12 अक्टूबर को सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का एक ट्वीट आया जिसमे उन्होंने मामल्लपुरम या महाबलीपुरम के एक सागर तट पर सुबह आधे घँटे तक तट पर पड़े हुए प्लास्टिक की बोतलों और अन्य कचरे को उठाया तथा स्वच्छता अभियान का संदेश दिया। आज कल पीएम महाबलीपुरम में हैं जहां वे चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में गये हैं। शी जिनपिंग भारत की सरकार यात्रा पर हैं। इस बार दोनों देशों के बीच शिखर वार्ता महाबलीपुरम में हुयी है।
महाबलीपुरम, तमिलनाडु का एक पर्यटक स्थल है। बंगाल की खाड़ी के किनारे मंदिरों के संकुल से समृद्ध महाबलीपुरम, सातवीं सदी में पल्लव राजाओं की राजधानी था और दक्षिण भारत के इस गौरवशाली साम्राज्य के अतीत का साक्षी है। सागर तट का मंदिर, जिसे शोर ( तटीय ) टेंपल कहते हैं वह सबसे सुंदर और आकर्षक मंदिर है और द्रविड़ स्थापत्य का उत्कृष्ट उदाहरण भी है।
महाबलीपुरम जिसका पुराना नाम मामल्लपुरम है के सागर तट पर काले कपड़ो में प्रधानमंत्री जी को पतली प्लास्टिक पन्नी के थैले में साधक भाव के मनोयोग से कूड़ा उठाना देख कर अच्छा लगा। सार्थक सन्देश है। यह संदेश ग्रहण कीजिए। पीएम जहां भी जाते हैं, उनकी अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था रहती है। फिर यहां तो दो देशों की शिखर वार्ता है तो चीन के सुरक्षा तँत्र ने अपने राष्ट्रपति की भी सुरक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ी होगी। पीएम की संभावित यात्रा के सभी स्थानों का एन्टी सैबोटेज और एंटी माइन्स चेक होता है और साफ सफाई भी होती है। यहां भी हुयी होगी, पर कुछ कूड़े छोड़ दिये गए होंगे ताकि उन्हें उठाकर पीएम हमें स्वच्छ भारत का संदेश देंगे।
यह कूड़ा भी ऐसा वैसा कूड़ा नही है। यहां आने के पहले यह सघन जांच से गुजरा होगा। आज के तकनीकी युग मे कब कौन सी चीज जानलेवा बन जाये यह कहा नहीं जा सकता है। वैसे भी यह पीएम के आगमन का मामला है यह कोई दिल्लगी नहीं है। जो लोग वीवीआइपी ड्यूटी में रह चुके हैं वे इसकी गम्भीरता से अवगत हैं। फिर भी एक सार्थक और उपयोगी संदेश के रूप में इस सुंदर कार्य की मीमांसा किये बगैर पीएम के इस कदम से जो सन्देश स्वर प्रसारित हो रहा है उसका अनुश्रवण करना चाहिये।
हम सब घूमने फिरने सागर तट पर जैसी जिसकी सामर्थ्य है उसी के अनुरूप, पर्यटन हेतु जाते रहते हैं। पर हम वहां कूड़ा बीनें या न बीनें पर कूड़ा तो न फेंके और न ही फैलाएं। प्रधानमंत्री जी मे एक बात बहुत अच्छी है कि वह कभी फूल की पंखड़ी तो कभी तट पर कूड़ा उड़ा कर फ़ोटो ट्वीट कर देते हैं, और एक संदेश दे देते हैं कि सफाई के प्रति सजग रहें। वैसे जिस सागर तट पर प्रधानमंत्री जी कूड़ा उठा रहे हैं वह चेन्नई के सबसे साफ सुथरे सागर तट में शुमार किया जाता है। यह तट, ताज ग्रुप के रिसॉर्ट फिशरमैन कोव के सामने का है औऱ इसका रख रखाव ताज ग्रुप करता है। अब ताज विज्ञापन देकर कहेगा कि वहां कूड़ा नहीं था, बल्कि इसी काम के लिये लाया गया था।
जब कूड़ा उठा कर सागर तट साफ करने की बात चली है तो, एक और व्यक्ति देश मे है जिसने अपने दम पर सागर तट से कूड़ा उठा कर तट को साफ क़िया। वह व्यक्ति है, मुंबई में वर्सोवा सागर तट पर पिछले तीन साल से स्वेच्छा से कूड़ा बीन बीन कर तट की सफाई करने वाला एक सामान्य व्यक्ति अफरोज शाह। अफरोज पिछले तीन साल से वर्सोवा सागर तट पर आते है और जितना संभव होता है कूड़ा उठा कर वर्सोवा बीच का जितना भी भाग साफ कर सकते है करते है। उन्हें इस सफाई के काम के लिये कोई भी तनख्वाह न तो म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन से मिलती है और न ही महाराष्ट्र सरकार से।
पहले उन्होंने यह काम अकेले शुरू किया फिर उन्होंने अपने कुछ साथी मित्रों को स्वेच्छा से यह काम करने के लिये जोड़ा। धीरे धीरे लोग जुड़ते गये और यह साफ सफाई का सिलसिला चल निकला। अब तक 20 मिलियन किलो कूड़ा अफरोज शाह और उसके साथी मिलकर इस सागर तट से उठा चुके हैं। अफरोज शाह का यह कूड़ा उठाओ और वर्सोवा बीच साफ करो अभियान 2018 में तीन साल पूरा कर चुका है। वर्सोवा सागर तट मुंबई शहर का सबसे प्रदूषित सागर तट है। 2.5 किमी लंबा यह सागर तट अब सबसे साफ तट हो गया है।
अब जाकर बृहनमुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने सागर तटों को साफ करने के लिये एक निजी कम्पनी को 22 करोड़ का ठेका दिया है। अफरोज शाह जैसे बहुत से लोग होंगे जो गुमनामी में अपने मिशन में जुटे होंगे, जिन्हें मुश्किल से ही प्रचार मिल पाता होगा। 2018 में जब अफरोज शाह के काम की सराहना हुयी तो प्रेस ने भी उनके कार्य को सबक़े सामने रखा। अफरोज ने कहा कि यह उनके लिये यह खुशी की बात है कि उनका मिशन पूरा हुआ और अब वे शहर के अन्य प्रदूषित सागर तटों की सफाई में भी अपने वालंटियर के साथ जुटेंगे। उनका उद्देश्य जनता को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाना है।
यह एक निर्मम सच है कि दुनियाभर के सागर तट ऐसे कचरों से प्रदूषित हो रहे हैं। उनका साफ होना बहुत ज़रूरी है। हमारे पीएम दुनिया के पहले पीएम हैं, जिन्होंने सागर तट पर कूड़ा बीन कर स्वच्छता का संदेश दिया है।
© विजय शंकर सिंह
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