यह भी पहली बार ही ज्ञात हुआ कि पाकिस्तान किसी अन्य या भारत जैसे बड़े देश के एक राज्य में सीएम बनवाने की हैसियत में आ गया है ।
बीबीसी के एक समाचार के अनुसार 10 दिसंबर को बनासकांठा के पालनपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि गुजरात के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीमापार से मदद से ले रहे हैं ।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, मोदी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना के पूर्व डायरेक्टर जनरल सरदार अरशद रफ़ीक़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं ।
इसके साथ ही मोदी ने मणिशंकर अय्यर के 'नीच' शब्द वाले बयान पर एक बार फिर हमला किया और कहा, ''पाकिस्तान के उच्चायुक्त के साथ बैठक करने के बाद वे मुझे नीच बुलाते हैं.''
मोदी ने कहा, ''मीडिया में ऐसी ख़बरें थी कि मणिशंकर अय्यर के घर एक गुप्त बैठक की गई जिसमें पाकिस्तान के उच्चायुक्त समेत, पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री, भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल हुए.''
एक तरफ 150 सीट जीतने की आशा, दूसरी तरफ #पाकिस्तान का #अहमद_पटेल को #सीएम बनाने की कोशिश का आरोप। यह हताशा है, घबराहट है या रहस्योद्घाटन है ? क्या है यह ? अहमद पटेल सीएम हों या न हों, लेकिन यह आरोप गम्भीर है और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।
जिस पाकिस्तान को 1965 में लाल बहादुर शास्त्री जी की नेत्रित्व क्षमता ने कम साधन होने पर भी खदेड़ दिया था और हम लाहौर तक पहुंच गए,
जिस पाकिस्तान के दो टुकड़े इंदिरा गांधी ने अमेरिकी सरपरस्ती के बाद कर के अलग कर दिये,
जिस पाकिस्तान के करगिल में अटल सरकार के समय दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में बिना एलओसी को पार किये भारतीय सेना ने छक्के छुड़ा दिए,
इसी सरकार के समय सेना ने कुशलता पूर्वक पाक सीमा में घुस कर सर्जिकल हमला कर आतंकियों के ठिकाने ध्वस्त किये ,
जिस पाकिस्तान को पिछले 70 साल से कश्मीर में सेना सफल नहीं हो दे रही है,
वही पाकिस्तान आज इस हैसियत में आ गया है कि वह हमारे एक प्रांत का मुख्य मंत्री तय कर रहा है !
यह तो कमाल की बात है।
इस से भी कमाल की बात यह है कि पाकिस्तान के इस षडयंत्र का राज पीएम सर को खुद ज्ञात है । यह भी पता है कि षडयंत्र में कौन कौन शामिल है ।
फिर भी अगर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं हो रही है तो उसका दोष किस पर है ?
और अगर आज पाकिस्तान की यह हिम्मत पड़ रही है तो इसका कारण कहीं यह तो नहीं कि,
पीएम बिना बुलाये, बिना किसी औपचारिक मुलाक़ात के नवाज़ शरीफ़ के घर तशरीफ़ ले गये ।
आईएसआई जो समस्त पाक आतंकियों की जननी है को बुला कर पठानकोट एयरबेस का मुआयना कराया ।
मणिशंकर अय्यर जा कर पाकिस्तान में मोदी जी की सुपारी दे आते हैं और निर्द्वन्द्व देश मे विचरण करते रहते हैं और सारी सरकारी जांच एजेंसियां चुप है और हाँथ पर हाँथ धरे बैठी रहती हैं और पीएम बेचारे की तरह अपनी व्यथा हम सब से कहते हैं ! यह उनकी शालीनता है या अकर्मण्यता यह तो वे ही जानें पर इतने गम्भीर आरोपों पर चुप्पी तो प्रशासनिक अक्षमता ही है। अहमद पटेल,मणि शंकर अय्यर और डॉ मनमोहन सिंह को पाकिस्तानी अफसर के साथ साज़िश रचने के आरोप में सरकार को उनके खिलाफ तत्काल कार्यवाही करनी चाहिये।
एक क्षण के लिये अगर इसे सच मान भी लें तो यह एक गम्भीर अंतरराष्ट्रीय साज़िश का माया जाल हो सकता है, और इसके तार अमेरिका से जुड़ेंगे या फिर चीन से । अमेरिका का सीआईए दशकों से तीसरी दुनिया के देशों को अस्थिर करने में कभी लगा रहता था, पर अब वह थोड़ा शिथिल पड़ गया है। चीन अब इस खेल का नया खिलाड़ी हो सकता है ।
© विजय शंकर सिंह
सटीक बात कही आपने
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