Thursday 24 January 2013

गृह मंत्री का बयान और बीजेपी का विरोध



गृह मंत्री का बयान और बीजेपी का विरोध 
गृह मंत्री के भगवा आतंक के नाम पर पूरी बीजेपी और आरएसएस में बवाल मचा है . दोनों ने ही इस से आहात होते हुए गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की है और ,इस मामले में सड़क से संसद तक लड़ने की योजना बनायी है . याद कीजिये , देश को अन्दर अन्दर खोखला कर रहा भ्रष्टाचार ,और उस के विरुद्ध हुआ अन्ना आन्दोलन , अरविन्द केजरीवाल का आन्दोलन , बाबा रामदेव का आन्दोलन , लोकपाल मुद्दा , दिल्ली बलात्कार प्रकरण , पर बीजेपी कितनी खामोश थी . और इस मुद्दे पर आनन् फानन में रैलियां आयोजित हुयी . और संसद से सड़क तक जूझने का एलन किया गया .काश जन सरोकारों से जुड़े मसलों पर भी यही रवैया अपनाया जाता .

बहस और आरोप प्रत्यारोप बहुत हो चुके . आज इस संचार क्रान्ति के युग में किसी का कुछ छिपा नहीं है . आतंक चाहे भगवा हो, हरा हो , या लाल वह आतंक है . विस्फोट चाहे मुंबई में हो , या पुणे में ,या मक्का मस्जिद में या समझौता एक्सप्रेस में , सब में कोई ऐसा नेता नहीं मरा और न मरता है जो धार्मिक भावना भड़काने का भाषण देता है .आग लगा कर वह कहीं आराम से बैठा होता है . मरते हैं निर्दोष और मासूम लोग .अगर सरकार के पास सूचना और सबूत है तो , वह उन सब आतंकवादियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करे , चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो .
बात तो ये है , की जब केंद्र सरकार को पता है तो वो करती कुछ क्यों नहीं,/ आडवानी , सुषमा स्वराज डेलिगेशन लेके गए थे , प्रधान मंत्री के पास आतंकवादी को छुडवाने ,और राजनाथ सिंह जेल में आतंकवादी से मिलने गए ,और तो और जब माले गाँव बम विस्फोट के आरोपी आतंकवादी अदालत जा रहे थे तब उनपे पुष्प वर्षा कोन कर रहा था , न तो ये छिपी कोई जानकारी है , और न ही इसे झुटलाया जा सकता हैं, गृह सचिव ने जरी की 10 भगवा आतंकियों की सूचि ,जरा इसे भी देख लें ,की ये सारे किस संघटन के हैं,

तथ्यों की बात करें तो आप सब जानते है की आर एस एस के सहस्त्र संघटन हैं ,वे तो प्रज्ञा सिंह और मेल गाँव के आतंकियों को किसी और संघटन का बता देंगे ,जैसे आज़ादी के बाद सबसे पहली और सबसे बड़ी आतंकी हमला महात्मा गाँधी को मरने से शुरू हुआ था , इसे बड़ी सफाई के साथ कह दिया गया की वो तो आर एस एस का ही नहीं था /

चलिए देख लीजिये इन दस आतंकियों के नाम और उनके संघटन .
1, सुनील जोशी [आर एस एस कार्यकर्त्ता ] समझोता एक्सप्रेस
2, संदीप डांगे [ आर एस एस ] समझोता एक्सप्रेस
3, लोकेश शर्मा [ आर एस एस ] समझोता एक्सप्रेस
4 स्वामी असीमानन्द [आर एस एस ] समझोता एक्सप्रेस
5 राजेंद्र [ आर एस एस ] समझोता एक्सप्रेस]
6 मुकेश वासनी [ आर ओत एक्सप्रेस एस एस ] अजमेर ब्लास्ट
7.देवेन्द्र गुप्ता [ आर एस एस ] अजमेर ब्लास्ट
8 चंद्र शेखर लेवे [ आए एस एस] मक्का मस्जिद ब्लास्ट
9. कमल चौहान [आर एस एस ] समझोता एक्सप्रेस

10 राम जी काल संजय [ आर एस एस ] समझोता एक्सप्रेस


सच तो यह है कि सरकार भी इस प्रकरण को वोट के राजनीति के चश्मे से देख रही है और बीजेपी ने इसे भावनात्मक मुद्दा बना दिया है . ऐसी दशा में मुझे डॉ लोहिया का एक वाक्य याद आता है ,जिस में उन्होंने कहा था कि , लोग भूख और बेरोजगारी के सवाल पर आंदोलित क्यों नहीं होते , धर्म के प्रश्न पर क्यों हो जाते हैं ...बीजेपी अगर आतंकवाद के खिलाफ सच में गंभीर है तो उन्हें इन सब से खुद को अलग करना भी पडेगा और दिखना भी .

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