आज 10 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल विवाद पर दायर याचिका की सुनवायी करते हुये सरकार से कहा है कि वह बताए कि उसने राफेल डील को कैसे अंजाम दिया है। सारी औपचारिकताएं कैसे पूरी की गयीं हैं ? अदालत ने सरकार से कहा है कि 29 अक्टूबर 18 तक वह यह सौदा होने की सारी प्रक्रिया अदालत को उपलब्ध कराए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर 18 को होगी ।
उल्लेखनीय है कि 8 अक्टूबर 2015 तक सौदे की शर्तें जो यूपीए सरकार द्वारा तय की गयी थीं, वे शर्ते थीं, कुल126 विमान आने हैं। जिनमे 18 उड़ने के लिये तैयारी की हालत में आएंगे और शेष एचएएल में बनेंगे । साथ ही द साल्ट कंपनी जो यह विमान बना रही है, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ( एचएएल ) को राफेल की तकनीक का भी हस्तांतरण करेगा। 10 अप्रैल 15 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पेरिस दौरे के बाद यह सब उल्टा पुल्टा हो जाता है। शर्ते बदल जातीं हैं।
नयी शर्तें यह हो जाती हैं। 126 विमानों का सौदा रद्द हो जाता है। अब 36 उड़ने को तैयार विमान 2022 तक मिलेंगे। विमान बढ़ी कीमतों पर मिलेंगे। साथ ही, साठ साल का विमान निर्माण का अनुभव रखने वाली सरकारी कंपनी एचएएल इस सौदे से बाहर हो जाती है और कुछ ही दिनों पहले गठित शून्य अनुभव रखने वाली अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस भारत सरकार की संस्तुति पर यह ठेका पा जाती है। यह खुलासा पूर्व फ्रेंच राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने किया है और इसका अधिकृत खण्डन भी हमारे पीएम ने नहीं किया है। यह नीति परिवर्तन निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार किया गया है या नहीं, अदालत यही जानना चाहती है।
* याचिकाकर्ता के वकील विनीत ढांडा एडवोकेट ने कहा कि सरकार यह नहीं बता रही है कि राफेल जेट की लागत में हथियार और इसके रखरखाव की कीमत भी शामिल है या नहीं ?
* एक अन्य याचिकाकर्ता, एडवोकेट एमएल शर्मा ने कहा है कि यह कानून का उल्लंघन और भ्रष्टाचार है. यह विएना कन्वेंशन का भी उल्लंघन है. भ्रष्टाचार के विरोध में अंतरराष्ट्रीय संधियां हुई हैं और देश भ्रष्टाचार के आरोप वाले समझौतों को रद्द कर सकते हैं.
* 2012 के समझौते के मुताबिक फ्रेंच संसद के सामने पेश की गई राफेल की असल कीमत 71 मिलियन यूरो है. दसॉ की वार्षिक रिपोर्ट में भी एयरक्राफ्ट की 'असल कीमत' का जिक्र है ।
इस मामले की सुनवाई देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई कर रहे हैं. इस मामले में वकील मनोहर लाल शर्मा विनीत ढांडा याचिकाकर्ता हैं. वकील विनीत ढांडा ने याचिका दायर करते हुए मांग की है कि फ्रांस और भारत के बीच आखिर क्या समझौता हुआ है उसे सार्वजनिक किया जाए. इसके अलावा मांग की गई है कि राफेल की वास्तविक कीमत भी सभी को बताई जाए. पिछली सुनवाई याचिकाकर्ता की तबीयत खराब होने के कारण टल गई थी ।
https://www.livelaw.in/breaking-sc-asks-ag-to-submit-the-details-of-decision-making-process-in-rafale-deal/
© विजय शंकर सिंह
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