Friday, 8 August 2014

ज़िंदगी अनेक संयोगों, सुयोगों और वियोगों का एक संकलन है..... विजय शंकर सिंह


                                 ( अब्राहम लिंकन )

ज़िंदगी अनेक संयोगों, सुयोगों और वियोगों का एक संकलन है।  बहुत सी घटनाएँ अनायास घटती हैं तो बहुत सी सायास।  कुछ का रहस्य अनावृत्त हो जाता है तो कुछ का रहस्य न जाने कहाँ छिपा है जाना ही नहीं जा सकता।  इतिहास ऐसे रहस्य की दीर्घाओं से भरा पड़ा है। आज मैं कुछ तथ्य इतिहास से लेकर आप के समक्ष साझा कर रहा हूँ जो मुझे सदैव चमत्कृत करते रहेंगे। आप भी इसे पढ़ेंगे तो स्तंभित हुए बिना नहीं रहेंगे। ऐसी ही कुछ चमत्कार कथाओं को जिन्हे हम बचपन में विचित्र किन्तु सत्य के शीर्षकों में पढ़ते रहे हैं, फिर धीरे से चमत्कार को नमस्कार है कह कर आगे बढ़ जाते हैं। यह चमत्कार अमेरिका के दो राष्ट्रपतियों , अब्राहम लिंकन , और जॉन ऍफ़ केनेडी की जीवन कथा में घटे एक जैसे संयोगों पर है।  यह सारे संयोग घटे हैं या नहीं , यह संशय मुझे आज भी है। आप भी इस संशय से शायद ही मुक्त हो पाएं।

इतिहास के बारे में एक बहुत प्रचलित कथन है कि वह खुद को दुहराता है। दर असल इतिहास नहीं दुहराता है। हम खुद की गलतियों और उपलब्धियों को दुहराते हैं।  और यह हम जाने अनजाने करते रहते हैं। मनुष्य स्वभावतः गलतियों के दोष को अपने ऊपर नहीं लेना चाहता है।  वह उसे कहीं और टांगना चाहता है। जैसे घटते बढ़ते हम हैं और दोष कपड़ों को देते हैं। जो ऐतिहासिक तथ्य मैं आप से साझा कर रहा हूँ , उसे कुछ मैंने सच पाया है। लेकिन आप इस पर आगे अध्ययन कीजियेगा ताकि इस विचित्र किन्तु सत्य को समझा जा सके। 

                                 ( जॉन ऍफ़ केनेडी )

यह सन्देश मुझे किसी ने भेजा है।  शायद इतिहास में रूचि रखने वाले मेरे दोस्तों को यह पसंद आये और वे इसकी व्याख्या कर पाएं। .                  

अब्राहम लिंकन अमेरिकी कांग्रेस के लिए 1846 में चुने गए।
जॉन ऍफ़ केनेडी भी अमेरिकी कांग्रेस के लिए 1946 में चुने गए।

अब्राहम लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति के पद पर 1860 में चुने गए।
जॉन ऍफ़ केनेडी भी अमेरिकी राष्ट्रपति के पद पर 1960 में चुने गए।

दोनों ही नागरिक अधिकारों के लिए संघर्षशील रहे।
दोनों के ही एक बच्चे का निधन तब हुआ जब वे अमेरिका के राष्ट्रपति भवन में थे।
दोनों ही राष्ट्रपतियों की गोली मार कर ह्त्या की गयी और वह भी दोनों की जिस दिन ह्त्या की गयी वह शुक्रवार का ही दिन था।
दोनों के ही सिर में गोली मारी गयी।

संयोग यहीं समाप्त होता है। आगे पढ़िए।

अब्राहम लिंकन के निजी सचिव का नाम केनेडी था।
जॉन ऍफ़ केनेडी के भी निजी सचिव का नाम लिंकन था।

दोनों ही  हत्यारे संयुक्त राष्ट्र के दक्षिणी प्रांत से थे।
दोनों ही राष्ट्रपतियों के उत्तराधिकारी भी दक्षिणी प्रांत के थे और दोनों का ही नाम जॉनसन था।

अब्राहम लिंकन के उत्तराधिकारी एंड्रयू जॉनसन का जन्म 1808 में हुआ था।
जॉन ऍफ़ केनेडी के भी उत्तराधिकारी लिंडन जॉनसन का जन्म 1908 में हुआ था।

जॉन बिलकीस बूथ , जिसने अब्राहम लिंकन की ह्त्या की थी , का जन्म 1839 में हुआ था।
ली हेनरी ओसवाल्ड जिसने जॉन ऍफ़ केनेडी की हत्या की थी का भी जन्म 1939 में हुआ था।

दोनों ही हत्यारों के नाम तीन शब्दों में थे।
दोनों  हत्यारों के नाम का जोड़ अंग्रेज़ी वर्णमाला के अनुसार पंद्रह अक्षरों का बैठता है।

अब ज़रा और विचित्र समता देखिये।

अब्राहम लिंकन की ह्त्या जिस थियेटर में हुयी थी , उसका नाम फोर्ड था।
जॉन ऍफ़ केनेडी की ह्त्या जिस मोटर कार में हुयी थी , उसका नाम लिंकन था, और वह फोर्ड कंपनी द्वारा बनायी कार थी।
दोनों ही हत्यारे , बूथ और ओसवाल्ड अपने ऊपर लगाए हत्या के मुक़दमे की सुनवाई के पूर्व ही मार डाले गए थे।

अपनी ह्त्या के एक सप्ताह पहले अब्राहम लिंकन मेरीलैंड के मुनरो नामक स्थान में थे।
जॉन ऍफ़ केनेडी भी अपनी हत्या के एक सप्ताह पहले प्रख्यात हॉलीवुड अभिनेत्री मर्लिन मुनरो के पास थे।

और ,
अब्राहम लिंकन की हत्या एक थियेटर में हुयी थी, तथा हत्यारा वहाँ से एक वेयर हाउस में शरण के लिए भागा था।
जॉन ऍफ़ केनेडी की हत्या एक वेयर हाउस के छत से हुयी थी और उनका हत्यारा शरण लेने के लिए एक थियेटर की और भगा था।

क्या यह घटनाक्रम , संयोग, आप को अचंभित नहीं करते ??
-vss


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