Tuesday 18 December 2018

राफेल पर ग्यारह सवाल / विजय शंकर सिंह

सरकार राफेल मामले पर 70 प्रेस वार्ता आयोजित कर के अपनी सफाई प्रस्तुत करने जा रही है। उनसे ये 11 सवाल पूछें जो इस मामले को संदेहास्पद बबाते हैं। 

1. राफ़ेल पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का आधार CAG रिपोर्ट है (Para 25), पर CAG ने तो कोई रिपोर्ट दी ही नहीं ? न ही CAG रिपोर्ट संसद में पेश हुई और न ही PAC में. फिर सुप्रीम कोर्ट के साथ इतना बड़ा फ्रॉड क्यों?

2. रिलायंस कंपनी का साल 2012 से ही डसॉल्ट एविएशन से समझौता चला आ रहा था. (Para 32) पर रिलायंस डिफेंस लिमिटेड का तो गठन ही 28 मार्च  2015 को हुआ. फिर सुप्रीम कोर्ट को ये गलत तथ्य दे, बरगलाया क्यों ?

3. राष्ट्रपति, ओलांद का खुलासा गलत है कि मोदी सरकार ने ठेका रिलायंस को दिलाया, जबकि इसे दोनों पक्षों ने नकार दिया पर ओलांद ने 21/9/18 को अपना बयान दोहराया. 27/9/18 को मैक्रों ने कहा-वो ओलांद की बात ख़ारिज नहीं कर सकते. फिर SC से छल क्यों ?

4. सरकारी कंपनी HAL का राफ़ेल ठेके से कोई सरोकार नहीं (Para 32). पर HAL व डसॉल्ट का समझौता 13/3/2014 को हो चुका था. 25/3/2015 को डसॉल्ट CEO ने बेंगलुरु में इसकी पुष्टि की. 8/4/2015 को विदेश सचिव ने HAL-डसॉल्ट के समझौते को माना, फिर कोर्ट से धोखा क्यों ?

5. याचिकाकर्ता ने कहा कि फ्रांस द्वारा Sovereign Guarantee न दे मात्र लेटर ऑफ कंफर्ट दिया गया. (Para 20) पर SC ने इसपर कोई फ़ैसला नहीं दिया. 9/12/2015 व 23/8/2016 का क़ानून मंत्रालय का विरोध SC को दिखाया ही नहीं. कोर्ट से क्यों छिपाया ?

6. रक्षा ख़रीद समिति (DAC) की अनुमति के साथ 10/4/2015 को 36 राफ़ेल ख़रीद की घोषणा हुई (Para 3) पर DAC की बैठक तो 13/5/2015 को हुई जहां 36 राफ़ेल खरीदने का निर्णय हुआ. फिर मोदीजी ने 1 महीना पहले फैसला कैसे लिया? फिर SC को गुमराह क्यों किया ?

7. 36 राफ़ेल ख़रीद सौदा 23/9/2016 को हुआ पर ओलांद के 21/9/2018 के खुलासे से पहले किसी ने विरोध नहीं किया (Para 23). पर कांग्रेस ने इस घोटाले का भंडाफोड़ 23/5/2015 को ही कर दिया था. फिर सरकार ने SC को सच क्यों नहीं बताया ?

8. वायुसेना प्रमुख ने राफ़ेल की क़ीमत बताने पर ऐतराज़ जताया (Para 25) पर वायुसेना प्रमुख न तो कोर्ट आये और न ही कोई शपथ पत्र दाख़िल किया. वायुसेना अधिकारियों से क़ीमत के बारे कोई सवाल अदालत में नहीं पुछा गया. फिर कोर्ट को क्यों भटकाया ?

9. 126 राफ़ेल की बजाय मात्र 36 राफ़ेल खरीदने का निर्णय मोदी सरकार का नीतिगत फैसला है (Para 22) पर वायुसेना की 126 जहाज़ों की ज़रूरत ख़ारिज़ कर मनमर्ज़ी से 36 जहाज़ खरीद राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता है. फिर SC को औचित्य क्यों नहीं बताया ?

10. रक्षा खरीद प्रणाली DPP-2013 के मुताबिक़ बग़ैर सरकारी हस्तक्षेप के डसॉल्ट ऑफसेट पार्टनर चुन सकती थी (Para 33) पर DPP-2013 में इस शर्त को 5/8/2015 को ही जोड़ा गया, जबकि राफ़ेल खरीद की घोषणा 10/4/2015 को हुई थी. SC से विश्वासघात क्यों ?

11.मोदी सरकार ने कहा कि 36 राफ़ेल की क़ीमत फ़ायदेमंद सौदा है (Para 26) पर कांग्रेस जो एक राफ़ेल 526 करोड़ रुपये में ख़रीद रही थी, वो मोदीजी ने 1670 करोड़ प्रति जहाज़ ख़रीदा. देश को 41,205 करोड़ का चूना लगा! फ़िर कोर्ट को सच क्यों नहीं बताया ?


© विजय शंकर सिंह

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