आज जेएनयू देशद्रोह प्रकरण में अदालत को दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल आरोपपत्र पर सुनवायी करनी थी। अदालत ने JNU में देशविरोधी नारे लगाए जाने के मामले में बिना दिल्ली सरकार से मंजूरी लिए चार्जशीट दायर करने पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि जब तक दिल्ली सरकार चार्जशीट दायर करने की मंदूरी नहीं देती, तब तक हम इस पर संज्ञान नहीं लेंगे. कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट पर पहले दिल्ली सरकार से अनुमति लेनी होगी और अनुमति प्राप्त करने के लिए अदालत ने पुलिस को दस दिनों का समय और दिया है. ज्ञातव्य है कि, जेएनयू मामले में कन्हैया कुमार व अन्य के खिलाफ दायर चार्जशीट के लिए दिल्ली सरकार ने अब तक दिल्ली पुलिस को अनुमति नहीं दी है.
अदालत ने पुलिस से पूछा आप के पास लीगल डिपार्टमेंट की मंजूरी नहीं है, तो फिर बिना मंजूरी के आपने चार्जशीट फाइल क्यों की ? इस पर दिल्ली पुलिस ने दस दिनों के भीतर मंजूरी लेने की बात कही. दरअसल देशद्रोह के मामले में दंड प्रक्रिया संहिता ( सीआरपीसी ) के #सेक्शन196 के तहत जब तक सरकार मंजूरी नहीं दे देती, तब तक अदालत चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकती है।
पुलिस द्वारा यह चार्जशीट सेक्शन 124A 323,465,471,143,149,147,120B आईपीसी के अंतर्गत दाखिल की गई है. इस मुकदमें में मुख्य आरोपी #कन्हैयाकुमार, #अनिर्बानभट्टाचार्य, #उमरखालिद, सात कश्मीर छात्र और 36 अन्य लोग हैं. आरोप पत्र के अनुसार कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे. गवाहों के हवाले से चार्जशीट में बताया गया है कि कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे. पुलिस को कन्हैया का भाषण देते हुए एक वीडियो भी मिला है. इसके साथ ही कहा गया है कि कन्हैया को पूरे कार्यक्रम की पहले से जानकारी थी. चार्जशीट में जिन सात कश्मीरी छात्रों के नाम हैं, उनसे पूछताछ हो चुकी है.
© विजय शंकर सिंह
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