ऐसे उद्योगपति, देश के दुश्मन की तरह हैं, जब वे फ्रॉड कर, टैक्स चुरा कर, अफसरों और राजनेताओं को, रिश्वत, चुनाव के लिए अनाप शनाप धन, तरह तरह के आर्थिक अपराध करके, मीडिया खरीद कर, दंगाई प्रोग्राम चलवाते हैं तब। ये देश के ही नहीं समाज और मानवता के भी दुश्मन हैं। इनके धन का क्षय हो।
जब ऐसे फ्रॉड और आर्थिक अपराध करके, मोटे होते जाने वाले उद्योगपतियों का नाश होगा तो, ऐसे उद्योगपति आयेंगे जो कानून के अनुसार, अपना काम करेंगे। ऐसे उद्योगपति और व्यापारी कम नहीं हैं पर वे इन फ्रॉड और राजनीतिक लॉबी के दम पर तरक्की करने वाले उद्योगपतियों के कारण हाशिए पर हैं।
अपराध, अपराध है चाहे उसे अरबपति करें या हम आप जैसे लोग। अब तक हिंडन बर्ग रिपोर्ट पर सरकार को कार्यवाही शुरू कर देनी चाहिए थी कि, धन मिलने का जो आरोप कि, tax haven कहे जाने वाले देशों और शेल कंपनियों के माध्यम से अडानी समूह को अनुचित धन लाभ हुआ है, उसमे कितनी सचाई है।
पर सरकार, वैसे ही चुप है, जैसे वह, नोटबंदी के बाद लाइनों में, लोगों के और कोरोना के समय ऑक्सीजन की कमी से मरीजों के मरते समय थी।
सरकार की प्राथमिकता में जनता कही है भी?
सरकार तो एसबीआई, एलआईसी से अडानी का शेयर खरीदवा रही है। प्राथमिकता में उद्योग भी नहीं हैं, है तो बस, अडानी है।
(विजय शंकर सिंह)
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