Sunday 24 April 2022

प्रवीण झा / रोम का इतिहास (6)

इतिहास जानने और भविष्य जानने में विकल्प मिले तो हम क्या चुनेंगे? मैंने आइसलैंड पर संस्मरण (भूतों के देश में) में वहाँ के औघरों और भविष्यवक्ताओं की बात लिखी है। रोम इन औघरों का गढ़ हुआ करता था, और ख़ास कर एत्रुस्कन इस विद्या में दक्ष थे। यह औघरी अंग्रेज़ी में Augury कहलाती है, और रोमन अपने जीवन के अहम फैसले इन भविष्यवाणियों के आधार पर ही लेते थे। यह इस हद तक था कि शत्रु सेना द्वार पर होती, और राजा उस समय तक अपनी सेना नहीं भेजते जब तक भविष्यवक्ता हरी झंडी नहीं देते।

एक दफ़े राजा टारक्विन के महल में एक खंभे से साँप निकल कर आया। राजा इसे अपशकुन मान बैठे और अपने पुत्र को कहा, 

“तुम लोग डेल्फी के अपोलो मंदिर जाओ। वहाँ के औघर से इसका अर्थ पूछो। अपने साथ ब्रूटस को भी लिए जाओ। तुम्हारा मनोरंजन हो जाएगा।”

वे राजकुमार पूरे रास्ते ब्रूटस का मखौल उड़ाते हुए डेल्फी तक पहुँचे। ब्रूटस भी उनके भय से सब सहते रहते। वह अपोलो देवता को अर्पित करने लिए एक सोने की छड़ी छुपा कर लाए थे।

राजकुमारों ने डेल्फी पहुँच कर औघर से पूछा, “रोम का भविष्य क्या है? अगला राजा हम में से कौन होगा?”

औघर ने एक पशु का पित्ताशय हाथ में लेकर कुछ मंत्र पढ़ते हुए कहा, “जो अपनी माँ का माथा सबसे पहले चूमेगा, वही रोम का अगला राजा होगा”

यह सुन कर राजकुमार हड़बड़ी में अपनी माँ तक पहुँचने के लिए भागे। लिवि बड़े नाटकीय अंदाज़ में वर्णन करते हैं कि उस समय ब्रूटस कुछ पीछे चलते हुए नीचे झुक गए, और रोम की मिट्टी को चूम लिया!

कुछ समय बाद रोमन राजकुमार कुछ कुलीनों के साथ पार्टी कर रहे थे। शराब के नशे में उन्होंने बाज़ी लगायी कि किसकी पत्नी बेहतर गृहणी है। वे छुप-छुप कर सभी के घरों में झाँकने गए। अधिकांश पत्नियाँ बैठ गप्पें लड़ा रही थी, या दासियों से सेवा ले रही थी। लेकिन कौलेटिनस की पत्नी लुक्रेशिया बैठ कर सूत कात रही थी। उन्हें देख कर राजकुमार सेक्सटस की काम-वासना जाग उठी।

कुछ दिनों बाद जब लुक्रेशिया घर में अकेली थी, सेक्सटस वहाँ धमक पड़े। लुक्रेशिया ने राजकुमार को आदरपूर्वक बिठा कर स्वागत किया। राजकुमार ने कहा कि वह उन्हें पत्नी बनाना चाहते हैं। जब लुक्रेशिया ने उनके प्रस्ताव को ठुकराया तो उन्होंने कहा,

“पत्नी नहीं बन सकती, तो मेरी वासना मिटाओ। अन्यथा मैं तुम्हें मार कर एक गुलाम के साथ नंगा लिटा दूँगा। कह दूँगा कि तुम व्यभिचार में लिप्त थी, इसलिए सजा देनी पड़ी।”

लुक्रेशिया भयभीत हो गयी और सेक्सटस ने जबरन बलात्कार किया। इस घटना के बाद वह रोते हुए ब्रूटस के पास पहुँची, और आप-बीती सुनाई। उन्होंने सहानुभूति जतायी लेकिन वह असमर्थ थे। अगले ही दिन लुक्रेशिया ने स्वयं को चाकू मार कर आत्महत्या कर ली। 

जब ब्रूटस ने उसका रक्तरंजित शरीर देखा, उनकी आँखें लाल हो उठी। उस समय उन्होंने लुक्रेशिया के पेट से चाकू निकाल कर अपने हाथ में लेते हुए सार्वजनिक रूप से सौगंध ली,

“मैं लुसियस यूनियस ब्रूटस यह शपथ लेता हूँ कि अब रोम में कोई राजा नहीं होगा…इस पवित्र स्त्री के खून की सौगंध लेकर और देवताओं को साक्षी मान कर मैं वचन देता हूँ कि राजा टारक्विन सुपरबस पर अभियोग लगाउँगा। उसे, उसकी शातिर पत्नी और उसके बेटों को रोम से निकाल फेंकूँगा। चाहे तलवार से, चाहे आग से, या किसी भी माध्यम से, इस राजतंत्र का हमेशा के लिए अंत कर दूँगा।”

एक मूर्ख और दब्बू माने जाने वाले ब्रूटस की इस शपथ से रोम की शेष भीरू जनता का भी खून खौल उठा। पूरा रोम इस बलात्कार के बाद राजपरिवार का अंत चाहता था। राजा टारक्विन के पास परिवार सहित भागने के सिवाय कोई रास्ता नहीं था।

ब्रूटस ने स्वयं राजा बनने के बजाय संपूर्ण रोम के साथ यह शपथ दोहराया कि अब इस राज्य में कभी कोई राजा नहीं होगा। वहाँ गणतंत्र की स्थापना होगी। लेकिन, जल्द ही ब्रूटस के समक्ष एक कठिन अग्निपरीक्षा आ गयी।

सूचना मिली कि पूर्व राजा टारक्विन फिर से सत्ता पाने के लिए षडयंत्र कर रहे हैं, और इस षडयंत्र में ब्रूटस के दो पुत्र शामिल हैं।

रोम की मिट्टी को अपनी माँ का दर्जा देने वाले ब्रूटस ने कहा, “वे मेरे पुत्र हैं, लेकिन इस मातृभूमि के पुत्र नहीं। उन्हें वही सजा दी जाएगी, जो किसी राजद्रोही को दी जाती है।”

ब्रूटस के सामने उनके पुत्रों का गला काटा गया, और वह अपनी पथराई आँखों से देखते रहे। यह स्पष्ट हो गया था कि अब कोई प्रलोभन, कोई षडयंत्र, कोई भी मोह गणतंत्र के रास्ते में नहीं आ सकता था। 

औघर की भविष्यवाणी अपनी जगह ठीक ही थी। मिट्टी किसी एक की माँ नहीं थी। उसे चूमने वाला हर नागरिक अब राजा था।
(क्रमशः)

प्रवीण झा
© Praveen Jha

रोम का इतिहास (5)
http://vssraghuvanshi.blogspot.com/2022/04/5.html 
#vss

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