Thursday, 21 February 2019

हाफ़िज़ सईद का आतंकी संगठन जमात उद दावा प्रतिबंधित / विजय शंकर सिंह

पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने गुरुवार को 2008 हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही इससे जुड़े फाउंडेश फलाह-ए-इंसानियत पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। आंतरिक मामलों के एक प्रवक्ता के अनुसार पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया है। बैठक का आयोजन पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के दफ्तर में हुआ था।

प्रवक्ता के अनुसार बैठक में तय किया गया कि प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तेज की जाएगी। इसी दौरान यह तय गया कि जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल किया जाएगा। इससे पहले भी दोनों ही सगठनों पर पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय की लगातार नजर थी। बैठक की अध्यक्षता पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने की।

हाफिज मुहम्मद सईद, भारत की सर्वाधिक वांछित अपराधियों की सूची में शामिल है। मुंबई के 26/11 हमले में उसका हाथ होने की बात सामने आई थी जिसमें छह अमेरिकी नागरिक समेत 166 लोग मारे गए थे। उस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से उसे सौंपने को कहा था। अमेरिकी सरकार की ‘रिवाडर्स फॉर जस्टिस’ कार्यक्रम की वेबसाइट पर बताया गया कि हाफिज़ सईद प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा का प्रमुख और चरमपंथी गुट लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक है।

11 सितंबर 2001 में अमेरिका पर हुए हमलों के बाद अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किया था। वर्ष 2002 में पाकिस्तानी सरकार ने भी लश्कर पर प्रतिबंध लगा दिया। उसके बाद हाफिज सईद ने लश्कर-ए-तैयबा का नया नाम जमात-उद-दावा रखा, हालांकि हाफिज सईद इस बात से इन्कार करता है कि जमात-उद-दावा का लश्कर से कोई संबंध है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई आतंकी हमलों के बाद दिसंबर 2008 में जमात-उत-दावा को आतंकी संगठन घोषित किया था। मुंबई हमलों के बाद सईद पर अंतरराष्ट्रीय दबाव को देखते हुए पाकिस्तान ने छह महीने से कम समय तक नजरबंद रखा था। लाहौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद उसे 2009 में रिहा कर दिया गया था।

हाफिज सईद ने अफगानिस्तान में जिहाद का प्रचार करने और लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए 1985 में जमात-उद-दावा-वल-इरशाद की स्थापना की और लश्कर-ए-तैयबा उसकी शाखा बनी। 1990 के बाद जब सोवियत सैनिक अफगानिस्तान से निकल गए तो हाफिज सईद ने अपने मिशन को कश्मीर की तरफ मोड़ दिया।

भारत सरकार 2003, 2005 और 2008 में हुए आतंकी हमलों के लिए लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदारी मानती है। भारतीय संसद पर हमले की कड़ी भी इसी गुट से जुड़ती है। मुंबई आतंकी हमलों में उसकी भूमिका को लेकर भारत ने सईद के खिलाफ इंटरपोल रेड कार्नर नोटिस जारी कर रखा है, वहीं अमेरिका ने इसे विशेष निगरानी सूची में रखा है।

अभी मसूद अजहर के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। हाफिज सईद एक राजनीतिक दल बनाकर चुनाव भी लड़ा था पर उसके सारे प्रत्याशी बुरी तरह हार भी गये थे। यह एक स्वागतयोग्य निर्णय है। भारत को अपने राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयासों के अंतर्गत पाकिस्तान पर दबाव बनाये रखना होगा।

© विजय शंकर सिंह

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