Saturday 18 September 2021

नितिन ठाकुर - भगत सिंह की फ़ोटो

दुर्भाग्यवश भगत सिंह का कोई वीडियो आज तक उपलब्ध नहीं है. जो हैं वो ले देकर चार फोटो हैं. यदि कोई फोटो या वीडियो होगा तो उनके संबंधियों या पुलिस रिकॉर्ड में हो सकता है जिनके सार्वजनिक होने की सूचना अब तक उपलब्ध नहीं है. जो चार तस्वीरें भगत सिंह की हम सबने देखी हैं उनके बारे में थोड़ी जानकारी साझा करूंगा. यहां पहली फोटो जो आप देख रहे हैं वो 11 साल के भगत सिंह की है.  साल 1907 में उनका जन्म हुआ था तो इस हिसाब से 1918 के आसपास ली गई होगी.

दूसरी फोटो दरअसल एक ग्रुप फोटो है. वहां से केवल भगत सिंह का धड़ से ऊपर का हिस्सा एडिट करके छापा गया है. मैं कमेंट बॉक्स में उस ग्रुप फोटो को अपलोड भी करूंगा तब देखिएगा. इस फोटो में भगत के केश लंबे हैं. ट्रिब्यून अखबार ने इस फोटो को 13 अप्रैल 1929 में प्रकाशित किया था यानि असेंबली कांड से जुड़ी खबरें छापने के सिलसिले में. मूल फोटो लाहौर सेंट्रल कॉलेज में 1924 में खींची गई थी यानि भगत 17 साल के थे. इस फोटो के बारे में कामा मैकक्लीन ने भी अपनी किताब में लिखा है.

तीसरी फोटो एक खाट पर बैठे भगत सिंह की है. इसके बारे में कई तरह के भ्रम हैं. कुछ लोग कहते हैं कि ये फांसी से पहले की है लेकिन ऐसा नहीं है. अपने जीवन में भगत दो बार गिरफ्तार हुए थे. एक गिरफ्तारी के बारे में हम सब जानते हैं लेकिन सबसे पहली गिरफ्तारी के विषय में उतनी जानकारी नहीं है. साल 1926 का दशहरा था. किसी ने बम विस्फोट कर दिया. पुलिस ने शक में कई लोगों को पकड़ा जिनमें भगत सिंह भी थे. साल 1927 की 29 मई को वो लाहौर थाने ले आए गए. यशपाल ने भी अपनी किताब में इसका वर्णन किया है. इसके अलावा प्रोफेसर चमनलाल ने फ्रंटलाइन पत्रिका के एक लेख में भी इस घटना से जुड़े कुछ खतों के बारे में लिखा है. भगत सिंंह को करीब पांच हफ्ते कोठरी में रहना पड़ा और फिर पुलिस ने कोर्ट में पेश किए बिना उन्हें करीब चालीस हज़ार की भारी भरकम जमानत पर छोड़ दिया. फोटो में भगत 20 साल के नौजवान हैं. जगह लाहौर का पुलिस थाना है. साथ में बैठे हैं गोपाल सिंह पन्नू जिनके पास लाहौर में सीआईडी के डीएसपी की ज़िम्मेदारी थी. फोटो चुपके से लिया गया है.

चौथा और अंतिम फोटो 21 साल के भगत सिंह ने खुद ही दिल्ली के रामनाथ फोटोग्राफर्स से अप्रैल 1929 में खिंचवाया था. उनके साथ बटुकेश्वर दत्त ने भी एक फोटो खिंचवाया था. केंद्रीय असेंबली में बम फेंकने के बाद इन तस्वीरों को ही क्रांतिकारियों ने प्रसारित किया. इन फोटो को खिंचवाने का मूल उद्देश्य भी यही था. इस फोटो में भगत के लंबे बाल गायब हैं क्योंकि वो फिरोज़पुर में कटवा चुके थे. मैकक्लीन ने इस तस्वीर पर भी काफी लिखा है.
#इतिइतिहास

नितिन ठाकुर 
© Nitin thakur

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