Sunday, 10 October 2021

प्रवीण झा - रूस का इतिहास (15)

यूरोप की रानियों के जीवन में पुरुषों की भूमिका एक ‘फ़िलर’ की तरह रही है। उन्हें यह भी भय रहता कि अगर पति अधिक शक्तिशाली हुआ तो वही गद्दी पर बैठ जाएगा। यह समस्या राजाओं के साथ नहीं थी। वह चाहे दस विवाह कर लें, उनकी पत्नियों से उन्हें खतरा नहीं था। लेकिन, ऐसा कोई ‘गोल्डन रूल’ नहीं है। 

जब राजकुमार पीटर का विवाह कैथरीन से हुआ, तो उन्हें भी लग गया कि यह संबंध बेमेल है। कैथरीन जितनी ही परिपक्व थी, पीटर उतने ही बचकानी हरकतों वाले। कैथरीन को किताबों और राजनीति का शौक था, जबकि पीटर को यूँ ही तफ़री मारने का। महारानी एलिज़ाबेथ भी अपने बेटे पीटर से अधिक अपनी बहू कैथरीन का सहयोग लेने लगी। दोनों के मध्य शारीरिक संबंध भी नहीं था, उस मामले में दोनों ने खुल्लम-खुल्ला अपने अलग-अलग पार्टनर चुन लिए थे। कैथरीन के पुत्र पॉल भी ऐसे ही ग़ैर-वैवाहिक प्रेम-संबंध से हुए। 

कैथरीन चाहे कितनी भी काबिल हो, यह तो तय था कि पीटर के होते हुए उनकी पत्नी रूस की गद्दी पर नहीं बैठ सकती। आखिर वह राजकुमार थे। जब तक कोई  बड़ी ग़लती नहीं करते, भला उनका अधिकार क्यों छिनता? 

उस समय रूस और प्रशिया में युद्ध छिड़ा था, और राजकुमार पीटर की प्रशिया शाही परिवार से मित्रता थी। यह बात महारानी एलिज़ाबेथ को भी खल रही थी, मगर उनकी अचानक मृत्यु हो गयी। रूस की सेना लगभग प्रशिया को हरा चुकी थी, लेकिन पीटर के राजा बनते ही युद्ध रोक दिया गया। इतना ही नहीं, पीटर ने रूस की सेना के यूनिफॉर्म बदल कर प्रशिया जैसे करने के आदेश दे दिए। सेना के कमांडर आग-बबूला हो गए। भारतीय सेना को अगर पाकिस्तान सेना की वर्दी पकड़ा दी जाए तो क्या होगा? 

उस समय सेना विद्रोह के मूड में थी। कैथरीन ने फैसला कर लिया कि वह अपने पति से गद्दी छीन लेगी। उनके प्रेमी उस समय सेना के गार्ड थे, तो यह काम मुश्किल नहीं था। 

वह सफ़ेद घोड़े पर सवार होकर स्वयं सेंट पीटर्सबर्ग पहुँची, जहाँ सेना ने उनको महारानी स्वीकार लिया। उस समय राजा पीटर रूस के सुदूर इलाक़े में आराम फरमा रहे थे। कैथरीन इस बार पूरे काफ़िले के साथ घोड़े पर आगे लीड करती हुई वहाँ पहुँची, और पीटर ने घबरा कर आत्म-समर्पण कर दिया। वहीं एक किले में उन्हें नज़र-बंद कर दिया गया, और कुछ दिनों बाद उनकी लाश ही वहाँ से बाहर आयी।

इस तरह एक जर्मन स्त्री कैथरीन ने साम-दाम-दंड-भेद से रूस की गद्दी पर कब्जा किया। 

उस समय यूरोप में कई हलचलें हो रही थी। पोलैंड के राजा के मरने के साथ ही वहाँ बंदर-बाँट शुरू हो गयी थी। रूस ने कुछ हिस्से हड़प लिए। ऑटोमन तुर्क रूस से लड़ने गए तो उन्हें मुँह की खानी पड़ी, और उनके भी कुछ हिस्से छिन गए। 

इसके दो परिणाम हुए- पहला यह कि रूस का विस्तार हुआ और कैथरीन ‘द ग्रेट’ यूरोप की सबसे शक्तिशाली महिला बनी। 

दूसरा यह कि रूस में ईसाई और मुसलमानों के अतिरिक्त एक तीसरे धर्म का प्रवेश हुआ, जिनकी भविष्य के ‘सोवियत’ में बड़ी भूमिका थी। 

रूस में पहली बार यहूदी आए। 
(क्रमशः) 

प्रवीण झा 
© Praveen Jha

रूस का इतिहास (14)
http://vssraghuvanshi.blogspot.com/2021/10/14.html 
#vss

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