Tuesday, 13 May 2014

A poem.... Buddha Emerges..... Vijay Shanker Singh

बुद्ध विश्व के सर्वाधिक प्रखर चिंतकों में से एक थे. पूर्णिमा का उनके जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रहा है. पूर्णिमा को ही वह इस धरती पर आये, पूर्णिमा को ही उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ, और पूर्णिमा को ही वह महा निर्वाण को प्राप्त हुए. लुम्बिनी में उनका जन्म हुआ, बोधगया में उन्हें ज्ञान मिला, वह प्रबुद्ध हुए, सारनाथ में उन्होंने प्रथम बार अपने धर्म का उपदेश दे कर धर्म चक्र प्रवर्तन किया और कुशीनगर में जिसे उस समय कुशिनारा कहा जाता था में देह छोड़ा. 

बुद्ध अनीश्वरवादी थे, या नहीं. लेकिन उनके विचार तर्क पूर्ण होते थे. ईश्वर के अस्तित्व जैसे विवादित प्रश्नों पर वह सदैव मौन हो जाते हैं. चत्वार आर्य सत्यानि. उनका धर्म का मूल था. दुःख के इर्द गिर्द घूमता उनका चिंतन मानव कल्याण को समर्पित था. उनका धर्म विश्व का सबसे प्रथम मिशनरी धर्म था. उन्होंने धर्म प्रचार के लिए संघाराम बनाए, लोगों को संघ में शामिल किया और धीरे धीरे पूरे एशिया में उनका धर्म फ़ैल गया. बिना एक क़तरा खून बहाए धर्म विस्तार का यह अनोखा इतिहास है.

आप सब को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं. बुद्ध ने कहा था कि
"कोई कथन मैं कह रहा हूँ, इस लिए इसे मत स्वीकार करो. बल्कि विवेक की कसौटी पर उसे परखो और अगर लगे कि वह उचित है तो उसे स्वीकार करो "
आज जब सिर्फ मेरी ही बात सच है, मेरा ही धर्म सर्वश्रेष्ठ है की धारणा से मस्तिष्क को एक खोल में समेट लिया है तो बुद्ध अचानक प्रासंगिक हो उठते हैं. दुःख ने सिद्धार्थ को संवेदीक्रित किया. दुःख ने उन्हें महाभिनिश्क्रिमान को प्रेरित किया. दुःख ने उन्हें इसके उत्स, और निदान पे सोचने को बाध्य किया और समस्त मार को पराजित करते हुए, जिसे पूर्णिमा का चाँद निर्भर आकाश में एक अद्भुत आलोक के साथ उगता है, वैसे ही सिद्धार्थ प्रबुद्ध हुए.

मेरे ब्लॉग लोक माध्यम पर मेरी कविता पढ़ें .



From the ocean of silence,
Buddha emerges slowly,
With full of confidence,
Leaving his steps on the wet sands of Time,
Reaches your door .

He knocked.
The door gives the way.
A beam of gentle Light, full of happiness,
Overpowering all the sorrows of the world,
Slowly and slowly,
Spreads in you.

Leaves no space for darkness,
The Light Of Asia enlightens you !
Stay blessed.
Always !!
-vss 



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