Sunday 4 November 2018

सत्ता के शिखर पर बैठे सीरियल किलर अब बेनकाब होंगे / विजय शंकर सिंह

गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख के फर्जी एनकाउंटर मामले की सुनवाई के दौरान विशेष सीबीआई कोर्ट में एक गवाह ने कल यह दावा किया है कि सोहराबुद्दीन शेख ने 2003 में गुजरात के गृहमंत्री हरेन पंड्या की हत्या गुजरात के पूर्व आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा के इशारे पर की थी। पर डीजी बंजारा ने किसके कहने पर यह हत्या करवायी थी ?

बंजारा साहब सच कह दीजिये। उनके साथ चिपकने की सज़ा 6 साल जेल में आप भुगत चुके हैं। और वे सत्ता के शिखर पर हैं। दरअसल जब भी फ़र्ज़ी मुठभेड़ की जांच होती है पुलिस सबसे पहले फंसती है। कारण हम हत्यारे को पकड़ने और हत्या का रहस्य खोल उसे सजा दिलाने के लिये प्रशिक्षित हैं न कि हत्या करने के लिये।

यह नेतृत्व का दारिद्र्य है या अधिनायकवाद का एक क्रूर चेहरा कि अब इतना वैचारिक और सांगठनिक दारिद्र्य आ गया है कि एक  सीरियल किलर और आपराधिक ग्रँथि से युक्त शख्स कुछ के लिये सर्वेसर्वा और आराध्य बन गया है !

बुरी मुद्रा अच्छी मुद्रा को चलन से बाहर कर देती है। अर्थशास्त्र का यह सिद्धांत राजशास्त्र में भी प्रासंगिक है। अर्थ शास्त्र वैसे भी राजनीति शास्त्र से ही निकला है।

© विजय शंकर सिंह

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