दोस्तों में
ज़िंदगी
ज़िंदगी दोस्तों में मिला करती है ,
और , ये , दोस्त भी अजीब होते हैं,
देने पर आयें तो , जान दे दें ,
लेने पर आ जाएँ तो हंसी तक छीन लें !
कहने पर आयें तो दिल के तमाम राज़ कह दें ,
और ,छुपाने लग जाएँ तो यह तक न बताएं कि खफा क्यों हैं .
नाराज़ हों तो सांस तक न लेने दें ,
मनाने पर आ जाएँ तो अपनी साँसें न्योछावर कर दें .
सच तो यह है ,
दोस्त, ज़िंदगी में नहीं मिला करते ,
बल्कि , ज़िंदगी दोस्तों में मिला करती है ...
Zindagi doston me
mila karti hai...
Aur ye dost bhi
ajeeb hote hai...
Dene pe aaye to
jaan dede...
Lene pe aaye to
hansi tak chhinle...
Kehne pe aaye to
dil ke tamam raaz tak keh de...
Chhupane pe aaye
toh yeh tak na bataye k khafa kyu hai..
Naraz hone pe aaye
to sans tak na lene de...
Manane pe aaye to
apni sanso ko vaar de...
Sach to yeh hai,
Dost zindgi me
nahi mila karte..
Balki zindagi
"Dosto" me mila karti hai.
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