Sunday, 24 October 2021

आर्यन ड्रग मामले में बरामदगी के गवाह ने ही एनसीबी के जेडी समीर वानखेड़े पर वसूली के आरोप लगाए / विजय शंकर सिंह

क्रूज लाइनर ड्रग मामले में पंचनामे, फर्द बरामदगी (सर्च मेमो) के एक गवाह प्रभाकर सेल ने केपी गोसावी (एनसीबी छापेमारी में एक निजी व्यक्ति जिसकी आर्यन खान के साथ तस्वीर वायरल हुई थी), जांच अधिकारी और एनसीबी मुंबई जोन के ऊपर, जबरन वसूली के चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं। यह आरोप, एक नहलफनामे में निदेशक समीर वानखेड़े और के खिलाफ लगाए गए हैं। 

प्रभाकर ने यह भी कहा है कि वे, केपी गोसावी के निजी अंगरक्षक भी रहे हैं। प्रभाकर ने आरोप लगाया है कि, उन्हें एनसीबी कार्यालय में बुलाया गया था और समीर वानखेंडे ने इस ड्रग बरामदगी के मामले के पंचनामे यानी सर्च मेमो में, गवाह के रूप में हस्ताक्षर करने के लिए कहा था और उनसे, 10 कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करा लिए गए। केपी गोसावी और प्रभाकर सेल, शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के दोस्त अरबाज मर्चेंट से, हुयी ड्रग बरामदगी के दो फर्द बरामदगी के गवाह हैं।

प्रभाकर सेल ने अपने, हलफनामे में कहा है कि, 
" उसने गोसावी को सैम डिसूजा से, यह कहते हुए सुना कि "आप 25 करोड़ रुपये का बम लगाते हैं, 18 करोड़ रुपये में समझौता करते हैं क्योंकि हमें समीर वानखेड़े को 8 करोड़ देना है।"  यह घटना 2 और 3 अक्टूबर की दरम्यानी रात को गोसावी के एनसीबी कार्यालय छोड़ने के बाद हुयी बताई गयी है। 

प्रभकर सेल का कहना है कि 
" कुछ मिनट बाद उसने पूजा ददलानी (शाहरुख खान के मैनेजर) को केपी गोसावी से बात करते देखा।  उनका कहना है कि बाद में गोसावी ने उन्हें 50 लाख रुपये नकद लेने के लिए एक स्थान पर जाने के लिए कहा। वह कहता है कि उसने नकदी के दो बैग एकत्र किए और उसे गोसावी को सौंप दिया।"

आगे वह कहता है, 
"जब तक हम लोअर परेल पहुंचे (एनसीबी कार्यालय से) केपी गोसावी सैम से फोन पर बात कर रहे थे और कहा कि आपने 25 करोड़ का बम लगाया और 18 फाइनल में मिल गए क्योंकि हमें समीर वानखेड़े को 8 करोड़ देना है ...।  .कुछ मिनटों के बाद एक नीले रंग की मर्सिडीज मौके पर आई और मैंने देखा कि पूजा ददजानी (शाहरुख की मैनेजर) कार में आई थी। सैम, केपी गोसावी और पूजा ददलानी मर्सिडीज में बैठकर बात करने लगे। फिर हम सभी 15 मिनट के बाद चले गए ...  "
आगे हलफनामे में कहा गया है कि,
 "....हम वाशी पहुंचे और तुरंत केपी ने मुझे इनोवा कार लेने और इंडियाना होटल के पास तारदेव सिग्नल पर जाने और 50 लाख नकद लेने के लिए कहा।  मैं सुबह करीब 9:45 बजे उक्त स्थान पर पहुंचा, जहां एक सफेद रंग की कार नंबर 5102 आई और मुझे कैश से भरे 2 बैग दिए।  जिसे मैं वाशी को उनके घर ले गया और किरण गोसावी को दे दिया।"

प्रभकर ने आगे कहा कि 
" जब सैम ने गिना तो बैग में केवल 38 लाख रुपये थे।  सेल का कहना है कि गोसावी अब गायब है और "एनसीबी अधिकारी मुझे मार सकते हैं या गोसावी की तरह मेरा अपहरण कर सकते हैं ... जैसा कि बड़े मामलों में देखा जाता है, गवाहों को अक्सर मार दिया जाता है या ले जाया जाता है और इसलिए सच बताना चाहते हैं"।

बाद के अपडेट में, एनसीबी के उप महानिदेशक ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सूचित किया कि सेल के हलफनामे को "आगे की आवश्यक कार्रवाई" के लिए एनसीबी के महानिदेशक को भेज दिया गया है। जो प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी है, वह इस प्रकार है, 

" एनसीबी की मुंबई जोनल यूनिट के अपराध संख्या 94/2021 के गवाह श्री प्रभाकर सेल का एक हलफनामा सोशल मीडिया के माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है।  उक्त हलफनामे में, श्री प्रभाकर ने 2 अक्टूबर 2021 को अपनी गतिविधियों के बारे में विवरण दिया है,  जिस दिन कि, उपरोक्त अपराध दर्ज किया गया था।

चूंकि वह मामले में गवाह है और जैसा कि मामला माननीय अदालत में है और विचाराधीन है, उन्हे सोशल मीडिया के बजाय माननीय अदालत में अपनी बात प्रस्तुत करने की आवश्यकता थी, अगर उसे कुछ कहना भी है तो।  इसके अलावा, हलफनामे में कुछ व्यक्तियों के खिलाफ सतर्कता संबंधी कुछ आरोप भी हैं जो श्री प्रभाकर द्वारा सुनी सुनाई बातों पर आधारित हैं।

हमारे जोनल डायरेक्टर, मुंबई जोनल यूनिट, श्री समीर वानखेड़े ने इन आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है।  चूंकि हलफनामे की कुछ सामग्री सतर्कता मामलों से संबंधित है, इसलिए मैं शपथ पत्र महानिदेशक को भेज रहा हूं।  नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और उनसे आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए अनुरोध किया गया है।"

घटना की पृष्ठभूमि इस प्रकार है। आर्यन खान को क्रूज ड्रग मामले में 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। पिछले बुधवार को मुंबई की एक सत्र अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। हालांकि आर्यन से किसी ड्रग बरामदगी नहीं हुई थी और न ही उसके द्वारा ड्रग सेवन का कोई सबूत ही उपलब्ध था। अदालत ने पाया कि, 
" आर्यन खान को अपने दोस्त के साथ 6 ग्राम चरस की मौजूदगी के बारे में जानकारी थी कि वह प्रतिबंधित पदार्थ के "सचेत कब्जे" के बराबर है।"  
कोर्ट ने आगे कहा कि,
"उसके व्हाट्सएप चैट से प्रथम दृष्टया ड्रग्स की खरीद के लिए अवैध गतिविधियों में उसकी संलिप्तता का पता चलता है।" 
सत्र न्यायालय द्वारा जमानत खारिज किए जाने के बाद खान ने बंबई उच्च न्यायालय का में अपील की है, जहां 26 अक्टूबर को जमानत अर्जी पर सुनवाई होगी। 

( विजय शंकर सिंह )

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