देश में कोई भी घटना हो जाय, झुठबोलवा गिरोह, उसे अपने ढंग से परिभाषित करने लगता है। हर घटना तो, हिंदू मुस्लिम दृष्टिकोण से खुद तो देखता ही है, दुष्प्रचार और गोएबलिज्म का ऐसा माया जाल रचता है कि, पहले तो यही लगता है कि, वे सही बोल रहे हैं। पर यह धुंध जल्दी छंटने भी लगती है। दुष्प्रचार के ऐसे मायाजाल को नष्ट करके सच को सामने लाने में प्रतीक सिन्हा Pratik Sinha और उनके ऑल्ट न्यूज की महती भूमिका है। बालासोर रेल हादसे को लेकर भी झुठबोलवा गिरोह ने यही काम किया।
शुक्रवार, 2 जून को ओडिशा के बालासोर ज़िले में एक भीषण रेल दुर्घटना हुई जिसमें लगभग 300 लोग मारे गए, साथ ही 800 लोग घायल हो गये। यह हादसा दक्षिण पूर्व रेलवे ज़ोन के खड़गपुर रेलवे डिवीजन के अंतर्गत बहानगा बाज़ार रेलवे स्टेशन के पास हुआ। यह दुर्घटना, तीन ट्रेनों के एक दूसरे की पटरियों पर आ जाने के कारण हुई और यह ट्रेनें कैसे तयशुदा पटरियों से भटक गई, इसकी जांच हो रही है।
फिलहाल तो, झुठबोलवा गिरोह के झूठ की पड़ताल कर ली जाय। ऑल्ट न्यूज़ के हादसे के बाद रेलवे ने दुर्घटना का सटीक कारण का पता लगाने के लिए जांच शुरू की, लेकिन मीडिया और पब्लिक चर्चा में कई थ्योरी सामने आईं। कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया कि बहनागा बाज़ार रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर का नाम शरीफ है जो इस हादसे के बाद से फरार है।
ऑल्ट न्यूज़ के ओइशानी भट्टाचार्य, इंद्रदीप भट्टाचार्य, की रिपोर्ट के अनुसार,
० ट्विटर ब्लू सब्सक्राइबर विवेक पांडे (@vivekpandeyvns_) के बायो के मुताबिक वो ‘राष्ट्रवादी हिंदू महासभा के प्रमुख’ हैं. इन्होंने एक ट्वीट में कहा, “नाम- शरीफ। पोस्ट – स्टेशन मास्टर. फिलहाल, जांच के आदेश के बाद से फरार. अब क्या नौकरी में काम भी नाम दिखाकर देना होगा.
० एक अन्य ट्विटर ब्लू यूज़र, @Manv1994 के बायो में लिखा है कि वो खैर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी आईटी प्रमुख हैं. इन्होंने भी 4 जून को कथित स्टेशन मास्टर शरीफ की एक तस्वीर के साथ कुछ ऐसा ही ट्वीट किया: “सुना है कि जाँच के आदेश के बाद “शरीफ” नाम का स्टेशन मास्टर गायब हो चुका है ? इस कौम के साथ यही समस्या है.
० योगीआदित्यनाथफ़ैन (डिजिटल योद्धा) गोडसे का भक्त (@maheshyagyasain), नामक एक और ट्विटर ब्लू सब्सक्राइबर ने भी इसी तरह के दावे के साथ एक ट्वीट किया कि स्टेशन मास्टर शरीफ दुर्घटना के बाद से फरार है. उन्होंने दावा किया कि ये हादसा स्टेशन मास्टर शरीफ ने करवाया था.
उन्होंने लिखा, “ये 3 ट्रेनों का एक्सीडेंट कोई हादसा नही कोई लापरवाही नही जानबूझकर स्टेशन मास्टर शरीफ जो फरार है लूप लाइन पर कोरोमण्डल एक्सप्रेस को पहले से खड़ी मालगाड़ी के लूप लाइन पर डालकर ये एक्सीडेंट करवाया जांच में सब चेहरे बेनकाब होंगे अगर स्टेशन मास्टर शरीफ की संलिप्ता उजागर होती है तो ये बाड़ के द्वारा खेत खाने की कहावत चरितार्थ हो जाएगी बहुत जल्द साजिश की परतें खुलेंगी सच्च देश के सामने आएगा.”
कई अन्य यूज़र्स ने भी इसी तरह के दावे शेयर किए जिनमें @manojkrs29, @yagya_varaha, @SNJ_111, @satyamS19745855, @JPThailand2, @UmeshCh57137537, @Kashi_Ka_Pandit शामिल हैं.
ऊपर दिख रहे कुछ दावों में यूज़र्स ने ‘स्टेशन मास्टर शरीफ’ थ्योरी को पटरियों के पास कथित मस्जिद से जोड़ा. एक तस्वीर जिसमें एक सफेद इमारत को एक एरो से पॉइंट आउट किया गया है, इस दावे के साथ वायरल है कि ये एक मस्जिद है. और इसीलिए इस दुर्घटना के पीछे मुसलमानों का हाथ है. ऑल्ट न्यूज़ ने पहले ही इस खबर की पड़ताल की है. ये इमारत असल में एक इस्कॉन मंदिर है.
फ़ैक्ट-चेक के विवरण के अनुसार, इस दुर्घटना को ग्राउंड पर कवर करने वाले एक पत्रकार की मदद से हमें स्टेशन मास्टर के कमरे के बाहर लटकाए गए एक बोर्ड की तस्वीर मिली. इसमें बहनागा बाज़ार रेलवे स्टेशन के कर्मचारियों के नाम थे. इसमें किसी शरीफ का नाम नहीं है.
की-वर्डस सर्च से हमें ओडिया न्यूज़ आउटलेट, कलिंगा टीवी की एक रिपोर्ट मिली जो 3 जून को पब्लिश हुई थी. इसकी हेडलाइन में लिखा है, “ओडिशा ट्रेन दुर्घटना: बहानागा सहायक स्टेशन मास्टर फरार है, मामला दर्ज़ किया गया है.” इसमें आगे बताया गया है, “रिपोर्ट के मुताबिक, बहनागा सहायक स्टेशन मास्टर एस बी मोहंती, जो उस वक्त ड्यूटी पर थे, ट्रेन दुर्घटना होने के बाद मौके से फरार हैं.”
इसके बाद 5 जून को कलिंगा टीवी ने एक और रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें बताया गया है कि 2 जून को ट्रेन दुर्घटना के संबंध में रेलवे सुरक्षा आयुक्त की टीम द्वारा मोहंती से पूछताछ की जा रही थी.
हमने ओडिशा के दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों से संपर्क किया जिन्होंने हमें बताया की कि स्टेशन का कोई भी कर्मचारी फरार नहीं था. पुलिस उनके संपर्क में थी. उनमें से एक ने कहा कि स्टेशन स्टाफ़ में ‘शरीफ’ नाम का कोई व्यक्ति नहीं है. एक अन्य ने कहा, “स्टेशन के सभी कर्मचारी मौजूद हैं. वे अलग-अलग स्तर/जगह से पूछताछ में हिस्सा ले रहे हैं.”
इसके अलावा, हमने भुवनेश्वर के एक नेशनल इंग्लिश डेली के एक वरिष्ठ पत्रकार से संपर्क किया जिन्होंने इस दुर्घटना को कवर किया था. 5 जून को उन्होंने हमें बताया, ”ये सब अफवाह है. वो फरार नहीं है और जांच में अधिकारियों का सहयोग कर रहे हैं. एस बी मोहंती जांच में शामिल होने के लिए कल देर रात खुर्दा गए थे.”
रेलवे के PRO निहार मोहंती ने भी ऑल्ट न्यूज़ से पुष्टि की कि एस बी मोहंती फरार नहीं हैं.
@Manv1994 ने अपने ट्वीट में जिस तस्वीर का इस्तेमाल किया था उसकी सच्चाई जानने के लिए हमने तस्वीर पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें vikaschander.com नामक एक वेबसाइट मिली. मार्च 2004 में इस वेबसाइट पर पब्लिश एक ब्लॉग पोस्ट में ये तस्वीर दिखती है. ब्लॉग पोस्ट का टाइटल था: “कोट्टावलसा किरंदुल KK लाइन.” हमें वेबसाइट पर ऐसे और भी रेलवे ब्लॉग पोस्ट मिले.
हमें विकास चंदर की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल मिली जहां उनके बायो में लिखा था कि वो एक डिजिटल क्रिएटर हैं, यहां उस वेबसाइट का लिंक भी अटैच था.
वायरल पोस्ट में जिस शख्स की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है, उनकी पहचान ब्लॉग में बोरा गुहालू रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर के रूप में की गई है.
यानी, ये दावा बिल्कुल झूठा है कि शरीफ नाम का बालासोर रेलवे स्टेशन मास्टर फरार है. बहनगा बाजार के स्टेशन मास्टर का नाम एस बी मोहंती है. प्रारंभिक रिपोर्ट थी कि मोहंती दुर्घटना के बाद कुछ समय के लिए लापता थे, लेकिन हम पुष्टि कर सकते हैं कि अब वो मौजूद हैं और जांच में सहयोग कर रहे हैं.
गौरतलब है कि कई सोशल मीडिया यूज़र्स भारत की सबसे खतरनाक ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक, ओडिशा त्रासदी को सांप्रदायिक ऐंगल देने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं. 4 जून को एक ट्वीट में ओडिशा पुलिस ने कहा कि अफवाह फ़ैलाकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
ओइशानी भट्टाचार्य और इंद्रदीप भट्टाचार्य की, ऑल्ट न्यूज़ वेबसाइट पर छपी पड़ताल से साभार।
विजय शंकर सिंह
Vijay Shanker Singh
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