राहुल गांधी ने अमेरिका में एक भाषण देते हुए, गुरु नानक देव जी की यात्राओं का उल्लेख किया और कहा कि,
"मैने कहीं पढ़ा है कि, गुरु नानक जी सऊदी अरब के मक्का और थाईलैंड गए थे।"
गुरु नानक की मक्का यात्रा तो सर्वविदित है, पर थाईलैंड की यात्रा उन्होंने कब की, यह पता नही।
राहुल गांधी से यह पूछा जाने लगा कि, उन्होंने यह कहां पढ़ लिया कि, गुरु नानक देव ने थाईलैंड की यात्रा की। यही जिज्ञासा मुझे भी हुई। गूगल करते समय, गुरु नानक देव जी की यात्राओं पर, मुझे एक लेख मिला, जो आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर के 26 नवंबर 2013 के अंक में छपा था। लेख का लिंक मैं कमेंट बॉक्स में दे दे रहा हूं।
लेख में तीसरी उदासी का जिक्र है। तीसरी उदासी में कहा गया है कि,
"तीसरी उदासी के दौरान, गुरु जी ने सुल्तानपुर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर खंड, सुमेर पर्वत, उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय क्षेत्र, उत्तर बिहार, नेपाल, सिक्किम, भूटान, अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड, उत्तर पश्चिमी बर्मा, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा को कवर किया। , दक्षिण पूर्व बांग्लादेश, दक्षिणी बर्मा, मलाया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, लाहोस, चीन, तिब्बत, कश्मीर फिर वापस पंजाब आ गए।"
राहुल गांधी के भाषण के इस अंश पर, सवाल जरूर उठाया जाना चाहिए, साथ ही यह सवाल आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर के संपादक मंडल और उक्त लेख के लेखक से भी पूछा जाना चाहिए कि, गुरु नानक देव जी की थाईलैंड यात्रा का क्या स्रोत है। नानक देव का भ्रमण बहुत व्यापक रहा है। हो सकता हो, वे थाईलैंड भी गए हों।
अन्य उदासियों का भी उल्लेख है।
० सबसे पहले उदासी गुरु नानक देव जी ने लाहौर, एमिनाबाद, पाकपट्टन, कुरुक्षेत्र, हरद्वार, नानकमता, प्रयाग इलाहाबाद, गया, असम, डक्का, जगन्नाथ पुरी, कांचीपुरम, रामेश्वरम, श्रीलंका पंजाब की यात्रा की।
० दूसरी उदासी में, गुरु नानक देव जी जी ने धनश्री घाटी, सांगलादीप (सीलोन) को कवर किया।
० गुरु नानक देव जी ने, चौथी उदासी के दौरान, पाकपटन, मुल्तान, उच, साखर, लखपत, मियां, मक्का, मदीना, बगदाद, ईरान, तुर्किस्तान, काबुल, जलालाबाद, सुल्तानपुर, खैबर दर्रा, पेशावर, सैदपुर और फिर वापस पंजाब की यात्रा की।
विजय शंकर सिंह
Vijay Shanker Singh
आरएसएस के मुखपत्र Organiser का लिंक,
The Udasis of Guru Nanak
https://organiser.org/2013/11/26/53566/bharat/re6838e5c/
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