Thursday, 15 November 2012

A Poem.. काश हम बता पाते




काश हम बता पाते
जान यह तुम्हारी है
हर खुशी तुम्हारी है
दिल लगी तुम्ही से है ,
ज़िंदगी तुम्ही से है

काश हम बता पाते
रूह की ज़रुरत हो ,
दिल की एक आदत हो ,
मेरी तुम इबादत हो ,
मेरी तुम मोहब्बत हो,

काश हम बता पाते
सिर्फ तुम मेरे दिल में हो
सिर्फ तुम को चाहा है,
सिर्फ तुम से ही चाहत है
तुम्ही से इब्तदा है
और इन्तेहा भी हो तुम्ही

काश हम बता पाते
काश हम जता पाते ...

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