जिए जाते हैं .....
आँखों में नींद नहीं ,
खो गए स्वप्न कहीं ,
तनहा ही थे हम ,
कुछ और हो, गए तुम बिन .
दिल में उठी हूक सी ,
जुबां भी कुछ लडखडाई
दो अश्क , याद में तेरी ,
चुपके से कहीं छलक आये .
सांस लेना भी क्या आदत है ,
जिए जाना भी क्या रवायत है ,
कोई आहट नहीं पहलू में कहीं ,
कोई साया नहीं है आँखों में .
पाँव बे बस हैं , चलते जाते हैं ,
एक दरिया है जो बहता रहता है ,
कितने बरसों से , कितनी सदियों से ,
जिए जाते हैं , बस जिए जाते हैं ......
-vss
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