पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सूचना और संस्कृति मंत्री फय्यजुल हसन चौहान को हिन्दू समुदाय के विरुद्ध आपत्तिजनक बात कहने पर अपने पद से हटा दिया गया है। फय्यजुल हसन चौहान की बात का संज्ञान लेते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि, " अल्पसंख्यकों के लिये ऐसी टिप्पणी करने वालों के लिये इस्लाम मे कोई स्थान नहीं है। "
पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार उस्मान बुज़दार ने फ़ैयाज़ चौहान के इस आपत्तिजनक बयान के बाद तलब किया था, जिसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है। पाक पंजाब के मुख्यमंत्री की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इमरान ख़ान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी में किसी भी तरह के भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चौहान ने हिंदुओं को गाय का मूत्र पीने वाला बताते हुए कहा था कि भारत पाकिस्तान का मुक़ाबला नहीं कर सकता है। इस बयान के बाद से ही उनकी जमकर आलोचना हो रही थी।
पाकिस्तान बदल रहा है या नहीं यह तो अभी नहीं कहा जा सकता है पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के इस कदम का स्वागत किया जाना चाहिये। क्या हम भी बात बात में मुस्लिम समाज के लोगों के प्रति आपत्तिजनक बात कहने वाले मंत्रियों के विरुद्ध इस संदर्भ में कोई कार्यवाही करने की सोच सकते हैं ?
उदार और धर्मांधता से मुक्त पाकिस्तान भाजपा के लिये सबसे बड़ा खतरा होगा। हालांकि यह अभी नही होने जा रहा है। भाजपा और संघ की सारी राजनीति ही मुस्लिम विरोध और सावरकर तथा जिन्ना के द्विराष्ट्रवाद के सिद्धांत जिसमे हिन्दू और मुस्लिम अलग अलग राष्ट्र हैं, कहा गया था कभी, पर टिकी हुआ है। जब भी रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन से जुड़े मुद्दे को आप उठाएंगे तो न तो सरकार का कोई प्रवक्ता बोलेगा और न ही सरकार कुछ कहेगी। यहां तक कि सरकार के समर्थक जो बालकोट हमले पर कुछ भी पूछने पर सेना के मनोबल के शोर में ये वाजिब सवाल गुम कर देना चाहिते हैं वे भी कमेंट बॉक्स में नहीं नज़र आएंगे और अगर नज़र आये भी तो मूल मुद्दे से हट कर।
भाजपा और संघ की प्राणवायु ही है कि हिंदुओ में भय, घृणा और आक्रोश का संचारी भाव स्थायी रूप से बना रहे। भय, घृणा और आक्रोश के भाव को सनातन धर्म मे कभी भी प्रशंसनीय नहीं माना गया है। पाकिस्तान के अंदर भी ऐसे तत्व हैं जिनकी जीविका ही भारत से घृणा और विरोध पर चलती रहती है। मैं इस मुगालते में नहीं हूं कि पाकिस्तान बदल रहा है, पर मैं चाहता हूं पाकिस्तान उदार हो और उस घृणा से मुक्त हो जिसके आधार पर वह खड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही एक भाषण का अंश उद्धृत करना चाहूंगा जिसमें उन्होंने एक बार कहा था कि, गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ापन दोनों ही मुल्क़ों के साझे दुश्मन हैं जिनसे साथ साथ जंग ज़रूरी है।
मुझे नहीं पता कि भारत के बारे में पाकिस्तान के अवाम का एक बड़ा हिस्सा क्या सोचता है और वह अभी तक अपने जन्म के सिद्धांत से कितनी प्रतिबद्ध है । लेकिन यह बात भी ध्रुव सत्य है कि भारतीय उपमहाद्वीप में पलने वाले अधिकतर आतंकी संगठन पाकिस्तान की सेना और आईएसआई द्वारा पालित और पोषित हैं। जब तक पाकिस्तान इन आतंकी समूहों के खिलाफ कोई निर्णायक और प्रभावी कार्यवाही नहीं करता तब तक पाकिस्तान की सदाशयता, अगर वह दिखाए तो भी संदेहों के घेरे में रहेगी।
© विजय शंकर सिंह
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