प्रयागराज अर्ध कुंभ में सफाई कर्मचारियों के शोषण के मुद्दे पर संघर्ष कर रहे कवि अंशु मालवीय को आज रात पुलिस ने ज़बरदस्ती काले शीशे वाली गाड़ी में उठा लिया। मालवीय, इलाहाबाद के प्रसिद्ध जनकवि और थियेटर से जुड़े कलाकार हैं। वे गरीबों औऱ सफाई कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दे पर वे लगातार आंदोलन करते रहते हैं। कुंभ और माघ मेले में बीते एक दशक से वे ‘सिरजन’ नामक एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते रहे हैं। 7 फरवरी को वे सिरजन के पंडाल में गांधी पर कठपुतली नाटक का मंचन करने वाले थे कि यह घटना घट गयी। अंशु कहाँ हैं, यह पता नही है। इलाहाबाद के सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता इस जब इस मुद्दे पर पूछताछ करने लगे तब उन्हें यह बताया गया कि पुलिस ले गयी है। उन्हें क्यों उठाया गया यह अब तक नहीं पता है। कहते हैं सफाई कर्मचारियों के आंदोलन से नाराज़ मेला प्रशासन ने कुछ अंशु पर रासुका के तहत कार्रवाई की धमकी दी थी।
पुलिस की इस कार्रवाई से इलाहाबाद के बौद्धिक समाज में नाराज़गी है।
यह कृत्य निंदनीय।
उनकी एक कविता पढें।
***
वैष्णव जन,
आखेट पर निकले हैं!
उनके एक हाथ में मोबाइल है
दूसरे में देशी कट्टा
तीसरे में बम
और चौथे में है दुश्मनों की लिस्ट.
आखेट पर निकले हैं!
उनके एक हाथ में मोबाइल है
दूसरे में देशी कट्टा
तीसरे में बम
और चौथे में है दुश्मनों की लिस्ट.
वैष्णव जन
आखेट पर निकले हैं!
वे अरण्य में अनुशासन लाएंगे
एक वर्दी में मार्च करते
एक किस्म के पेड़ रहेंगे यहां.
आखेट पर निकले हैं!
वे अरण्य में अनुशासन लाएंगे
एक वर्दी में मार्च करते
एक किस्म के पेड़ रहेंगे यहां.
वैष्णव जन
आखेट पर निकले हैं!
वैष्णव जन सांप के गद्दे पर लेटे हैं
लक्ष्मी पैर दबा रही हैं उनका
मौक़े पर आंख मूंद लेते हैं ब्रह्मा
कमल पर जो बैठे हैं.
आखेट पर निकले हैं!
वैष्णव जन सांप के गद्दे पर लेटे हैं
लक्ष्मी पैर दबा रही हैं उनका
मौक़े पर आंख मूंद लेते हैं ब्रह्मा
कमल पर जो बैठे हैं.
वैष्णव जन
आखेट पर निकले हैं!
जो वैष्णव नहीं होंगे
शिकार हो जाएंगे …
देखो क्षीरसागर की तलहटी में
नरसी की लाश सड़ रही है.
***
आखेट पर निकले हैं!
जो वैष्णव नहीं होंगे
शिकार हो जाएंगे …
देखो क्षीरसागर की तलहटी में
नरसी की लाश सड़ रही है.
***
उनकी गिरफ्तारी निंदनीय है।
( विजय शंकर सिंह )
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