70% बोलीविवासियों ने कहा हम भूखे प्यासे हैं बेहद गरीब हैं, हमारे पास देश की कुल संपत्ति का केवल 5% हिस्सा है. 69% संपत्ति पर 1% अमीरों का कब्ज़ा है !
समाजवादी नेता इवो मोरालेस ने जनता से कहा, आप लोग मुझे वोट दो. मैं आप लोगों को मुफ़्त शिक्षा इलाज, रोज़गार, ज़मीन और सस्ती आवास योजना दूंगा !
वर्ल्ड बैंक, अमेरिका, यूरोपीय देश और पूंजीपतियों ने कहा यह तुम क्या वादा कर रहे हो. यह लो ब्लैंक चैक भर लो जितनी रकम भरनी है. हम आपको मालामाल कर देंगे. पूरे चुनाव का खर्च हम पूंजीपति उठाएंगे, प्रचार के लिए हवाई जहाज़ उपलब्ध कराएंगे. बस जितने के बाद आप हमारा ख़्याल करना !
इवो मोरालेस ने ब्लैक चैक फाड़कर पूंजीपतियों ने मुंह पर मार दिया. वर्ल्ड बैंक आइएमएफ और सीआईए के कान खड़े हो गए, आखिर कौन है यह आदमी जो मुफ़्त शिक्षा और स्वास्थ्य का वादा कर रहा है ?
बोलीविया की जनता ने इवो मोरालेस पर भरोसा किया. भारी बहुमत से जिताकर इवो मोरालेस को बोलीविया का राष्ट्रपति बना दिया. 2006 में राष्ट्रपति बनते ही इवो मोरालेस ने दहाड़ते हुए पूंजीपतियों से कहा खनिज संपदा पर पहला अधिकार बोलीविवासियों का है !
इवो मोरालेस ने प्राकृतिक संसाधनों तथा रणनीतिक महत्व वाली कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर दिया. राष्ट्रीयकृत कंपनियों से मिलने वाली कमाई का लाभ से गरीब जनता की जरूरतों को पूरा करने लगे !
मोरालेस सरकार की नीतियों से वर्ल्ड बैंक... अमेरिका... और पूंजीपतियों को बुखार आ गया. मोरालेस सरकार ने अपना वादा निभाते हुए पूरे देश को मुफ़्त इलाज, मुफ़्त शिक्षा को तोहफा दे दिया. भूमिहीन किसानों को भूमि आवंटित की. रसोई गैस, बिजली, इंटरनेट और पानी पर सब्सिडी दी. आवास के लिए सस्ते ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराया !
मोरालेस की लोककल्याणकारी नीतियों के कारण.
गरीबी मिटने लगी... गरीबों की आमदनी बढ़ने लगी... लेकिन दूसरी तरफ पूंजीपतियों की अवैध कमाई घटने लगी. देश का 5% अमीर तबका राष्ट्रपति मोरालेस से इसलिए अधिक नाराज हुए कारण उन्होंने इन अमीर चोरों पर नए टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा तथा कुछ विदेशी कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करने का भी इरादा जाहिर किया !
2019 में सीआईए और पूंजीपतियों ने मिलकर, विपक्षी दक्षिणपंथी पार्टियों की मदद से इवो मोरालेस का तख़्ता पलट कर दिया, उन्हें देश से भागना पड़ा. एक वर्ष बाद इवो मोरालेस की पार्टी दुबारा सत्ता में आयी. राष्ट्रपति बने लुइस अर्क जो मोरालेस सरकार में मंत्री थे !
भारत जहां खबरों में अमीर रहते हैं, जो आबादी का 1% हैं.
2014 में नरेंद्र मोदी ने विकास का वादा किया. हर भारतीयों के खाते में 15 लाख देने का वादा किया. पूंजीपतियों को पता था मोदी पीएम बनकर पूंजीवाद की नीतियों पर चलेंगे. अडानी ने चुनाव में हज़ारों करोड़ रुपए बहाया, मोदी जी को चुनाव प्रचार के लिए हवाई जहाज़ दिया !
मुकेश अंबानी ने मोदी को पीएम के तौर पर प्रोजेक्ट करने के लिए ठीक चुनाव से पहले कई न्यूज़ चैनलों को खरीद लिया. विकास के एजेंडे पर चुनाव लड़ने वाले मोदी चुनाव जीत गए !
पीएम बनते ही लगे देश की संपत्ति को पूंजीपतियों को बेचने. सरकारी कंपनी, हवाई अड्डे, मुनाफे में चलने वाली हर सरकारी कंपनियों को मोदी बेच रहे हैं !
मोदी के पीएम बनने के बाद अडानी की संपत्ति में 265% का इजाफा हुआ है. मोदी की मोनोपॉली पूंजीवादी नीतियों के कारण 1% अमीरों ने 58% संपत्ति पर कब्ज़ा कर लिया है. 10% आबादी के पास देश की 77% संपत्ति है.
60% आबादी के पास केवल 4.7% संपत्ति है !
2019 में 3,43,000 करोड़पति थे, जो 2023 में तक बढ़कर 5,26,000 हो जाएंगे !
येही 5,26,000 लोग देश के मालिक होंगे और बाकी सब गुलाम !
गरीबी मिटाना... मुफ्त शिक्षा... सस्ती दरों पर स्वास्थ्य सेवा देना... खनिज संपदा लूटने वाली कंपनियों का राष्ट्रीयकरण करना... यह सब करने के लिए इवो मोरालेस की तरह 56 इंच सीने की जरूरत है !
सीआईए वर्ल्ड बैंक अमेरिका और पूंजीपतियों से लड़ना नरेंद्र मोदी के बस की बात नही !
क्रांति कुमार
( Kranti Kumar )
#vss
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