बैरा आया उसने जोश के सामने बिल पेश किया। बिल देख वह पसोपेश में पड़ गए।

उनके पास बिल देने लायक पैसे नहीं थे। मैनेजर ने सुझाया  कि बिल की  एवज़ में अपनी शेरवानी गिरवी रख दें। जोश ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की। लेकिन मैनेजर किसी सूरत नहीं माना । आखिर जोश को अपनी शेरवानी उतारनी ही पड़ी ।इत्तेफ़ाकन उन्होंने शेरवानी के नीचे कुछ पहना भी न था ।

जब वो बनियान और पायजामा पहने कॉफ़ी हाउस से बाहर निकल रहे थे उसी वक़्त कॉफ़ी हाउस के मालिक किशनलाल कालरा अंदर घुसते हुए उनसे  टकरा गए। उन्होंने जोश को पहचाना और पूछा, ' हुज़ूर आप यहाँ कैसे?' जोश ने किशनलाल को पूरा किस्सा सुनाया। नतीजन मैनेजर को खूब डांट पड़ी । शेरवानी पहन जोश बाइज्जत वापस लौटे।

एक बार जोश पाकिस्तान में मशहूर आर्टिस्ट ज़िया मोहिउद्दीन और कराची के जल विभाग के प्रमुख के साथ एक टीवी शो कर रहे थे। ज़िया ने उनसे सवाल किया, "जोश साहब, आपके इलाक़े में पानी की तो कोई समस्या नहीं है?" जोश बोले, "भाई पानी तो कभी-कभी आता है, लेकिन बिल बाक़ाएदगी से हर महीने  की पहली तारीख़ को आ जाता है। उस्मान साहब (बिजली विभाग के प्रमुख) का बस चले तो करबला में इमाम हुसैन को भी पानी का बिल दे देते।"

जमात-ए-इस्लामी के अमीर मौलाना मौदूदी से उनके धार्मिक मतभेद थे, बावजूद इसके जोश उन्हें अपना दोस्त मानते थे । एक बार जोश अस्पताल में चेकअप के लिए जा रहे थे तो अस्पताल के गेट पर उन्हें मौदूदी मिल गए। उन्होंने मौलाना से पूछा, "आप यहाँ किसलिए?" मौलाना ने कहा, "गुर्दे में पथरी आ गई है, उसी का इलाज कराने आया हूँ।" जोश ने जवाब दिया , "मौलाना मेरे ख़्याल से अल्ला मियाँ तुम्हें अंदर से संगसार कर रहा है। "

अनन्या सिंह
© Ananya Singh
#vss

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