Wednesday 2 August 2017

नाचब त घूँघुट का - कानून लागू करने वाली संस्थाओं का खुला दुरुपयोग / विजय शंकर सिंह

क्या आज आयकर विभाग की हिम्मत किसी बड़े भाजपा नेता जो मोदी शाह के नज़दीक है, के घर या प्रतिष्ठान पर छापा मारने की है  ? 
मेरा कहना है , बिलकुल नहीं । आप क्या सोचते हैं आप जाने । आप अपनी धारणा बनाने के लिये स्वतंत्र है ।
कोई भी वैधानिक कार्यवाही निष्पक्ष हो यह तो ज़रूरी है ही पर वह कार्यवाही निष्पक्ष होती हुयी दिखनी भी चाहिये ।
बात न तो कर्नाटक के मंत्री शिवकुमार के घर आयकर के छापे की है और न ही उन्हें मैं ईमानदारी का कोई प्रमाणपत्र निर्गत कर रहा हूँ । वे भी अधिकांश राजनीतिक दलों के नेताओं की तरह ही हैं । वे अलग नहीं होंगे । बात इस छापे की टाइमिंग की है। स्पष्ट सूचनाओं के बाद भी अगर यह छापा मारा गया है तो इसकी टाइमिंग पर अनेक सवाल खड़े होगें । आयकर विभाग इस वैधानिक कार्यवाही में निश्चित रूप से निष्पक्षता के संदर्भ में संदेह के घेरे में आएगा । मैं सिस्टम में रह चुका हूं और राजनीतिक शत्रुता का मोहरा हम अफसर कैसे बनते रहते हैं अच्छी तरह जानता हूँ । सिस्टम राजनीतिक शत्रुता और मित्रता का मोहरा बराबर बनाता रहा है और आगे भी बनता रहेंगा । कुछ साथी अफसर ऐसी दखलंदाज़ी के खिलाफ तन कर खड़े भी हो जाते रहते हैं, और वे संख्या में कम भी नहीं हैं, पर यह अलग बात है कि वे मुखर नहीं है और उनके साथ जनता भले खड़ी दिखे पर सरकार तो बिलकुल ही पल्ला झाड़ लेती है । वे इसका परिणाम भी अक्सर झेलते हैं ।  कृपया ऐसे छापों को भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस समझ कर न तो प्रसन्न हों, और न जायज़ ठहरायें । ज़ीरो टॉलरेंस भ्रष्टाचार के खिलाफ है या नहीं यह तो राम जानें पर ,जीरो टॉलरेंस विरोध के लोकतांत्रिक दर्शन के प्रति कदम कदम पर स्पष्ट है । आज एक अदना सा आदमी भी जानता है अगर उस रिसोर्ट में कांग्रेस के एमएलए न टिके होते तो छापा आज नहीं पड़ता । अगर बदला ही लेना है तो भाजपा हिम्मत से कहे कि उनकी राजनीति का आधार ही ऐसे ' मास्टरस्ट्रोक ' हैं । वह अफसरों के कंधों पर बंदूक रख कर अपना राजनीतिक हित न साधे । इस से विभाग की साख पर असर पड़ता है ।

इनकम टैक्स का यह छापा अगर किसी करापवंचन की अभिसूचना के आधार पर नियमानुसार डाला गया हो तो भी , इस छापे की टाइमिंग यह बताती है कि यह सत्ता का दुरूपयोग है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि सत्ता का दुरूपयोग केवल वर्तमान सरकार ने किया है या कर रही है या आगे नहीं होगा या पहले कभी नहीं हुआ था, यह दुरुपयोग बराबर हुआ है और बराबर होगा पर उस दुरुपयोग के आक्षेप को भी सरकार को ही झेलना होगा । साफ साफ संकेत है कि सत्ता के समक्ष सत्ता के शर्तों पर साष्टांग हो जाइए नहीं तो सीबीआई और इनकम टैक्स के लठैत सीधे रास्ते पर ले आएंगे । यह राजनीति है । और सत्ता कब बिना राजनीति के फली फूली है ?
#vss

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