Sunday 13 November 2022

इंडियन पुलिस फाउंडेशन की सर्वे रिपोर्ट - 2021 / विजय शंकर सिंह

सरकार द्वारा, स्मार्ट पुलिसिंग पहल के अंतर्गत, नागरिकों की धारणा और प्रभाव का आकलन करने के लिए इंडियन पुलिस फाउंडेशन की स्थापना के लिए, साल, 2014 में, गुवाहाटी में एक सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसी के बाद, भारतीय पुलिस फाउंडेशन (आईपीएफ) की स्थापना हुई। आईपीएफ एक बहु-विषयक थिंक टैंक है, जो क्षमता निर्माण, अनुसंधान और नीति समर्थन के माध्यम से पुलिस सुधार और पुलिसिंग में सुधार के लिए काम कर रहा है।  यह प्रगतिशील पुलिस प्रोफेशनलो के एक समूह से प्रेरित है, जो मानते हैं कि, पुलिस, नागरिकों, राज्य सरकारों, केंद्र सरकारों और राजनीतिक नेतृत्व की सामूहिक कार्रवाई के माध्यम से पुलिस को सकारात्मक रूप से बदलना संभव है। आईपीएफ का उद्घाटन 21 अक्टूबर, 2015 को, तत्कालीन गृहमंत्री द्वारा किया गया था। 

इंडियन पुलिस फाउंडेशन (आईपीएफ) ने, पुलिस के बारे में आम जनता की सामान्य धारणा पर एक सर्वेक्षण किया है जिसमे, दिल्ली पुलिस को, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में सातवें स्थान पर रखा गया है। आईपीएफ के अध्यक्ष और सीईओ एन रामचंद्रन, जो एक पूर्व आईपीएस अफसर भी रहें हैं, ने बताया है कि, उन्हे, देश भर से, 1,61,192 लोगों से प्रतिक्रियाएं मिलीं हैं। दिल्ली पुलिस को जनता के प्रति संवेदनशीलता, अच्छे व्यवहार, पहुंच, जवाबदेही और सख्त आचरण के लिए, सातवीं रैंक दी गई है। प्रौद्योगिकी अपनाने में दिल्ली पुलिस पांचवें स्थान पर और स्मार्ट पुलिसिंग के लिए 10वें स्थान पर रही।

बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब और नागालैंड जैसे राज्यों ने स्मार्ट पुलिसिंग सूची में सबसे कम स्कोर किया है। जिम्मेदारी निभाने यानी, उत्तरदायित्वपूर्ण पुलिसिंग, पुलिस में जनता का विश्वास और सत्यनिष्ठा एवं भ्रष्टाचार मुक्त सेवा के मामले में बिहार को, देश भर में सबसे नीचे रखा गया है। इंडियन पुलिस फाउंडेशन के समार्ट पुलिसिंग इंडेक्स में पांच सबसे अच्छे राज्यों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, केरल और सिक्किम शामिल रहे। वहीं बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब इस इंडेक्स में सबसे नीचे रहे।

सर्वे में पुलिस के प्रति लोगों के संतोष का राष्ट्रीय औसत 69% पाया गया। सर्वे के लेकर इंडियन पुलिस फाउंडेशन के पूर्व चेयरमैन और उत्तरप्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी और सीमा सुरक्षा बल के पूर्व निदेशक, प्रकाश सिंह ने कहा कि "यह सर्वे प्रधानमंत्री की स्मार्ट पुलिसिंग पहल के तहत विभिन्न राज्यों के प्रदर्शन का आकलन करने का प्रयास है। इस देश में करीब 69 प्रतिशत लोग पुलिस व्यवस्था से संतुष्ट हैं, यह देखकर काफी ख़ुशी होती है। हमें उम्मीद है कि जहां भी कमियां होगी यह सर्वेक्षण राज्यों को बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा।"

फाउंडेशन के अध्यक्ष व सेवानिवृत आईपीएस अधिकारी एन रामचंद्रन के नेतृत्व में यह सर्वे कराया गया। इस सर्वे में ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से पांच महीने में करीब 1.61 लाख लोगों ने हिस्सा लिया। सर्वे में प्रश्नों के कुल 10 सेट रखे गए थे। इसमें पुलिस संवेदनशीलता, पुलिस की जवाबदेही, पुलिस की पहुंच, नई टेक्नोलॉजी अपनाने, पुलिस की सत्यनिष्ठा और पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास जैसे कई सवाल पूछे गए थे।

इन सभी श्रेणियों में बिहार और उत्तरप्रदेश का प्रदर्शन सबसे ख़राब रहा। कुल 10 अंकों के पैमाने पर बिहार ने पुलिस के प्रति लोगों के विश्वास में सिर्फ 5.98, ईमानदारी और भ्रष्टाचार मुक्त सेवा में 4.97, नई टेक्नोलॉजी अपनाने में 5.81, पुलिस उत्तरदायित्व में 5.84 और पुलिस की संवेदनशीलता में 5.75 स्कोर किया। वहीं उत्तरप्रदेश ने भी तीन श्रेणियों में सबसे कम स्कोर किया। सहायक और मैत्रीपूर्ण पुलिसिंग में उत्तरप्रदेश ने 5.59, निष्पक्ष कार्यवाही में 5.27और पुलिस की जवाबदेही में सिर्फ 5.80 अंक हासिल किया।

सभी श्रेणियों को मिलाकर बिहार ने सभी राज्यों के मुकाबले सबसे ख़राब प्रदर्शन किया। बिहार का ओवरआल स्कोर 5.74 रहा। इसके बाद सबसे खराब प्रदर्शन उत्तरप्रदेश ने किया। उत्तरप्रदेश का कुल स्कोर 5.81 रहा। सर्वे में बिहार पुलिस के ख़राब प्रदर्शन को लेकर एडीजी जे एस गंगवार ने कहा कि वह रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही इसपर टिप्पणी कर सकते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि हमारे पास जिस तरह के संसाधन और बुनियादी ढांचे मौजूद हैं उस आधार पर बिहार अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य रहा है। बिहार पुलिस की जमीनी उपस्थिति और शहरी नेटवर्क काफी अच्छा है। इसे आधुनिक बनाने के लिए और उपाय किए जा रहे हैं। 

निष्पक्ष पुलिसिंग वाली श्रेणी में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, केरल और गुजरात ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं बिहार, राजस्थान, नागालैंड और झारखंड इस श्रेणी में सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल रहे। मैत्रीपूर्ण पुलिसिंग में भी आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, सिक्किम और केरल ने उम्दा प्रदर्शन किया। जबकि सबसे खराब स्थिति उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, छत्तीसगढ़ और नागालैंड की रही।

लोगों के प्रति पुलिस की जवाबदेही वाली श्रेणी में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, केरल और ओड़िशा का प्रदर्शन अच्छा रहा। वहीं उत्तर प्रदेश, नागालैंड, उत्तराखंड, बिहार और छत्तीसगढ़  इस श्रेणी में सबसे नीचे की तरफ रहे। सर्वे के अनुसार बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के लोगों का पुलिस के प्रति भरोसा सबसे कम था। वहीं आंध्र, तेलंगाना और केरल के लोगों ने पुलिस पर सबसे ज्यादा भरोसा किया। 

(विजय शंकर सिंह)

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