खबर है अमेरिकी पत्रिका द टाइम ने परसन ऑफ़ द इयर के लिए प्रधानमंत्री मोदी जी को चुना है । पर अभी यह घोषित नहीं है। वे निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की तुलना में शायद आगे हैं। जल्दी ही इसकी औपचारिक घोषणा भी होने वाली है । टाइम पत्रिका हर साल अपने पाठकों से मत संग्रह कर उनकी रुचि के अनुसार साल के सबसे चर्चित चेहरे या व्यक्तित्व को पर्सनल ऑफ़ द ईयर चुनती है । जो भी व्यक्ति परसन ऑफ़ द ईयर चुना जाता है, उसकी फ़ोटो टाइम मैगज़ीन के कवर पेज पर छापी जाती है । यह पाठक मत संग्रह उस साल या उस व्यक्ति के क्रियाकलापों पर कोई निर्णय नहीं होता बल्कि वह साल का सबसे अधिक चर्चा में रहने के मापदंड पर आधारित होता है । चर्चा, और चर्चित का कारण, अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी । हमारे प्रधानमंत्री जी इस वर्ष 2016 के सबसे चर्चित चेहरे चुने गए हैं । उन्होंने चर्चा के इस समर में डोनाल्ड ट्रम्प और बराक ओबामा को भी छोड़ दिया है । यह वोटिंग सत्य के निकट भी है । क्यों कि ट्रम्प, अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के कारण, ओबामा विश्व राजनीति में अपनी भूमिका के कारण और मोदी देश के अंदर अपने कई फैसलों के कारण तथा वैश्विक राजनीति में सक्रियता के कारण सबसे अधिक चर्चा में रहे हैं । यह टाइम पत्रिका का एक प्रकार से सम्मान अभियान है । यह चयन 1927 से शुरू हुआ है । जैसा कि टाइम मैगज़ीन खुद ही इसका मापदंड बताती है, यह उसी के शब्दों में ,
"for better or worse, has most influenced events in the preceding year."
आगे यह पत्रिका कहती है
"Although TIME's list is not an academic or objective study of the past, the list gives a contemporary viewpoint of what was important during each year. "
1927 में सबसे पहला चयन चार्ल्स लिंडबर्ग का हुआ था । यह सबसे कम आयु में चयनित होने वाले शख्श थे ।
"for better or worse, has most influenced events in the preceding year."
आगे यह पत्रिका कहती है
"Although TIME's list is not an academic or objective study of the past, the list gives a contemporary viewpoint of what was important during each year. "
1927 में सबसे पहला चयन चार्ल्स लिंडबर्ग का हुआ था । यह सबसे कम आयु में चयनित होने वाले शख्श थे ।
वालिस वारफील्ड सिम्पसन, 1936 में चयनित होने वाली पहली महिला थी । यह वही फ्रेंच महिला थीं , जिनसे विवाह के लिए इंग्लॅण्ड के राजा एडवर्ड अष्ठम ने सम्राट की गद्दी छोड़ दी थी ।
अमेरिकी राष्ट्रपति, फ्रैंकलीन डेलानो रूज़वेल्ट को यह सम्मान तीन बार, वर्ष 1932, 1934 और 1941 में मिला था । दो बार सम्मानित होने वाले और भी महानुभाव हैं ।
जर्मनी का कुख्यात तानाशाह , एडोल्फ हिटलर जिसने यहूदियों का सामूहिक नर संहार कराया को भी यह सम्मान 1938 में मिला था । टाइम पत्रिका ने जो कवर पेज हिटलर के चयन पर छापा था , उसमे उसने हिटलर की फ़ोटो के साथ साथ लटकते हुए यहूदियों के शव भी छापे थे । यह सम्मान है या क्या है, इस पर भी बहुत बहसें तब हुयीं थीं।
1939 से 1945 तक चलने वाले द्वीतीय विश्व युद्ध में जब हिटलर ने रूस पर हमला कर दिया तो , रूस मित्र देशों के साथ आ गया । तब रूस की कम्युनिस्ट पार्टी और सोवियत रूस के प्रमुख जोजेफ स्टालिन को , यह सम्मान दो बार 1939 और 1942 में मिला ।
कम्प्यूटर सत्तर के दशक के अंत होते होते, दस्तक देने लगा था । उसका उपयोग बढ़ने लगा तब। डिजिटल युग की वह शुरुआत थी । 1982 में यह सम्मान कम्प्यूटर को मिला था ।
अमेरिकी राष्ट्रपति, फ्रैंकलीन डेलानो रूज़वेल्ट को यह सम्मान तीन बार, वर्ष 1932, 1934 और 1941 में मिला था । दो बार सम्मानित होने वाले और भी महानुभाव हैं ।
जर्मनी का कुख्यात तानाशाह , एडोल्फ हिटलर जिसने यहूदियों का सामूहिक नर संहार कराया को भी यह सम्मान 1938 में मिला था । टाइम पत्रिका ने जो कवर पेज हिटलर के चयन पर छापा था , उसमे उसने हिटलर की फ़ोटो के साथ साथ लटकते हुए यहूदियों के शव भी छापे थे । यह सम्मान है या क्या है, इस पर भी बहुत बहसें तब हुयीं थीं।
1939 से 1945 तक चलने वाले द्वीतीय विश्व युद्ध में जब हिटलर ने रूस पर हमला कर दिया तो , रूस मित्र देशों के साथ आ गया । तब रूस की कम्युनिस्ट पार्टी और सोवियत रूस के प्रमुख जोजेफ स्टालिन को , यह सम्मान दो बार 1939 और 1942 में मिला ।
कम्प्यूटर सत्तर के दशक के अंत होते होते, दस्तक देने लगा था । उसका उपयोग बढ़ने लगा तब। डिजिटल युग की वह शुरुआत थी । 1982 में यह सम्मान कम्प्यूटर को मिला था ।
ऐसा नहीं कि यह सम्मान केवल व्यक्तियों को ही मिला है । बहुत से ऐसे संगठन या बड़े ग्रुप हैं जिनकी चर्चाएं हुईं और उन्हें यह सम्मान मिला । 1950 में अमेरिकन फाइटिंग मैन, 1956 में द हंगेरियन फ्रीडम फाइटर, 1960 में यू एस साइंटिस्ट, 1966 में ट्वेंटी फाइव एंड अंडर, 1968 में मिडिल अमेरिकन , 1975 अमेरिकन वीमेन, और 2006 में यू you को यह सम्मान मिला । 2006 का यह सम्मान अनोखा था । यह सबको समर्पित था । यह नेटवर्किंग के जुड़ाव के प्रतीक वेब को दिया गया था ।
1927 से अब तक के सभी परसन ऑफ़ द ईयर की सूची इस प्रकार है ।
1927 चार्ल्स आगस्टस लिंडबर्ग
1928 वाल्टर पी क्रिसलर
1929 ओवेन डी यंग
1930 मोहन दास करमचंद गांधी
1931 पियरे लावल.
1932 फ्रैंकलीन डेलानो रूज़वेल्ट
1933 हग सैमुअल जॉनसन
1934 फ्रैंकलीन डेलानो रूज़वेल्ट
1935 हेले सिलासी
1936 श्रीमती वालिस वारफील्ड सिम्पसन
1937 जनरल इससीमो और चिआंग काई शेक
1938 एडोल्फ हिटलर
1939 जोजफ स्टालिन
1940 विंस्टन लियोनार्ड स्पेंसर चर्चिल
1941 फ्रैंकलीन डेलानो रूजवेल्ट
1942 जोजेफ स्टालिन
1943 जॉर्ज कैटलेट मार्शल
1944 ड्वाइट डेविड आइजनहावर
1945 हैरी ट्रूमैन
1946 जेम्स ऍफ़ बायम्स
1947 जॉर्ज कैटलेट मार्शल
1948 हैरी ट्रूमेन
1949 विंस्टन लॅओनोर्ड चर्चिल
1950 अमेरिकन फाइटिंग मैन
1951 मोहम्मद मोसाडेग
1952 एलिज़ाबेथ द्वीतीय
1953 कोनार्ड अदेनायर
1954 जॉन फॉस्टर डलेस
1955 हारलो हर्बर्ट कर्टिस
1956 हंगेरियन फ्रेंडम फाइटर
1957 निकिता ख्रुश्चेव
1958 चार्ल्स द गाल
1959 ड्वाइट डेविड आइजनहावर
1960 अमेरिकी वैज्ञानिक .
1961 जॉन फिट्ज़जेराल्ड केनेडी
1962 पोप जॉन तेइसवें
1963 मार्टिन लूथर किंग जूनियर
1964 लिंडन बी जॉनसन
1965 जनरल विलियम चाइल्ड्स वेस्टमोरलैंड
1966 ट्वंटी फाइव एंड अंडर
1967 लिंडन बी जॉनसन
1968 अंतरिक्ष यात्री एंडर्स , बोरमन और लोवेल
1969 द मिड्ल अमेरिकन.
1970 विली ब्रांड
1971 रिचर्ड मिल्हाउस निक्सन
1972 निक्सन और किसिंगर
1973 जॉन जे सिरिका
1974 शाह फैसल
1975 अमेरिकन वीमेन
1976 जिमी कार्टर
1977 अनवर सादात
1978 तेंग ह्सीओ पिंग
1979 आयतोल्लाह खोमैनी
1980 रोनाल्ड रीगन
1981 लेश वालेसा
1982 द कंप्यूटर
1983 रोनाल्ड रीगन और यूरी आन्ड्रोपॉव
1984 पीटर उबर्रोथ
1985 देंग जियाओ पिंग
1986 कॉरोज़ोन एक्विनो
1987 मिखाइल सेरेगेयेविच गोर्बाचेव
1988 इंडेंजेर्ड अर्थ Endangered Earth
1989 मिखाइल सेरेगेयेविच गोर्बाचेव
1990 जॉर्ज बुश द्वय The Two George Bushes
1991 टेड टर्नर
1992 बिल क्लिंटन
1993 द पीसमेकर्स The Peacemakers
1994 पोप जॉन पॉल द्वीतीय
1995 न्यूट जिंगरिच
1996 डॉ डेविड हो
1997 एंडी ग्रोव
1998 बिल क्लिंटन और केनेथ स्टार
1999 जेफ़ बीजोस
2000 जॉर्ज डब्ल्यू बुश
2001 रुडोल्फ जिउलियानी
2002 द व्हिसिल ब्लोवेर्स The Whistleblowers
2003 द अमेरिकन सोल्जर The American Soldier
2004 जॉर्ज डब्ल्यू बुश
2005 बिल गेट्स , मेलिंडा गेट्स और बोनो
2006 यू You
2007 व्लादिमीर पुतिन
2008 बराक ओबामा
2009 बेन बर्नांके Ben Bernanke
2010 मार्क ज़ुकरबर्ग
2011 द प्रोटेस्टर The Protester
2012 बराक ओबामा
2013 पोप फ्रांसिस
2014 इबोला फाइटर्स Ebola Fighters
2015 एंजेला मर्केल
2016 अघोषित
टाइम पत्रिका, परसन ऑफ़ द ईयर का चयन पहले पत्रिका में छपे कूपनों द्वारा करती थी, अब यह चयन ऑन लाइन किया जाता है । ऊपर दिए गए सूची पर नज़र डालें तो यह साफ़ स्पष्ट हो जाएगा कि, जिनको चुना गया है उनमे अधिकतर लोग अमेरिकन पृष्ठभूमि के हैं । अमेरिका के लगभग सभी राष्ट्रपति टाइम के परसन ऑफ़ द ईयर रह चुके हैं । इसी अवधि में विश्व इतिहास को एक नया मोड़ देने वाले, माओ , नेल्सन मंडेला, फिदेल कास्त्रो जैसे महान नेतृत्व टाइम परसन ऑफ़ द ईयर के चयन में स्थान नहीं पा सकें । ये सभी अमेरिकी साम्राज्यवादी विचारधारा के विरोधी थे । गोर्बाचोव को यह सम्मान तब मिला जब सोवियत रूस विखंडित हो रहा था । निक्सन और किसिंगर को तब मिला जब अमेरिका और चीन पिंग पॉन्ग कूटनीति के माध्यम से एक दूसरे के करीब आ रहे थे । गांधी को तब मिला जब उन्होंने नमक कर के विरोध में दांडी यात्रा शुरू की थी और दुनिया इस अभिनव आंदोलन से चमत्कृत थी । तो, दूसरी तरफ इस सूची में हिटलर भी हैं जो इतिहास में कुख्यात है , विख्यात नहीं, हेले सिलासी हैं , जिनके राज्य इथियोपिया में लंबी अवधि तक अकाल और दुर्भिक्ष पड़ता रहा । महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन, सिने कलाकार चार्ली चैप्लिन, महानतम मुक्केबाज़ मुहम्मद अली, हरित क्रान्ति के जनक डॉ नॉर्मन बोरलॉग जैसे गैर राजनीतिक व्यक्तित्व भी यह सम्मान नहीं पा सके । टाइम पत्रिका का पाठक संसार भी एलीट वर्ग है । उसके चयन का पैमाना ही चर्चा और खबरों में बने रहने प्रवित्ति है । हमारे प्रधानमंत्री को अगर 2016 का टाइम परसन ऑफ़ द ईयर चुना जाता है तो यह प्रसन्नता की बात होगी। उन्हें अग्रिम बधाई ।
( विजय शंकर सिंह )
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