Friday 27 March 2015

A Sufi Poem ... Those who became complete By Yunus Emre




Those who became complete
By Yunus Emre
(1238 - 1320)
English version by Kabir Helminski & Refik Algan

Those who became complete
didn't live this life in hypocrisy,
didn't learn the meaning of things
by reading commentaries.

Reality is an ocean; the Law is a ship.
Many have never left the ship,
never jumped into the sea.

They might have come to Worship
but they stopped at rituals.
They never knew or entered the Inside.

Those who think the Four Books
were meant to be talked about,
who heave only read explanations
and never entered meaning,
are really in sin.

Yunus means "true friend"
for one whose journey has begun.
Until we transform our Names,
we haven't found the Way.




युनूस एमरे तुर्की भाषा के प्रसिद्ध कवि हैं।  उन बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं है।  केवल यह ज्ञात है कि वह अनातोलिया के एक सूफी दरवेश थे। वह घूम घूम कर सूफी कवितायें लोगों को सुनाया करते थे। उनकी कविताओं में गंभीर रहस्यवाद और ईश्वर के प्रति प्रेम की भावना स्पष्ट रूप से दीखती है।
वह महान सुफु कवि और संत रूमी के समकालीन थे। रूमी की कवितायें और कहानियां जहां तत्कालीन विद्वत समाज में बहुत ही लोकप्रिय हुईं वहीं युनूस का साहित्य मूलतः लोक साहित्य ही रहा। उन्होंने सामान्य और ग्रामीण जन के बीच अपने साहित्य का प्रसार किया। युनूस और रूमी के बीच मुलाक़ात का एक बहुत रोचक उदाहरण मिलता है। दोनों संत एक बात मिले। रूमी ने युनूस से अपने साहित्य और  के लिखे ग्रन्थ मसनवी के बारे में पूछा कि , उस रचना पर आप का क्या विचार है। इस पर युनूस ने कहा कि वह रचना अद्भुत है। बहुत हे अद्भुत है। लेकिन मैं उसे दूसरे तरह से लिखता। कैसे , पूछा रूमी ने।  जवाब मिला , मैं लिखता , मैं अनंत से आया और खुद ही उसका अंग हो कर हाड मांस का बना और युनूस नाम रख लिया। ' यह अद्वैतवाद का अद्भुत उदाहरण  है।  
- vss.

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