Wednesday, 28 June 2023

सरकार यूसीसी का ड्राफ्ट जारी करे / विजय शंकर सिंह

आजकल यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी की चर्चा है। यूसीसी कोई नया मुद्दा नहीं है और न ही यह पहली बार उठाया गया है। संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में इसका उल्लेख है यह अपेक्षा की गई है कि, इसे देर सबेर लागू किया जाएगा। 

लेकिन, इस यूसीसी का ड्राफ्ट अभी तक सामने नहीं आया है इसलिए इस पर यह चर्चा संभव नहीं है कि, यह समान नागरिक संहिता, समाज में कौन सी समानता लाने जा रही है। विधि आयोग अभी इसका ड्राफ्ट तैयार कर रहा है और उसने लोगों से इसके बारे में मशविरे भी मांगे हैं। अब जब तक पूरा ड्राफ्ट सामने न आ जाय, तब तक यूसीसी पर कोई भी बहस, सूत न कपास, जुलाहों में लट्ठम लट्ठा ही होगा l

आप को याद होगा, तीन साल पहले सरकार ने नागरिकता संशोधन विधेयक कानून लाया था। इस सीएए को लेकर, दिल्ली सहित कई जगह कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई। दिल्ली में लंबे समय तक शाहीन बाग में धरना चला और अंत में दिल्ली में दंगा भी भड़क गया। 

पर आज तक CAA की नियमावली नहीं बन पाई है। कानून को बनाया जाना ही पर्याप्त नहीं होता है, उक्त कानून को कैसे लागू किया जाना है,  इसकी नियमावली भी जरूरी होती है। बिना किसी विधिक नियमावली के कोई कानून कैसे लागू किया जा सकता है? 

CAA से सांप्रदायिक तनाव बढ़ा और आरएसएस बीजेपी का प्रिय एजेंडा, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण भी हुआ। पर आज तक इस नए CAA को कैसे लागू किया जाए, यह तय नहीं हो पाया। हो सकता है, विधि मंत्रालय इसकी नियमावली अभी ड्राफ्ट कर रहा हो। 

यह साल चुनाव का साल है। तेलंगाना, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और मिजोरम में इसी साल नवंबर तक चुनाव हो जायेंगे और फिर अगले साल, अप्रेल मई तक लोकसभा के चुनाव होने लगेंगे। मोदी सरकार अपने टेस्टेड और तयशुदा मूल मुद्दे, साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण से अलग हट कर कुछ सोच ही नहीं सकती तो, यूसीसी बीजेपी के लिए, जनता के मूल मुद्दे, रोजी रोटी शिक्षा स्वास्थ्य से ध्यान भटकाने का एक उचित मुद्दा बन सकता है। 

लेकिन यहीं यह सवाल भी उठता है कि, सरकार जो यूसीसी लागू करना चाहती है, वह गोवा मॉडल है या कोई नया ड्राफ्ट है। जब तक कोई ड्राफ्ट दस्तावेज सामने नहीं आ जाता तब तक इस मुद्दे को केंद्र में रख कर बहस करना, रोजी रोटी शिक्षा स्वास्थ्य के मूल मुद्दों से भटकना ही होगा। 

मूल मुद्दों पर सरकार या आरएसएस बीजेपी बात करने से सदैव कतराते रहे हैं। उनका पसंदीदा क्षेत्र ही साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण और विभाजनवादी एजेंडा है। अतः खुद को इन्ही मूल मुद्दों पर केंद्रित रखिए और सरकार पर जोर दीजिए कि, वह यूसीसी का ड्राफ्ट जारी करे। 

विजय शंकर सिंह 
Vijay Shanker Singh 

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