Saturday 10 September 2022

लोकहित के मुद्दों से मत भटकिए / विजय शंकर सिंह

स्मृति ईरानी को, राहुल गांधी की, कैलास यात्रा, लिंगायत मठ, अन्य तीर्थो की यात्रा नहीं दिखी, बस दिखी तो, एक तमिल पादरी से मुलाकात। और यही मुलाकात उन्हे अखर गई। इसी मानसिकता को बदलने ओर संविधान में निहित, सर्वधर्म समभाव की भावना के प्रसार का उद्देश्य है भारत जोड़ो यात्रा ।

अब कुछ खूबसूरत तस्वीरें देखिए, हमारे पीएम सर्वधर्म समभाव की भावना से ईसाइयों के प्रमुख, पोप से गले मिल रहे हैं और बीजेपी के मंत्री, ईसाई पादरी के साथ मुलाकात पर पगलाए हुए हैं। बीजेपी ने अपने युवाओं को ही नहीं, अपने मंत्रियों को भी सस्ते ट्रोल में बदल दिया है। जब उन मंत्रियों को, कोई भी राजकीय निर्णय लेने की आजादी नहीं है तो, वे भी क्या करें। गोयेबेलिज्म और दुष्प्रचार। 

राहुल गांधी ने, बेरोजगारी की बात की, मंहगाई की बात की, सरकारी कंपनियों के बेचने के षडयंत्र की बात की, पीएम केयर्स के पारदर्शी बनाने की बात की, बढ़ते आर्थिक विषमता की बात की, संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर सरकार के बेजा नियंत्रण की बात की, ऑपरेशन लोटस के नाम पर विधायकों की निर्लज्ज खरीद फरोख्त की बात की, ईडी/सीबीआई/आयकर द्वारा, पक्षपातपूर्ण छापों पर बात की, पर लोकहित से जुड़े, यह सारे मुद्दे, इस राज को अपना कर्तव्य स्मरण नहीं करा पाए। क्यों ? 

क्योंकि, लोकहित, इस सरकार या बीजेपी, या आरएसएस के एजेंडे में है ही नहीं। उन्होंने बस तोड़ना सीखा है, जोड़ने की तो वे बात कर ही नहीं सकते। इस ट्रोलिंग का जवाब दीजिए, बिना डरे बिना झिझके, और बिना किसी अपराध बोध के। 

इन्हीं का एक प्रचारक, अदालत में हलफनामा देकर, खुले आम बम धमाके का आरोप, इन पर, लगाता है और उस पर इस संगठन की जुबां तक नहीं खुलती है, न तो वे खंडन करते हैं और न ही कोई विरोध, और न ही कोई अदालती कार्यवाही। साथ ही, न तो गोदी मीडिया, इस खुलासे पर, कोई परिचर्चा कराता है, तो साफ साफ, समझ लीजिए यह आचरण और प्रतिक्रिया, एक आपराधिक मानसिकता से ग्रस्त गिरोह की है। 

(विजय शंकर सिंह)

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