Thursday, 21 September 2017

न्यूयॉर्क में राहुल गांधी के भाषण का हिंदी अनुवाद / विजय शंकर सिंह

न्यूयार्क के टाईम्स स्क्वायर में कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी के मूल अंग्रेजी भाषण का हिन्दी अनुवाद

"धन्यवाद, धन्यवाद सैम और धन्यवाद शुभ जी!

मैं मंच पर उपस्थित सभी लोगों का स्वागत करता हूं और इस हॉल में मौजूद आप में से हर एक का स्वागत करता हूं। आपको पता है कि कई साल पहले सैम भारत आये थे और उन्होंने अभी आपको इंदिरा गांधी जी द्वारा उनके प्रेजेंटेशन को सुनने की बात बतायी। मुझे लगता है सैम ये 1982... 1979 की बात है। मुझे लगता है कि आप दोबारा 1982 में आये। तो वे 1982 में जब आये तो उस समय मैं 12 वर्ष का था और एक सुबह मेरे पिता ने मुझे कहा कि एक प्रेजेंटेशन होने वाला है और तुम्हें आना है। तब प्रेजेंटेशन क्या होता है मुझे ये नहीं पता था। मैंने सोचा कि मुझे कोई ईनाम मिलेगा। खैर… मैं वहां गया और मेरी बहन और मैं कमरे में पीछे की तरफ चुपचाप बैठ गये और हम वहां 6 घंटे तक बैठे रहे। और सैम तथा मेरे पिता कंप्यूटर पर चर्चा करते रहे। मुझे नहीं पता था कि ये कम्प्यूटर क्या चीज है। वास्तव में 1982 में कोई भी नहीं जानता था कि कम्प्यूटर होता क्या है। मेरे लिए ये एक बॉक्स था जिसमें टीवी स्क्रीन लगा हुआ था। मेरे लिए यह उस पर एक टीवी स्क्रीन के साथ एक छोटे से बॉक्स की तरह दिखता था। और सच कहूं तो मुझे वो प्रेजेंटेशन पसंद नहीं आया क्योंकि बच्चे के तौर पर मुझे वहां 6 घंटे तक बैठना अच्छा नहीं लगा। और 4-5 साल बाद मैंने उस प्रेजेंटेशन का नतीजा देखना शुरु किया। प्रधानमंत्री कार्यालय में टाइपराईटर होता था और हर कोई टाईपराईटर का इस्तेमाल करना चाहता था। सैम और मेरे पिता ने पीएमओ में कहा कि अब हमें कंप्यूटर का इस्तेमाल करना होगा। और हर किसी ने उस समय कहा कि नहीं। हमें अपना टाईपराईटर ही पसंद है, हमें कंप्यूटर नहीं चाहिये। तब सैम और मेरे पिता ने अपनी विशिष्ट शैली में कहा कि ठीक है आप अपना टाईपराईटर रखें लेकिन जो हम करना चाहते हैं वो एक महीने के लिए टाईपराईटर की जगह कंप्यूटर का इस्तेमाल है। और एक महीने के बाद हम आपको आपका टाईपराईटर वापस दे देंगे। उन लोगों ने उन्हें एक महीने के लिए कंप्यूटर दिया और एक महीने बाद उन लोगों ने कहा कि ठीक है अब हम आपको आपका टाईपराईटर वापस लौटा रहे हैं, तब हर किसी ने लड़ना शुरु कर दिया कि नहीं हमें अब टाईपराईटर वापस नहीं चाहिए, हमें कंप्यूटर चाहिए। विचारों को भारत में आने में समय लगता है। लेकिन जब आईडिया अच्छा हो तो भारत उसको तेजी से समझता है और उसे तेजी से अपनाता है और दुनिया को दिखा देता है कि इसका बेहतर ढंग से इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।

मैं कार में सैम से बात कर रहा था और मैंने उन्हें एक बात कही और उन्होंने कहा कि ओह! मैंने तो इसके बारे में कभी सोचा ही नहीं। आप सभी एनआरआई हैं कांग्रेस आंदोलन, मूल कांग्रेस आंदोलन एक एनआरआई आंदोलन था; महात्मा गांधी एक प्रवासी भारतीय थे, जवाहरलाल नेहरु इंग्लैंड से वापस लौटे थे, अम्बेडकर, आज़ाद, पटेल ये सभी एनआरआई थे। उनमें से हर कोई बाहरी दुनिया में गया था, बाहरी दुनिया को देखा था, भारत वापस लौट आया और जो कुछ विचार उन्हें हासिल हुआ उससे भारत को बदल दिया। मैं इससे भी आगे जाऊंगा। भारत में सबसे बड़ी सफलता, हालांकि भाजपा के मित्र कहते हैं कि कुछ भी नहीं हुआ, लेकिन भारत में हमारी सबसे बड़ी सफलताओं में से एक दुग्ध क्रांति है, भारत में अधिकांश लोग दूध पीते हैं, उसे कुरियन नाम के व्यक्ति जो खुद एनआरआई थे, ने संभव कर दिखाया। वे अमेरिका से वापस आये और उन्होंने भारत को बदल दिया। सैम एक और उदाहरण हैं। और इस प्रकार के हजारों-हजार उदाहरण हैं जिनके बारे में हमें पता नहीं है। तो इससे पहले कि मैं अपने भाषण की गहराईयों में जाऊं, मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं सेंट फ्रांसिस्को, लॉस एंजिल्स, वाशिंगटन, न्यूयॉर्क में गया, मैंने प्रिंसटन और बर्कले में लोगों को संबोधित किया और जहाँ भी मैं गया आप लोगों के करण मुझे एक भारतीय होने पर गर्व महसूस हुआ। इस देश में आप लोग हर जगह हैं यहां भारतीय व्यक्ति है जो अमेरिका के लिए काम कर रहा है, भारत के लिए काम कर रहा है, शांति से रह रहा है और इस देश और तथा भारत देश का निर्माण कर रहा है। तो मैं आपको यह बताकर अपनी बात की शुरुआत करना चाहता हूं कि वास्तव में आप हमारे देश की रीढ़ हैं। कुछ लोग भारत को एक भौगोलिक संरचना के तौर पर देखते हैं। वे भारत को जमीन के एक टुकड़े के रूप में देखते हैं। मैं भारत को जमीन के एक टुकड़े के रूप में नहीं देखता। मैं भारत को विचारों के एक समूह के तौर पर देखता हूं। तो मेरे लिए, कोई भी व्यक्ति जो भारत के विचारों को तैयार करता है, वह भारतीय है। हमारे देश में कई सारे धर्म हैं। हमारे देश में कई सारी अलग-अलग भाषाएं हैं। उनमें से हर कोई मिलजुल कर खुशी से रहता है। और वे ऐसा करने में इसलिए सफल हुए हैं क्योंकि इसका कारण कांग्रेस पार्टी के विचार हैं।

सैम पित्रोदा ने अभी कहा कि कांग्रेस 130 साल पुरानी है। ये सही बात है। कांग्रेस का संगठन 100 साल से थोड़ा अधिक पुराना है। लेकिन भारत में कांग्रेस के विचार हजारों साल पुराने हैं। सैम! हम सिर्फ एक संगठन का प्रतिनिधित्व नहीं करते बल्कि हम एक दर्शन का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो हजारों साल पुराना है। और मैं आपको थोड़ा बताता हूँ कि वो दर्शन क्या है। गांधी जी ने वास्तव में किसके लिए लड़ाई लड़ी? हमारा स्वतंत्रता संग्राम किस लिए था? कुरियन जी ने क्या काम किया? सैम पित्रोदा ने क्या किया और हजारों प्रवासी भारतीयों ने क्या किया? ये सभी सच के लिए खड़े हुए। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके सामने क्या खड़ा है। जब वे किसी चीज पर भरोसा करते हैं और उन्हें यकीन होता है कि ये सच है तो वे इसके लिए खड़े हो जाते हैं और इसके लिए उन्हें कीमत चुकानी पड़ती है। यही कांग्रेस का विचार है।

मेरी इस यात्रा के दौरान मैंने काफी बातचीत की। मैं प्रशासन के काफी लोगों से मिला, मैंने डेमोक्रेटोक और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों के लोगों से मुलाकात की, मैं कई दोस्तों से मिला, एनआरआई दोस्तों से मिला। और मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं हैरान रह गया। क्योकि इससे पहले कि मैं उन्हें कुछ बता पाता कि मैं किस बारे में चिंतित हूं, उन लोगों ने मुझे ठीक वही बात कह दी। और सबसे बड़ी बात ये थी कि ज्यादातर लोगों ने मुझे बताया कि भारत में प्रबल रहने वाली सहिष्णुता का क्या हुआ? भारत में सद्भावना का क्या हुआ?

कई सारी चुनौतियां हैं जिनका भारत को सामना करना पड़ रहा है। सबसे बड़ी चुनौती, और मैं आपको इसके आंकड़े दूंगा, हर दिन 30,000 युवा लोग नौकरी बाजार में शामिल होते हैं। इसका मतलब है कि 24 घंटे में 30,000 नये भारतीय नौकरी के लिये बाजार में आते हैं। आज उनमें से केवल 450 को ही नौकरी मिल रही है। मैं बेरोजगारों के बारे में बात नहीं कर रहा हूं। मैं बता रहा हूं कि हर एक दिन 30,000 नये लोग आते हैं और केवल 450 लोगों को ही नौकरी मिलती है। हमारे देश के सामने ये सबसे बड़ी चुनौती है और इस चुनौती को लोगों को एकजुट करने तथा इस समस्या का समाधान करके एकीकृत दृष्टिकोण के निर्माण से संबोधित किया जा सकता है।

हम भारत में हर किसी चीज पर चर्चा करते हैं। भारत में बांटने वाली राजनीति चल रही है, लेकिन भारत का सामना जिस असली चुनौती से है वो नौकरी के लिए आने वाले 30000 युवाओं और उनमें से केवल 450 को नौकरी मिलने को लेकर है। यदि ऐसे ही चलता रहा तो आप कल्पना कर सकते हैं कि क्या परिणाम होंगे। भारत यदि अपने युवाओं को रोजगार नहीं दे पाता तो वो उन्हें कोई दृष्टिकोण नहीं दे सकता। इस समस्या का हल करने के लिए कांग्रेस पार्टी के पास दूरदृष्टि है। और मैं इस विजन के बारे में थोड़ा आपको बताना चाहता हूं। इस समय पूरा फोकस 50 - 60 काफी बड़ी कंपनियों पर है। मेरा मानना है कि यदि आपको भारत में लाखों-करोड़ों रोजगार पैदा करने हैं तो ये छोटे और मध्यम कारोबार को सशक्त बनाकर ही किया जा सकता है। ये काम उद्यमियों को सशक्त बनाकर किया जा सकता है। दूसरा, मैं आपको एक और आंकड़ा बताता हूं। भारत में 40 प्रतिशत सब्जियां सड़ जाती हैं। कृषि को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यहां पंजाब के लोग भी हैं। आप समझ सकते हैं कि मैं वास्तव में क्या कह रहा हूं। कृषि हमारी सामरिक संपत्ति है। हमें कृषि का निर्माण करने की जरुरत है, हमें शीत भंडारण श्रृंखला विकसित करने की जरूरत है, हमें खेतों के पास फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की जरूरत है और हमें भारतीय कृषि को सशक्त बनाने की जरूरत है। अगर हम अपने किसानों को सशक्त बनाते हैं तो हमें लाखों नौकरियां मिल सकती हैं।

स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं बदलने वाली हैं और बर्कले में मैंने अपने भाषण में ये बात कही थी। आज स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी सभी जानकारियां डॉक्टरों को याद हैं। आने वाले कल में ये सारी जानकारियां कंप्यूटर पर होने जा रही हैं। भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। हम बहुत हृदय शल्य चिकित्सा, नेत्र शल्य चिकित्सा सहित काफी संख्या में शल्य क्रियाएं करते हैं। हमें इन सबकी गहरी समझ है कि इन्हें कैसे किया जा सकता है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भारत के लिए बड़ा अवसर है। हम दुनिया के स्वास्थ्य सेवा केंद्र बन सकते हैं। लेकिन हमें आज इसके लिए योजना बनानी होगी। और मैं केवल स्वास्थ्य पर्यटन के बारे में बात नहीं कर रहा हूं। मैं ऐसी प्रणाली के निर्माण के बारे में बात कर रहा हूं जिससे भविष्य में चिकित्सा प्रक्रियाओं का बड़ा हिस्सा हमारे देश में किया जायेगा।
मैं आईआईटी के लिए भी इसी तरह का दृष्टिकोण आपको बता सकता हूं। मैं बर्कले में गया। कल मैं प्रिंस्टन में था। अमेरिकी विश्वविद्यालय ज्ञान नेटवर्क हैं। सूचनाएं उनके भीतर दौड़ती हैं। वे व्यापार से जुड़े हुए हैं, वे अर्थव्यवस्था से जुड़े हुए हैं। हमारे आईआईटी शानदार संस्थान हैं, लेकिन वे नेटवर्क नहीं हैं। अगर हम अपने आइआइटी को अपने उद्योगों से जोड़ते हैं तो अगर हम अपने आईआईटी को दुनियाभर के कारोबारों से जोड़ते हैं, तो वे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के साथ प्रतिस्पर्धा करना शुरू कर देंगे। ये सारी चीजें हैं जो की जा सकती हैं।

लेकिन मैं वापस अपने भाषण की शुरुआत में जाना चाहता हूं। आपको शामिल होने की जरूरत है। आपके पास जबरदस्त ज्ञान है, आपके पास शानदार समझ है, आप विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं। मैं आपको आगे आने और आगे बढ़ने के दृष्टिकोण पर कांग्रेस पार्टी के साथ काम करने के लिए आमंत्रित करना चाहता हूं। हम आपकी मदद लेना चाहते हैं और देखिए, सैम पित्रोदा ने अकेले दूरसंचार उद्योग को बदल कर रख दिया। हम एक सैम पित्रोदा को नहीं चाहते। हम कम से कम 10-15 सैम पित्रोदा चाहते हैं, क्योंकि भारत में काफी काम करना है। अंतिम बात मैं आपसे कहना चाहता हूं। भारत ने हमेशा दुनिया को दिखाया है कि भाईचारे के साथ कैसे रहना है। हजारों वर्षों से भारत के शांति और भाईचारे की इज्जत रही है। इसे चुनौती दी जा रही है। हमारे देश में ऐसी ताकतें हैं जो देश को विभाजित कर रही हैं और देश के लिए यह बहुत खतरनाक है। और यह विदेशों में हमारी साख को बर्बाद कर रहा है।

डेमोक्रेटिक पार्टी के, रिपब्लिकन पार्टी के काफी सारे लोगों ने मुझसे पूछा कि हमारे देश में क्या हो रहा है। हम हमेशा विश्वास करते थे कि आपका देश एकजुटता से काम करता है। हम हमेशा मानते थे कि आपका देश शांतिपूर्ण है, आपके देश में क्या हो रहा है? और इसी चीज के खिलाफ हमें लड़ना है। दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बेहद महत्वपूर्ण है। दुनिया बदल रही है और लोग हमारी तरफ देख रहे हैं। चीन उभर रहा है, अमेरिका के साथ हमारे संबंध हैं। हिंसक दुनिया के कई देश भारत की तरफ देख रहे हैं, और कह रहे हैं कि 21वीं सदी में शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का जवाब भारत दे सकता है। इसलिए हम अपनी सबसे ताकतवर संपत्ति खो नहीं सकते। हमारी सबसे बड़ी संपत्ति खुशी, शांति और प्यार से रहने वाली 130 करोड़ जनता है। और पूरी दुनिया ने हमें इस चीज के लिए सम्मान दिया है। और यही वो चीज है जिसे हम कांग्रेस के लोग, हममें से हर एक को बचाना है। एक देश के रूप में भारत सभी लोगों के लिए है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे कौन हैं, मैं अपने सिख भाइयों को देख सकता हूं, मैं विभिन्न राज्यों के लोगों को देख सकता हूं।

भारत अकेले आप में से किसी से संबंधित नहीं है बल्कि भारत इस पूरे कमरे से जुड़ा हुआ है। भारत का रिश्ता हम सभी से है और यही कांग्रेस पार्टी है। मैं एक बार फिर से आप सभी को बहुत धन्यवाद करना चाहता हूं। और मैंने सैम को बताया है कि, सैम आप जब भी चाहें कि मैं अमेरिका आऊं, आप जहां कहीं भी मुझे बुलाना चाहें बस मुझे एक फोन कर दें मैं हाजिर हो जाऊंगा। और अंतिम बात मैंने आज सैम को बताया। उन्होंने तस्वीरों के बारे में कहा और मैंने कुछ सीखा है। सैम, हमारे यहां व्यक्तिगत फोटोग्राफ चलती है तो मुझे लगता है कि अगली बार हमारे पास काफी समय होगा ताकि हम एक दूसरे के साथ सेल्फी और फोटो ले सकें।
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

आप सभी को शुभकामनाएं"

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