राजा हम्मूराबी का राज कहलाता था बेबिलोन। वहाँ उनको किसी देवता की तरह माना जाता था। आज से लगभग चार हज़ार साल पहले उन्होंने कुछ कानून बनाए।
उन्होंने कहा कि अगर किसी की एक दाँत कोई तोड़ता है, तो उसके बदले एक दाँत तोड़ दी जाएगी। अगर एक हड्डी तोड़ता है, तो उसकी भी एक हड्डी तोड़ दी जाएगी। अगर कोई किसी का पेड़ या किसी की बकरी चुरा लेता है, तो उसे उसकी दस गुणी कीमत चुकानी होगी। अगर कोई बेटा ग़लती करता है, तो उसे पहली बार पिता माफ करेंगे, मगर दूसरी बार घर से निकाल देंगे।
हम्मूराबी स्वयं सूर्य के उपासक थे। जैसे सूर्यवंशी राजा। उनके राज में आकाश के तारों और सूर्य को देख कर लोगों को लगा कि शायद यह धरती सूर्य के चक्कर लगा रही है। उन्होंने इस पूरे चक्कर को एक साल कहना शुरू किया। फिर उसके बारह महीने बनाए। चौबीस घंटे का दिन बनाया। साठ मिनट का एक घंटा बनाया। इस तरह दुनिया के पहले कैलेंडर बनने तैयार हुए।
बेबिलोन के उत्तर में एक नगर था असुर। वहाँ के राजा थे शम्सी-अदाद। वह कुछ तानाशाह मिजाज के राजा थे। वह वायु और तूफ़ान के भगवान की पूजा करते थे, और उनके मंदिर बनाने लगे। वह असुर-वासियों का पूरी दुनिया पर राज चाहते थे।
इस समय तक आदमी के पास लड़ने के लिए कुछ और भी चीज आ गयी थी। एक दिन जब कुछ लोग आग के किनारे बैठे थे, तो वहाँ देखा कि पत्थर पर गर्मी से कुछ पिघल कर चमकने लगा है। यह सख़्त भी है, और इसे पिघला कर आकार भी दिया जा सकता है। यह पत्थर में मौजूद तांबे और अन्य धातुओं से बना काँसा (ब्रोंज) था। इस से औजार और हथियार बनने लगे। युद्ध होने लगे। यह युग पाषाण-युग (स्टोन एज) के बजाय अब कांस्य-युग (ब्रोंज एज) कहलाने लगा।
एक दिन राजा हम्मूरावी की सेना ने असुर राज पर चढ़ाई कर दी, और विजयी हुए। वही अब पूरे मेसोपोटामिया के राजा हुए। मगर इन असीरियनों (असुरवासी) और बेबिलोन वासियों के मध्य संघर्ष आगे भी चलता रहा।
इन दोनों ही राज्यों के कुछ कॉमन भगवान भी थे। जैसे एक थे गिलगमेश जो बहुत शक्तिशाली थे, और एक हाथ से पेड़ उखाड़ लेते थे। मगर जब वह जनता पर अत्याचार करने लगे, तो सभी लोग भगवान अनु के पास मदद माँगने गए। उन्होंने एक आधे पशु और आधे आदमी के रूप में एंकिडु का निर्माण किया। गिलगमेश और एंकिडु में युद्ध हुआ। गिलगमेश ने एंकिडु का मन भटकाने के लिए एक अप्सरा भेजी। लेकिन, अंत में गिलगमेश अपनी गलती मान कर मित्र बन गए। जब धरती पर प्रलय आया, गिलगमेश ने जीवों की रक्षा की।
ऐसी गाथाएँ, ऐसे देव, ऐसे असुर, ऐसे युद्ध। ये सिर्फ बेबीलोन ही नहीं, हर सभ्यता में थे। एक समूह बना कर चर्चा करें कि ऐसा क्यों था? आपको क्या लगता है?
A. आदमी की सोच एक जैसी थी, चाहे वह दुनिया के किसी कोने में रहें
B. वे आपस में जब व्यापार करने लगे या यात्रा करने लगे तो एक-दूसरे को कथाएँ सुनाने लगे
C. वाकई ऐसे सूर्य, वायु, समुद्र के भगवान थे जो मनुष्यों से संपर्क में रहते थे
D. अन्य कारण (अपने विचार रखें)
Yesterday’s answer: C. Capital of King Sargon was Akkad
प्रवीण झा
© Praveen Jha
स्कूली इतिहास (13)
http://vssraghuvanshi.blogspot.com/2021/07/13.html
#vss
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