Tuesday, 4 May 2021

इक बंगला बने न्यारा - सरकार की प्राथमिकता यह है / विजय शंकर सिंह

इस आदमी में लेशमात्र भी संवेदनशीलता है या नहीं ? ऐसा भी नही है कि, दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास है ही नहीं और यह इंडिया गेट के पास तंबू डाल कर रह रहे हैं। फिलहाल जो प्रधानमंत्री आवास है वह 7 रेसकोर्स रोड जिसे अब लोक कल्याण मार्ग कहा जाता है पर स्थित 4 भव्य महलनुमा बंगलो का एक संकुल है। जिंसमे से दो बंगले प्रधानमंत्री के निजी उपयोग के लिये, एक उनके कार्यालय के लिये और एक एसपीजी के लिये प्रयोग में लाये जा रहे हैं। 

यह सभी बंगले अत्याधुनिक साज सज्जा से सुसज्जित हैं और हर साल उनके रखरखाव, फर्निशिंग आदि पर अच्छा खासा व्यय होता है। पर सरकार को वह बंगला पसंद नहीं है। क्यों, यह तो सरकार ही जानें। यह सारा खर्च हम आप उठाते हैं, यानी जनता। यह तो वही हुआ, माले मुफ्त, दिले बेरहम ! 

सरकार पीएम के लिये एक नया बंगला बनवा रही है। वह भी भव्य होगा और सुसज्जित भी। आज जब देश भर में 2 करोड़ से अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हो चूंके हैं, सरकारी आंकड़ो से लगभग तीस गुनी अधिक मौत के आंकड़े बताये जा रहे हैं तो प्रधानमंत्री की सारी प्राथमिकता एक भव्य प्रासाद और ताबूतनुमा स्थापत्य सेंट्रल विस्टा के इर्दगिर्द मंडरा रही है। 

देश मे जैसी मेडिकल इमरजेंसी है, सरकार को सेंट्रल विस्टा और पीएम आवास के निर्माण की योजना को फिलहाल टाल देना चाहिए और उस बजट को कोरोना से लड़ने के लिये डाइवर्ट कर देना चाहिए। बीमार, सांस के लिए घुटते नागरिकों के बीच, यह योजना और नया प्रधानमंत्री आवास  इस सरकार की सबसे अश्लील यादगार होगा। लोग जब भी उसकी चर्चा करेंगे तो यह भी कहेंगे कि जब देश की जनता ऑक्सीजन, दवाओं और अस्पतालों में बेड के अभाव में मारी मारी फिर रही थी,  सड़को पर दाह संस्कार हो रहे थे, तब सरकार अपने पीएम के लिये एक भव्य प्रासाद और सेंट्रल विस्टा, का निर्माण करा रही थी। 

( विजय शंकर सिंह )

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