Saturday 24 August 2019

उत्तर प्रदेश के एक स्कूल के मिड डे मील में नमक रोटी / विजय शंकर सिंह

मिर्जापुर, उत्तरप्रदेश में एक स्कूल में मिड डे मील ( दोपहर में स्कूली बच्चों को मिलने वाले भोजन ).में नमक और रोटी दी गयी है। जबकि सरकार मिड डे मील के लिये अच्छा खासा बजट देती है। अब इस खबर पर क्या हैरान हुआ जाय ! यह तो पिछले चुनाव में कुछ लोगों ने यह नारा ही लगाया था कि, " नून रोटी खाएंगे, मोदी जी को लाएंगे ! "

अब नून रोटी खाने और मोदी जो को लाने में क्या अन्तर्सम्बन्ध है और इसका क्या उद्देश्य है यह मेरी समझ मे न तो तब आया और न अब। सरकार किसी की भी हो, सत्ता में कोई भी हो, वह नून रोटी तो अपने नागरिकों को बिल्कुल खिलाना नहीं चाहेगी। पर यह नारा क्यों और किसलिए लगाया गया था, यह तो वही जानें जो सरकार के पक्षधर हों।

फिलहाल उत्तरप्रदेश सरकार ने इस नून रोटी के मिड डे मील को गम्भीरता से लिया है और कार्यवाही की जा रही है। हर समाज, विचारधारा और नेतृत्व के पतन में उसी समाज, विचारधारा और नेतृत्व के निकटवर्ती लोग भी कम भूमिका नहीं निभाते हैं। ऐसा मेरा मानना है।

यह खबर सरकार की लापरवाही है या मिड डे मील में व्याप्त भ्रष्टाचार का साइड इफेक्ट यह तो तय होता रहेगा पर हमारे नैतिक और समाज के दायित्वबोध के तलहटी में पहुंचने का एक प्रमाण ज़रूर है। उसी स्कूल के बच्चे सरकार द्वारा दिये गए पैसे के बावजूद नमक रोटी खा रहे हैं और वहां के टीचर और ग्रामप्रधान तथा अन्य लोग इसे देख कर बर्दाश्त कर रहे हैं , यह बात यह भी प्रमाणित करती है कि हमने अपनी संवेदनशीलता को तिलांजलि दे दी है। दायित्वबोध तो हम कबसे भूल चुके हैं।

( विजय शंकर सिंह )

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