Friday 7 November 2014

राजनीति में कुछ मुद्दे जान बूझ कर ज़िंदा रखे जाते हैं / विजय शंकर सिंह


राजनीति में कुछ मुद्दे जान बूझ कर ज़िंदा रखे जाते हैं ताकि, वक़्त ज़रुरत उस से हित साधा जा सके. यह लगभग सभी दलों सफी फितरत है. जैसे शुरू में कांग्रेस का गरीबी हटाओ मुद्दा था. अपार सफलता मिली थी, इंदिरा गाँधी को, पर उस वादे पर जीत जाने के बाद बहुत कुछ नहीं किया गया. बहुत दिनों तक बोफोर्स तोप छुछिया तोप की तरह गूंजती रही. बीच में मंदिर मुद्दा कांग्रेस और भाजपा ने ढूढ़ लिया. एक ने कहा ताला मैंने खुलवाया, दूसरे ने सोचा अब क्या किया जाय तो रथ यात्रा शुरू हो गयी. माहौल गरमाने आडवाणी जी निकले थे. उत्तर भारत में अश्वमेध का अश्व चल पडा. ज़हर बढ़ने लगा, लोग कहने लगे, राम काज कीन्हे बिना, मोहिं कहाँ विश्राम ! कांग्रेस ने शिलान्यास की अनुमति दी 1989 में दे दी थी. यह सुगबुगाहट हो गयी थी कि मंदिर बनेगा. तभी रथ यात्रा ने वह मुद्दा कांग्रेस से छीन लिया, और भाजपा और भाई लोग सक्रिय हो गए. तर्क दिया गया कि जहां राम लला विराजमान हैं वहीं गर्भ गृह रहेगा.

कार सेवा का फैसला हुआ, कार्तिक पूर्णिमा, 30 अक्तूबर, 1990 को भीड़ उमड़ी और काफी कोशिशों के बाद , बल प्रयोग और गोली चलाने के बाद मामला सुलझा और उस इमारत की चहारदीवारी को ही केवल नुकसान पहुंचा. फिर तय हुआ कि, 02 नवम्बर को पुनः कारसेवा होगी. टकराव हुआ और गोली चली. 16 आदमी मारे गए, पर अफवाहें भी खूब फैलीं. किसी ने कहा चार सौ तो कोई हज़ारों की संख्या जोड़ दी. मैं प्रत्यक्ष दर्शी हूँ इस लिए साफ़ कह रहा हूँ . उधर आडवानी जी को बिहार में गिरफ्तार कर लिया गया था. यह मुद्दा जब जब चुनाव आता है गरमाया जाता है. अभी सब चुप हैं 2016 के माघ मेले इलाहाबाद से इस पर गतिविधिया शुरू होगी. जो मारे गए कारसेवक थे, उनके बारे में कोई जांच न कल्याण सिंह ने की, न और न ही एन डी ए की सरकार ने. आग भड़का कर तमाशा देखने की पुरानी आदत हो जैसे.

वैसे ही फिर मुद्दा आया ऍफ़ डी आई का. बड़ा विरोध कांग्रेस का हुआ. . देश बेच देने का आरोप आदि आदि. फिर जब अपनी सरकार आयी तो, आइये , बनाइये, जाइये, शुरू हो गया. 
फिर मुद्दा रोबर्ट वाड्रा का. सबको पता है, घपले किये गए हैं सी ए जी ने भी कह दिया, पर अभी तक न जांच, , प्रगति. आखिर इस मुद्दे को भी जीवित रखना है. मुद्दा गया तो फिर क्या सोच कर मन की बात कहेंगे. 

काला धन पर तो कहा है भरोसा रखिये पाई पाई लायेंगे. तो भरोसा है. भारत की सबसे काबिल सरकार है. कुछ न कुछ ज़रूर होगा. 
बाकी मुद्दे पर सिलसिलेवार फिर कभी. अभी सरकार हनीमून काल से निकली है.


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