टीवी चैनलों के कुछ पत्रकार, जैसे अमन चोपड़ा, अमीश देवगन, सुधीर चौधरी आदि, जिस तरह की सम्रदायिक तनाव फैलाने और घृणावादी पत्रकारिता करते हैं, उसे देखते हुए, उनका नाम पुलिस थाने के गुंडा रजिस्टर के सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाले लोगों की सूची में दर्ज होन चाहिए और राज्य तथा भारत सरकार के इंटेलिजेंस विभागो को, उनके एंकरिंग की रिकॉर्डिंग, रिकॉर्ड के तौर पर रखनी चाहिए। पिछले कुछ सालों से इन टीवी ऐंकरों का एक ही उद्देश्य रहा है कि वे समाज में भेदभाव फैलाए, दंगाई मानसिकता का पोषण करें और देश को उसी मानसिक अनुकूलन की अवस्था में ले जाएं, जो सन 1937 से 1947 तक थी। इनका यह पोशीदा एजेंडा है जो अब अयां हो रहा है।
पर इनकी लाख चीखने चिल्लाने और इसी मानसिकता पर पैनलिस्ट चुनने, बहस कराने के बावजूद, ऐसा हो नही पाया। कुछ सांप्रदायिक तत्वों के गिरोहों के अतिरिक्त, लोग अब समझदार हो चले हैं, और इनकी चाल से सजग भी हैं। खुशी की बात है, मुकेश अंबानी के चैनल न्यूज18 द्वारा, लगातार दंगाई मानसिकता से भरी रिपोर्टिंग करने के बाद भी, समाज में अब भी सद्भाव काफी हद तक बना है। मुझे नहीं पता, मुकेश अंबानी को यह तथ्य पता भी है या नहीं, कि उनका चैनल, खबरों को प्रसारित करने की आड़ में, अवैज्ञानिकता, दंगा, और सामाजिक बिखराव से भरे प्रोग्राम लगातार दिखाता रहता है। न्यूज18 का यह एजेंडा, क्या उनका खुद का है कि, आपसी सद्भाव खत्म कर देश में एक तनाव भरा वातावरण बनाए रखा जाय, या यह सब किसी के इशारे पर किया जा रहा है, यह तो वही बता पाएंगे। पर जो कुछ भी हो रहा है वह संविधान की मंशा के विपरीत और देश के लिए घातक है।
इसी तरह के एक कार्यक्रम पर, संज्ञान लेते हुए, न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने, 27/02/23, सोमवार को गुजरात में मुस्लिम पुरुषों की सरेआम पिटाई की घटना पर 'देश नहीं झुकने देंगे' नाम से प्रसारित एक शो में सांप्रदायिक रंग जोड़ने के लिए न्यूज चैनल, न्यूज 18 इंडिया पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। यह मुकदमा, इंद्रजीत घोरपड़े और अन्य बनाम न्यूज 18 इंडिया के नाम से, एनबीडीएसए में दायर किया गया था। जिस दिन आप जागना शुरू कर देंगे, यह दंगाई चैनल या तो अपना स्वरूप बदल देंगे, या यह बुरी आदत और एजेंडा छोड़ देंगे।
एनबीडीएसए के अध्यक्ष, जस्टिस एके सीकरी ने, इस मामले मे, अपना निर्णय सुनाते हुए कहा कि, "जांच के घेरे में शो के बीच-बीच में एंकर अमन चोपड़ा के बयान भी आए, जिसमें कुछ बदमाशों की हरकतों के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया गया, बदनाम किया गया और उनकी आलोचना की गई।"
अमन चोपड़ा की यह हरकत नई नहीं है। यह बिना दंगाई सोच के एक प्रोग्राम तक नहीं कर सकता है। कुछ महीने पहले, पुलिस, इसी तरह के एक बयानबाजी के कारण, इसके पीछे पड़ी थी। तब यह घर से फरार था और अदालत से राहत मिलने के बाद ही सामने आया।
इसी अमन चोपड़ा के एक शो में दंगाई मानसिकता से, प्रसारित एक शो के खिलाफ, 6 अक्टूबर, 2022 को, किसी इंद्रजीत घोरपड़े द्वारा एक शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि 4 अक्टूबर, 2022 को शो में, चैनल ने 'पुलिस की डांडिया' कहकर पुलिस हिंसा का जश्न मनाया। उनके अनुसार, चैनल, न्यूज18, न केवल हिंसा की निंदा करने में विफल रहा, बल्कि इसे महिमामंडित करने वाले दृश्यों को बार-बार प्रसारित करता रहा, और गलत तरीके से हिंसा के विषयों को गुजरात में गरबा कार्यक्रम में पथराव का दोषी भी घोषित कर दिया।
इंद्रजीत ने, अपनी शिकायत में, आगे आरोप लगाया था कि, "पथराव को 'जिहाद' से जोड़कर और युवा मुस्लिम पुरुषों के बारे में सामान्यीकृत नकारात्मक बयान देकर, उन पर अपराधों में शामिल होने या गरबा कार्यक्रमों में संदिग्ध व्यवहार का आरोप लगाकर, चैनल ने मुस्लिम समुदाय की छवि को धूमिल किया है।"
इसलिए, उन्होंने कहा कि "News18 द्वारा प्रसारित शो ने हिंसा, धार्मिक सद्भाव, सटीकता, तटस्थता और निष्पक्षता के चित्रण के आसपास NBDSA के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया।"
इस आरोप के, जवाब में, News18 ने कहा कि "शो एनबीडीएसए के दिशानिर्देशों और लागू कानूनों के अनुरूप था। इसने तर्क दिया कि यह शो गुजरात के खेड़ा जिले में गरबा के अवसर पर हुई पथराव और उसके बाद की पुलिस कार्रवाई की व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई घटना पर आधारित था और इस बात से इनकार किया कि पुलिस हिंसा का जश्न मनाने के लिए 'डांडिया' वाक्यांश का इस्तेमाल किया गया था।"
इसके अलावा, चैनल ने इस बात से भी, इनकार किया कि "शो ने इस मुद्दे को एक सांप्रदायिक रंग दिया था, जिसमें कहा गया था कि इसने केवल इस मुद्दे की रिपोर्ट की थी और पुलिस की हिंसा सहित शो के पैनलिस्टों से राय मांगी थी।"
एनबीडीएसए ने, पूरी सुनवाई और पड़ताल के बाद, पाया कि इसी शो के संबंध में सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस द्वारा इसी तरह की शिकायत दर्ज की गई थी। चूंकि मुद्दा एक ही था, इसने एक सामान्य आदेश पारित किया,
"यह नोट किया गया कि विचाराधीन प्रसारण गुजरात के खेड़ा जिले के एक वायरल वीडियो से निकला है, जिसमें एक गरबा कार्यक्रम में कथित रूप से पथराव करने के लिए कुछ लोगों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारे जाते हुए दिखाया गया है।"
शो में एंकर के बयानों को ध्यान में रखते हुए, एनबीडीएसए ने माना कि "कुछ बदमाशों के कार्यों के लिए पूरे मुस्लिम समुदाय की निंदा करके, यह एंकर ही था जिसने इस घटना को सांप्रदायिक रंग दिया।"
एनबीडीएसए ने एंकर को ही दोषी पाया अपराध की घटनाओं को, किस दृष्टिकोण से कोई प्रस्तुत करता है, इससे आप उसकी सोच का पता लगा सकते है। इसके अलावा एनबीडीएसए ने यह भी पाया कि, "प्रसारण के दौरान प्रसारित किए गए टिप्पणियों ने आलंकारिक प्रश्न उठाए और ब्रॉडकास्टर द्वारा बनाए गए कथन को पुष्ट किया कि मुस्लिम पुरुष केवल गुप्त उद्देश्यों के लिए गरबा कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।"
यह भी माना गया कि पुलिस द्वारा कथित बदमाशों की पिटाई के वीडियो को लूप पर रखने से यह आभास होता है कि पुलिस की कार्रवाई उचित थी।
तदनुसार, उल्लंघन की 'दोहराव प्रकृति' को ध्यान में रखते हुए, NBDSA ने News18 को चेतावनी जारी की और ₹25,000 का जुर्माना भी लगाया। इसके अलावा, इसने ब्रॉडकास्टर को प्रसारण के वीडियो को अपनी वेबसाइट के साथ-साथ अपने YouTube चैनल से हटाने का निर्देश दिया। एनबीडीएसए के इस फैसले का स्वागत है। इन दंगाई मानसिकता के कार्यक्रमों से दूरी बनाइए और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें।
(विजय शंकर सिंह)
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