Saturday 27 July 2019

कश्मीर - ट्रंप का कश्मीर में मध्यस्थता का बयान और चीन / विजय शंकर सिंह

जब डोनाल्ड ट्रम्प का यह बयान कि उनसे कश्मीर मामले में मध्यस्थता के लिये मोदी जी ने पूछा था, जारी हुआ तो इसकी व्यापक प्रतिक्रिया भारत मे हुयी। विदेश मंत्रालय ने रात में ही यह बयान जारी होते ही इसका खंडन कर दिया और दूसरे दिन विदेश मंत्री ने संसद में ऐसी किसी बात से इनकार कर दिया। प्रधानमंत्री पर खुद ही ट्रम्प के बयान का खंडन करने का दबाव पड़ा, पर उनके द्वारा इस विषय पर कुछ नहीं कहा गया।

ट्रम्प ने भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया पर कुछ नहीं कहा, पर उनके सलाहकार ने यह कह कर कि राष्ट्रपति ट्रम्प अनर्गल नहीं बोलते इस मामले को और उलझा दिया। सबने सोचा, ट्रम्प ने कहा, हमने मना किया, लोगों ने पीएम के न बोलने पर हंगामा किया और पीएम ने चुप्पी साध ली, बात आयी गयी हो गयी। पर कूटनीति में बात आयी गयीं नहीं होती है, जब निकलती है तो दूर तक जाती है और वह भी चारों तरफ घूमते हुये, सीधे तो बिल्कुल नहीं।

जब हमने सोचा, यह अध्याय खत्म हो गया तभी चीन ने ट्रम्प के इस बयान का स्वागत कर के इसे और पेचीदा बना दिया। चीन ने कहा कि, 
" वह सभी अंतरराष्ट्रीय समुदायों और विशेषकर अमेरिका द्वारा, भारत पाक संबंधों में सुधार के लिये सकारात्मक भूमिका का स्वागत करता है।
चीन का बयान पढिये, यह बयान चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता का है,
“We support the international community, the US included, in playing a constructive role in improving Pakistan-India relations through dialogue,”
Chinese Foreign Ministry’s Spokesperson Hua Chun Ying.

वे आगे कहती है,
" We hope the two countries can peacefully settle the Kashmir issue and other bilateral disputes through dialogue, and make concerted efforts to safeguard  peace and stability in South Asia,”
( हम उम्मीद करते हैं कि दोनों देश कश्मीर मामले का शांतिपूर्ण समाधान, आपसी बातचीत से कर सकते हैं और वे ऐसे प्रयास से दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को बनाये रखने में सफल होंगे। )

इस बयान को भले ही यह झूठा और एक बड़बोले आदमी की कही बात मान कर दरकिनार कर दी जाय, पर जब तक खुद ट्रम्प द्वारा इससे इनकार नहीं किया जाता यह बयान मौजूद रहेगा औऱ इससे कश्मीर का मामला कुछ बिगड़े या न बिगड़े, पर इस बयान ने इस मामले को कूटनीतिक रूप से और उलझा दिया है। चीन का भी हित कश्मीर में हैं, क्योंकि एक बेल्ट एक सड़क की महत्वाकांक्षी योजना उसकी इसी क्षेत्र से जा रही है।

© विजय शंकर सिंह

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