Friday, 20 January 2023

दिल्ली में पहलवानों का धरना और कुश्ती संघ का विवाद / विजय शंकर सिंह

राष्ट्रीय कुश्ती संघ के प्रमुख और सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शौषण के कुछ आरोपों को लेकर, कुछ बड़े और अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग ले चुके पहलवान और महिला पहलवान दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं। 

बृजभूषण, गोंडा से 6 बार सांसद रह चुके हैं और उनका और उनके परिवार का इलाके में प्रभाव है। यह बात सही है कि, वे बाहुबली हैं और उन पर आपराधिक धाराओं में मुकदमे भी दर्ज है। पर बाहुबली और आपराधिक इतिहास का होना, सांसद या जनप्रतिनिधि बनने की कोई अयोग्यता तो है नही। कैबिनेट में तो आपराधिक इतिहास वाले एमपी भी मंत्रीपद पर सुशोभित हैं। 

अब रहा सवाल, यौन शौषण का। बृजभूषण शरण को मै, जितना निजी तौर पर जानता हूं, उसके अनुसार, मुझे इस तरह के आरोप पर संशय है। मार पीट देना, हड़का देना, आदि के बारे में मुझे कोई संशय नहीं है। यह उनके स्वभाव का अंग हो सकता है। उनके इस अमर्यादित आक्रामक आचरण की निंदा होती है और,  किसी भी, किसी के भी, अमर्यादित आचरण की निंदा की भी जानी चाहिए। 

लेकिन, उनके ऊपर, यौन शौषण का आरोप यदि किसी महिला खिलाड़ी ने लगाया है तो उसे, इस आरोप की जांच के लिए आगे आना चाहिए। सरकार को, इस गंभीर आरोप की जांच करानी चाहिए। जांच कैसे और किसके द्वारा हो, यह भी सरकार को ही तय करना है। 

बृजभूषण इधर बाबा रामदेव को लेकर भी चर्चा में रहे हैं। उन्होंने रामदेव की दवाइयों और उत्पादों की गुणवत्ता पर, भी कुछ बयान दिए थे। रामदेव आज से विवादित नहीं हैं। जमीन के कब्जे से लेकर, वैद्य बालकिशन के फर्जी वैद्यक की डिग्री से होते हुए अपने अनेक उत्पादों के लैब टेस्टिंग के विफल पाए जाने तक, उन पर बराबर विवाद उठता रहा है, और अब भी वे इन विवादों और आरोपों से मुक्त नहीं हैं। क्या हालिया विवादों की पृष्ठभूमि में, कही रामदेव के बारे में दिए गए, बृजभूषण शरण के बयान तो नहीं हैं। इसे भी देखा जाना चाहिए। 

उनसे कुश्ती संघ से इस्तीफा देने की मांग की जा रही है। यौन शौषण के आरोप और कुश्ती संघ से इस्तीफा दोनो अलग अलग मामले हैं। यदि उनके कार्यकाल में कुश्ती संघ में कोई अनियमितता, पक्षपात या भ्रष्टाचार हुआ है तो सरकार इस मामले की जांच कराकर उन्हें हटने के लिए कह सकती है। पर किसी महिला खिलाड़ी का यौन शौषण एक अलग और गंभीर आपराधिक मामला है।  

अखबारों के अनुसार, बृजभूषण ने अपने ऊपर लगाए आरोपौ की जांच की मांग की है। जब इतने दिनों से, यह पहलवान जंतर मंतर में अपनी व्यथा लिए बैठे हैं तो, उनकी बात सुनी जानी चाहिए। खिलाड़ी किसी भी जाति, प्रदेश या धर्म का हो, वह किसी भी अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजन में देश का प्रतिनिधित्व करता है, न कि, अपनी जाति बिरादरी, धर्म या प्रदेश का। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। हर धरना प्रदर्शन प्रतिरोध पर शतुरमुर्गी चुप्पी अनुचित है। 

(विजय शंकर सिंह)

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