Monday, 21 January 2013

यह ज़रा ज़रा सी बात पर






यह  ज़रा ज़रा सी बात पर


यह  ज़रा ज़रा सी बात पर
तरह तरह का अजाब क्यूँ ,
जो किसी से भी खफा न हो ,
मुझे उस खुदा की तलाश है .

मुझे लगजिशों पर हर घड़ी ,
बार बार कोई टोकता है ,
जिसे कर के दिल को दुःख न हो ,
मुझे उस खुदा की तलाश है .

बिना हमसफ़र के कब तलक ,
कोई मुसाफतों में लगा रहे ,
जहां कोई किसी से जुदा न हो ,
मुझे उस राह की तलाश है .

मुझे देख कर जो एक नज़र ,
मेरे सारे दर्द समझ सके ,
जो इस क़दर हो चारा - ए - ग़र,
मुझे उस निगाह की तलाश है ...

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