कोई शाम शहर ए ख़राब में ,
कोई रात अपने हिजाब में
कोई राज़ सवाल का ,
कोई बात अपने जवाब में ,
कोई खुशबुओं से भरी हवा ,
कोई रंग, रंग ए शवाब में ,
कोई अश्क़, आँख से मौतबर
कोई आईना सा हिबाब में ,
कोई रोशनी, तेरी आँख में ,
कोई फूल, दिल की किताब में,
कोई मस्तियों से भरी हुयी ,
कोई ओस, क़तरा ए गुलाब में ,
कोई दर्द, प्यार की सुबह का ,
कोई शाम, तेरी जनाब में ,
कोई शाद, का सा क़लाम हो ,
कोई ज़िक्र, शेर ओ बाब में !!
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हिबाब
- पुरस्कार
हिजाब
- पर्दा
मौतबर
- गिरा हुआ
शाद - आनंद , खुशी।
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