Thursday 7 October 2021

प्रवीण झा - रूस का इतिहास (11)

                      [चित्र: सोफ़िया]

दुनिया की हर राजशाही षडयंत्रों, हत्याओं और ज़्यादतियों से भरी पड़ी है। रोमानोव वंश अभी मुश्किल से साठ वर्ष चला था, और समस्यायें शुरु हो गयी। उस समय जब राजा फ्योदोर की मृत्यु हुई, उनका कोई संतान नहीं था। उनके भाई इवान को राजा बनने की इच्छा नहीं थी। एक राजकुमार पीटर ज़रूर थे, मगर उनकी उम्र सिर्फ़ नौ वर्ष थी। 

उसी समय क्रेमलिन के सिपाहियों में विद्रोह हो गया। 

वहाँ के बंदूकधारियों का वेतन बहुत कम था, और परिश्रम बहुत अधिक। वे इसके लिए कुछ ख़ास कुलीन परिवारों को ज़िम्मेदार ठहराने लगे, जो उनके वेतन तय करते थे। इनमें एक राजकुमार पीटर की माँ भी थी। इस बीच शहर में अफ़वाह फैल गयी कि एक साज़िश के तहत राजकुमार इवान की हत्या कर दी गयी। इसने चिनगारी का काम किया। 

बंदूक़धारियों का जत्था क्रेमलिन की सीढ़ियों से चढ़ता अंदर घुस आया। उस समय जब उन्हें दिखाया गया कि राजकुमार इवान जिंदा हैं, तो वे कुछ शांत हुए। लेकिन जब आ ही गए थे, तो कुछ कुलीनों को क्रेमलिन की मुंडेर से नीचे फेंक दिया। वे सीधे नीचे खड़े बंदूक़धारियों की नोंक पर गिरे, और इन कुलीनों की लाश को बंदूक में फँसा कर वे शहर में विजय-घोष करने लगे।

ऐसे समय में एक राजा चुनना बहुत ज़रूरी हो गया था। रूस में एक और अप्रत्याशित घटना हुई। राजा नहीं चुना गया, बल्कि रानी चुनी गयी। पीटर की सौतेली बहन सोफ़िया के रूप में। 

सोफ़िया ने बहुत चालाकी से अपने शत्रुओं को निपटाना शुरू किया। उन्होंने पड़ोसी राज्यों पर हमले किए, हालाँकि मंगोल कबीलों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

                        [चित्र: पीटर]

उस समय राजकुमार पीटर मॉस्को छोड़ कर एक सुदूर गाँव में रहने लगे थे। वे वहाँ सैन्य अभ्यास करते, गणित पढ़ते और सबसे अधिक रुचि उन्हें नाव बनाने में थी। उनके एक डच शिक्षक जहाज चलाने की विद्या सिखा रहे थे। 

पीटर की रुचि इस हद तक थी कि उनके पास संदेश आया, “एक शाही जत्था पेरिस जा रहा है, राजकुमार को किसी ख़ास तोहफ़े की ज़रूरत है?”

पीटर ने कहा, “मुझे जहाज़ के नैविगेशन पर जितनी भी किताबें मिलें, लाकर दें”

इस तरह का वैज्ञानिक शोधी राजकुमार भी रूस के लिए एक अजूबा ही था। मगर जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ रही थी, वह महारानी सोफ़िया के लिए खतरा बन रहे थे। पीटर को एक गुप्तचर ने खबर दी कि महारानी सोफ़िया उनकी हत्या के लिए घुड़सवार भेज रही हैं। सत्रह वर्ष के पीटर यह सुनते ही स्वयं घोड़े पर सवार हुए, और क्रेमलिन की ओर निकल पड़े। 

इस बार उनका घोड़ा जैसे-जैसे मॉस्को की ओर बढ़ रहा था, उनके साथ अन्य सामंत भी आते जा रहे थे। रूस का नया राजा बिल्कुल फ़िल्मी स्टाइल में क्रेमलिन पहुँचा और गद्दी पर कब्जा कर लिया। अपनी बहन महारानी सोफ़िया को उन्होंने न मारा, न कैद किया। बल्कि इससे भी विचित्र सजा दी। 

उन्होंने महारानी सोफ़िया को सदा के लिए एक नन बना दिया! 
(क्रमशः) 

प्रवीण झा
© Praveen Jha 

रूस का इतिहास (10)
http://vssraghuvanshi.blogspot.com/2021/10/10_6.html 
#vss 

No comments:

Post a Comment