Saturday 14 October 2023

एक अग्निवीर की शहादत / विजय शंकर सिंह

हाल ही में अग्निवीर योजना से, सेना में शामिल हुए, मनसा, पंजाब के अग्निवीर, अमृतपाल सिंह, जिन्होंने,  पिछले महीने ही सक्रिय ड्यूटी शुरू की थी, का 10 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में,  निधन हो गया। अमृतपाल सिंह (21) पुंछ सेक्टर में जम्मू-कश्मीर राइफल्स की एक बटालियन में कार्यरत थे और कथित तौर पर 10 अक्टूबर को यूनिट के भीतर उनके सिर पर गोली लगने का घाव पाया गया था। यह पंजाब के किसी सैनिक की पहली मौत है।  

अमृतपाल के अवशेषों का उनके गांव में अंतिम संस्कार किया गया, पुलिस दल ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, शहीद सैनिक के पिता, गुरदीप सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे की मौत वाले दिन, उससे पहले बातचीत की थी और अमृतपाल काफी खुश लग रहा था। 

अमृतपाल के पिता के अनुसार, “उसने मुझे बताया कि उसने मेरी भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए 24 अक्टूबर से छुट्टी ले ली है, और वह इस कार्यक्रम का इंतजार कर रहा था। जबलपुर में जम्मू-कश्मीर राइफल्स प्रशिक्षण केंद्र में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सितंबर में वह अपने गांव आया था और 20 सितंबर को पुंछ में अपनी यूनिट में शामिल होने के लिए, वापस चला गया था।" 

गुरदीप सिंह ने कहा, "हम उनकी मौत की परिस्थितियों से अनभिज्ञ हैं और गहन जांच की मांग कर रहे हैं।" यह भी बताया कि, "सेना का एक हवलदार और दो जवान उनके बेटे के शव के साथ गांव आए थे और गार्ड ऑफ ऑनर के लिए सेना की कोई टुकड़ी मौजूद नहीं थी। मैंने अपने बेटे का शव देखा और उसके बायीं कनपटी पर कान के ऊपर गोली लगने का घाव था।"

अखबार के अनुसार, पंजाब में सैनिक कल्याण के निदेशक ब्रिगेडियर बीएस ढिल्लों (सेवानिवृत्त) के अनुसार, उनके विभाग को सैन्य अधिकारियों से अग्निवीर के निधन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी। उन्होंने कहा,  “हमें अभी पता चला है कि दाह संस्कार हो चुका है, पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया है।  हमें मौत की परिस्थितियों के बारे में सूचित नहीं किया गया है।"

रक्षा जनसंपर्क अधिकारी, जम्मू, लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बताया कि अग्निवीर अमृतपाल सिंह की मौत के आसपास की परिस्थितियों की जांच की जा रही है।" जब लेफ्टिनेंट कर्नल बर्तवाल से सैन्य अंतिम संस्कार की अनुपस्थिति के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी।

अमृतपाल सिंह के करीबी दोस्त सलीम खान ने उल्लेख किया कि उन्होंने अमृतपाल सहित अपने दोस्तों के साथ उनके निधन के दिन पहले बातचीत की थी और कुछ भी गड़बड़ नहीं हुई थी।  उन्होंने याद करते हुए कहा, "वह बहुत उत्साहित थे और छुट्टी पर घर लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।"

यहां कुछ सवाल उठते हैं जो इस घटना पर नहीं बल्कि अग्निवीर के स्टेटस पर हैं। घटना क्या थी, किन परिस्थितियों में यह हादसा हुआ, इसकी तो जांच हो ही रही होगी और ऐसी जांचों का एक तयशुदा नियम होता है। पर किसी अग्निवीर के  इस तरह की मृत्यु होने या फिर उसे कर्तव्य पर शहीद होने पर क्या उसे एक सैनिक को, मृत्यु के बाद उसे, जो सरकारी इमदाद और लाभ आदि मिलते हैं, वही लाभ, अमृतपाल की मृत्यु के बाद, उनके परिवार को भी मिलेंगे या अग्निवीर की मृत्यु के बाद, मिलने वाले लाभ और सहायता का कोई नया नियम,  बनाया गया है?

अग्निवीर योजना जब लाई गई थी तब भी इसका विरोध हुआ था और अब भी इसका विरोध हो रहा है। सेना के अफसर भी, इस अस्थाई और संविदा टाइप सेना भर्ती मामले में, तब दो भागों में बंट गए थे। एक समूह, इस योजना के साथ था, तो दूसरा और बड़ा समूह इस योजना के बारे में, तरह तरह के, सवाल उठा रहा था। यह युवा अग्निवीर,  जिसने सारा प्रशिक्षण, काम, दायित्व तो एक सैनिक का निभाया, पर, उसके अंतिम संस्कार में सैन्य परंपरा तक नहीं निभाई गई, यह बेहद अफसोस की बात है। सैन्य परंपरा से मेरा आशय, अंतिम संस्कार में सेना की टुकड़ी का मौजूद होना है। कहीं, अग्निवीर, सेना में दोयम दर्जे के सैनिक की तरह न समझे जाने लगें, इस बात की आशंका सेना के बड़े अफसर पहले ही जता चुके हैं। यदि दुर्भाग्य से ऐसा हुआ तो, इसका असर, सेना के मनोबल पर पड़ेगा। 

सेना, पुलिस, सुरक्षा बल में, कर्तव्य के दौरान मृत्यु होती है। यह एक कटु सत्य है। मृत्यु, युद्धकाल में भी होती है और शांतिकाल में भी। सेना, पुलिस और सुरक्षा बलों का यह एक पेशागत जोखिम (Professional Hazard) है। इससे बचना मुश्किल है। इसे देखते हुए ही, सेना, सुरक्षा बलों और पुलिस में, मृत्यु के बाद की कई सहूलियतें सरकार देती है। सेना में यह जोखिम अधिक है तो, वहां यह सुविधाएं, मृत्यु के बाद के अतिरिक्त, अपंगता आदि पर भी है। इनके नियम बने हुए हैं। अब अग्निवीर, उन नियमों के अंतर्गत आते हैं या नहीं, यह मुझे नहीं पता है। मेरी मित्र सूची में किसी को जानकारी हो तो, ज्ञानवर्धन कर सकते हैं। 

अग्निवीर अमृतपाल सिंह की इस दुखद मृत्यु पर, शोक संवेदना और विनम्र श्रद्धांजलि। 

विजय शंकर सिंह 
Vijay Shanker Singh 

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